नई दिल्ली: कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार भले ही टालमटोल का रवैया अपना रही हो, लेकिन किसानों ने साफ किया है कि वह अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे. किसानों की ओर से वार्ता में शामिल किसान नेता बलवंत सिंह बहरामके ने कुछ ऐसा ही रुख जाहिर किया. बहरामके ने अपनी टेबल पर डायरी पर पंजाबी में लिख रख था कि हम मरेंगे या जीतेंगे. किसान नेताओं की यह दृढ़ता दिखा रही है कि सरकार भले ही वार्ता को लंबा खींचकर उन्हें थकाने और आंदोलनकारियों को  अलग-थलग करने का प्रयास करे, लेकिन वे डिगने वाले नहीं हैं.

पिछले 44 दिनों से जारी किसान आंदोलन को खत्म कराने के लिए केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की बातचीत शुक्रवार को फिर शुरू हुई है. दोपहर 2.30 बजे के करीब शुरू हुई बैठक में 40 किसान नेता भाग ले रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा रेल एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश बैठक में शामिल हुए. किसानों ने मांगें नहीं मानने पर गणतंत्र दिवस पर राजधानी में ट्रैक्टर मार्च का ऐलान कर रखा है. किसानों के साथ अगले दौर की बैठक 15 जनवरी को होगी.

error: Content is protected !!