जनता को इनसे कुछ नही मिलना, सरकार के लिए केवल चेहरा चमकाने की कवायद. इन बिलों से भाजपा – जजपा का विरोधाभास उजागर, गठबंधन टूटने के संकेत पटौदी 08/11/2020 : हरियाणा विधानसभा सत्र में सरकार द्वारा लाये गए ‘राइट-टू-रिकॉल’ और ‘रोजगार आरक्षण बिल’ का विरोध थमने का नाम ही नही ले रहा है। कॉन्ग्रेस नेत्री व पार्षद सुनीता वर्मा ने खट्टर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इन बिलों को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि अगर सरकार को ये बिल लागू करने ही हैं तो वो पहले सांसदों और विधायकों पर इन्हें लागू क्यों नही करते? उन्होंने कहा कि इन बिलों के आने से जहां विकास कार्य ठप्प होंगें वहीं गांवों व शहरों में आपसी गुटबाजी को बढ़ावा मिलेगा और इससे आपसी भाईचारा बिगड़ेगा। कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि ‘राइट-टू-रिकॉल’ से बार – बार चुनाव हुए तो आर्थिक व सामाजिक समस्याएं खड़ी होंगी जो देश के मजबूत लोकतंत्र के लिए घातक साबित होंगीं। इस बिल के आने से पंचायत प्रतिनिधि दबाव में काम करेंगे और उनके अधिकार छीन जायेंगें तथा दबंगों का वर्चस्व बढ़ जाएगा। सुनीता वर्मा ने बताया कि इससे आपसी झगड़े बढ़ेंगे व कमजोर वर्ग के सरपंच के लिए हालात और भी मुश्किल हो जाएंगे । प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि ऐसा ही हाल रोजगार आरक्षण बिल का है, सरकार इन बिलों के माध्यम से प्रदेश की जनता को मूर्ख बनाने का काम कर रही है, जबकि थोड़ा सा समझदार व्यक्ति भी यह भलीभांति जानता है कि ये 75 प्रतिशत आरक्षण किसी भी सूरत में लागू होने वाला नही है ये राष्ट्रपति के पास पहुंचने से पहले राज्यपाल की टेबल पर ही धराशाही हो जाएगा। इस बिल से ये साबित होता कि इस इस गठबंधन सरकार में कुछ भी सही नही चल रहा, इस मामले में बीजेपी प्रदेश नेतृत्व की खामोशी कुछ ऐसा ही बयां कर रही है। पार्षद वर्मा ने कहा कि ये बिल मध्यावधि चुनावों की आहट है जिसके कारण से सरकार झूठ की सफेद क्रीम से अपने काले दागदार चेहरे को ढकने का असफल प्रयास कर रही है। पटौदी से कॉन्ग्रेस पार्टी की भावी संभावित प्रत्याशी वर्मा ने कहा कि इस रोजगार आरक्षण बिल के अनुसार इस का फायदा 50 हजार रुपये मासिक वेतन तक की नौकरियों पर नई कर्मचारी भर्तियों पर ही मिल पायेगा। इसी तरहं इस बिल से अब केवल 10% क्षेत्रीय युवाओं को ही नौकरी में आरक्षण मिलेगा। अन्य 65% आरक्षण प्रदेश के दूसरे जिलों के युवाओं को दिया जाएगा। प्रेस के नाम पत्र जारी करते हुए उन्होंने सवाल किया कि इन सबसे दीगर बात एक और है कि जब कम्पनियां बन्द हो रही हैं, नई फैक्ट्रियां खुल नही रही, कर्मचारियों की छंटनी हो रही है, प्रदेश पूरे देश मे बेरोजगारी में नंबर 1 है, ऐसे में आखिर नौकरियां हैं कहां? Post navigation एलपीजी कमर्शियल उपयोग : बिजली निगम के उपकरण लगाने में रसोई गैस का इस्तेमाल प्रत्येक सामर्थ व्यक्ति एक गाय को गोद लेकर सेवा करे: जरावता