दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर किसानों के हक में आवाज उठाने सामने आए संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुदकुशी कर ली . दिल्ली. नए कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर इस वक्त एक बड़ी खबर आ रही है. दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर किसानों के हक में आवाज उठाने सामने आए संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुदकुशी कर ली है. बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार ली. गोली लगने से उनकी मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक, बाबा राम सिंह ने घायल हालत में एक निजी अस्पताल भी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बताया जाता है कि संत बाबा राम सिंह हरियाणा के करनाल के रहने वाले थे. एक ट्विटर यूजर ने बाबा द्वारा लिखा एक सुसाइड नोट भी पोस्ट दिया है. दावा किया जा रहा है कि इस सुसाइड नोट में उन्होंने किसान आंदोलन और किसानो के हक के लिए आवाज बुंलद करने का जिक्र किया है. इधर, एहतियात के तौर पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने टिकरी, धनसा बॉर्डर को किसी भी तरह के ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद कर दिया है. पुलिस ने झटीकरा बॉर्डर को केवल दोपहिया और पैदल यात्रियों के लिए खुला रखा है. वहीं खबर है कि प्रदर्शनकारी किसानों ने एक बार फिर से नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली चिल्ला सीमा को जाम कर दिया है. इससे नोएडा लिंक रोड बंद हो गया है. वहीं, गाड़ियों की आवाजाही को रोक दिया गया है. बड़ी संख्या में किसान एक बार फिर से ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ चिल्ला बॉर्डर पर पहुंच गए हैं. बता दें कि बीते 12 दिसंबर को किसानों ने दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर चिल्ला बॉर्डर का रास्ता खोल दिया था. किसान कुछ दिनों से यहां पर प्रदर्शन कर रहे थे और रास्ते को जाम कर रखा था. जिसके चलते आवागमन ठप था. किसानों का कहना था कि कृषि मंत्री और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद उन्होंने ये कदम उठाया है. जानकारी के अनुसार किसानों की ओर से चिल्ला बॉर्डर खोले जाने के बाद वहां पर यातायात सुचारू हो गया था. Post navigation सर्वोच्च न्यायालय का सुझाव किसानों की नैतिक जीत है : एआईकेएससीसी एआईकेएससीसी ने कहा प्रधानमंत्री भाजपा बनाम विपक्ष का राजनीतिक खेल न खेलें