-कमलेश भारतीय यह बाजीगर फिल्म का बहुत चर्चित संवाद है -हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं । यह याद आया जब आस्ट्रेलिया में क्रिकेट टीम ने सीरीज जीती और आस्ट्रेलिया को तीसरे स्थान पर धकेल दिया । जब सीरीज शुरू हुई तब आस्ट्रेलिया नम्बर वन पर था और सीरीज खत्म होने पर आस्ट्रेलिया तीसरे स्थान पर धकेल दिया । यह है कमाल । अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में यह कमाल हो गया । जिस अजिंक्य रहाणे की जगह भी टीम में कभी सुनिश्चित नहीं होती, वही अजिंक्य रहाणे दूसरा मिस्टर कूल साबित हुआ । यह भी कि अंजिक्य के साथ इंसाफ नहीं किया जा रहा । क्रिकेट टीम ने अंतिम मैच जीता और सीरीज अपने नाम की । भारतीय दर्शक इसी में खुश थे कि किसी तरह यह मैच ड्राॅ खींच ले जाये भारतीय टीम । जैसे पिछला मैच बचाया था ड्राॅ करके । पर यह तो सुखद आश्चर्य में बदल गया कि ऋषभ पंत ने बल्ले से खेल दिखाया और मैच भारत की झोली में डाल दिया । दूसरे खिलाड़ी भी जमे तभी सफलता मिली । सीधी बात कि सफलता एकजुट टीम को मिली । जिसने अच्छा खेला , वही जीता । क्या उस टीम से यह उम्मीद लगाई जा सकती थी जो एक पारी में सिर्फ 36 रन पर ही सिमट कर न्यूनतम स्कोर बना सकी ? बिल्कुल । इसीलिए कहते हैं कि हार कर जीतने वाले को जादूगर कहते हैं और यह जादू दिखा दिया भारतीय क्रिकेट टीम ने । सफलता के लिए बड़े सबक हैं इस जीत में कि आखिरी समय तक हिम्मत न छोड़ो और लगे रहो मुन्ना भाई । आखिरी चाबी तक लगे रहो कोशिश में । खिलाड़ी और वकील कभी नहीं हारते । बस । यही हौंसला जरूरी है । क्रिकेट और जीवन एक समान ही हैं । बहुत से सबक मिलते हैं । सिर्फ इसे खेल ही न समझो । Post navigation सरकार , किसान नेता और महिलाएं किसानों की ट्रैक्टर रैली पर दखल नहीं देगा सुप्रीम कोर्ट, कहा- ये पुलिस के अधिकार क्षेत्र का मामला है