लंगर लगाकर आंदोलनकारियों ने की राहगीरों की सेवा, आठवें दिन भी टोल फ्री

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

किसानों पर आज दोहरी मार पड़ रही है। एक ओर कड़कड़ाती ठंड है तो दूसरी ओर निष्ठुर सरकार है जो 36 दिन से दिल्ली के चारों तरफ धरने पर बैठे लाखों किसानों की सुन नहीं रही है। हमें उम्मीद है कि वर्ष 2021 सरकार को सद्बुद्धि देगा। यह बात अनेक वक्ताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर खाप 40 सांगवान के सचिव नरसिंह डीपीई, खाप फौगाट के सचिव सुरेश फौगाट, खाप जाटू के सचिव मास्टर राज सिंह, खाप 25  श्योराण सर्वजातीय के प्रधान बिजेंद्र बेरला, परमार खाप के प्रधान वेदपाल परमार, अन्नदाता किसान यूनियन के सचिव रामकुमार कादयान, चौधरी छोटूराम और अम्बेडकर मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण व किसान सभा के जयप्रकाश  परमार के संयुक्त संयोजन में दिए जा रहे अनिश्चित कालीन धरने के दौरान सातवें दिन अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान अभी तक 45 किसान शहादत दे चुके हैं पर सरकार टालमटोल का रवैया अपनाए हुए है। जिससे सभी वर्गों में भारी रोष है।

  आंदोलन स्थल पर आज वर्ष 2021 के आगाज पर लंगर लगा राहगीरों के साथ सभी मौजूदा धरनारत किसानों व महिलाओं को प्रसाद वितरित किया गया। किसानों ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में देश के अन्नदाता ने देश में अनाज, दूध, सब्जी और फलों की कमी महसूस नहीं होने दी। आज प्रसाद बांटकर सरकार को चेता रहे हैं कि वो अब भी संभल जाए और किसानों की मांगों को अविलंब पूरा करे वर्ना इसके गंभीर परिणाम होंगे।                 

 किसान नेताओं ने कहा कि तीनों काले कानून लागू होने से मंडी खत्म हो जाएंगी और किसान बड़ी कंपनियां का दास बनाकर रह जायेगा। गरीब वर्ग भी इस मार से अछूता नहीं बचेगा। कालाबाजारी के कारण बढ़ी मंहगाई से गरीबों को दो वक्त का खाना मिलना दूभर हो जाएगा। इसी कारण सभी वर्ग एकजुट होकर किसानों के साथ आ खड़े हुए हैं और इस आंदोलन ने जनांदोलन का रूप ले लिया है। धरने पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने शिरकत की और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।                   

 इस मौके पर बलबीर बजाड़, राजू मान, कमल प्रधान, दिलबाग ग्रेवाल, मास्टर शेर सिंह, जोरावर सांगवान, चंद्रभान, राजकुमार हड़ौदी, जितेन्द्रनाथ, कुलभूषण आर्य, डॉ करणसिंह, धर्मेंद्र सांगवान, रामफल देशवाल, सतबीर सिंह, समुन्द्र सिंह, जनवादी महिला समिति सचिव सविता, निर्मला देवी, कमलेश भैरवी, अनीता साहू, इंदु परमार, सतबीर सिंह, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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