चंडीगढ़/पंचकूला, 07 अक्तूबर। केंद्रीय जल शक्ति एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि आज किस मुंह से राहुल गांधी मीडिया, न्यायिक प्रणाली और संस्थाओं की आजादी की बात कर रहे हैं क्या वह भूल गए हैं कि आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर प्रेस का गला घोट दिया था न्यायिक प्रणाली को भी ध्वस्त करने की नापाक कोशिश की थी और सभी उच्च संस्थाओं को बर्बाद कर दिया था। राहुल गांधी के हरियाणा दौरे को फ्लॉप शो और दिशाहीन बताते हुए कटारिया ने कहा कि आज कांग्रेस के नेतृत्व के पास ना तो नीति है, ना ही उनकी नियत है और ना ही राष्ट्रहित की कोई सोच है जिससे वह भारत का भला कर सके उन्हें तो केवल मोदी विरोध के सिवाय अन्य किसी बात में दिलचस्पी नहीं है कटारिया ने कहा कि आज किस मुंह से कांग्रेस पार्टी किसानों, नौजवानों और छोटे व्यापारियों के हितों की बात कर रही है क्या कांग्रेस जानती नहीं की स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट यूपीए के शासनकाल में ही आई थी जिसे सरकार ने रद्दी की टोकरी में डाल कर रखा और अब जब मोदी सरकार किसानों की आमदनी दुगनी करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से कृषि संबंधी कानून लेकर आई है तो कांग्रेसी और उनके अंतरंग मित्र दलों के पेट में मरोड़ उठ रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों संबंधी पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर संसद द्वारा पारित इन कानूनों को नाकाम बनाने का कदम उठाकर कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बार फिर से संविधान की धज्जियां उड़ाने का घृणित प्रयत्न करेंगे, क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह भूल गए हैं कि 2004 में उन्होंने जल वितरण संबंधी सभी समझौतों को रद्द कर दिया था जिनके लिए बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी और राष्ट्रपति महोदय ने भी उनके द्वारा उठाए गए कदमों को रद्द कर दिया था यह कानून भारत की संसद ने पारित किए हैं इनके साथ छेड़छाड़ करना कैप्टन अमरिंदर सिंह को भारी पड़ेगा संसद में पास हुए कृषि विधायकों से देश के अन्नदाताओं को बिचैलियों के चुंगल से मुक्ति मिलेगी साथ ही अपनी इच्छा अनुसार अपने माल को अपने तय किए गए मूल्य में बेचने की आजादी मिलेगी यह विधेयक किसान को 3 दिन में उनकी फसल की भुगतान की गारंटी देता है किसी भी विवाद का निपटारा 30 दिन में करना जरूरी है किसान की भूमि के मालिकाना हक को कोई सुई की नोक जितना भी नहीं छू पायेगा उन्होंने कहा कि भारत का किसान देश की रीड की हड्डी था, है और रहेगा इसी प्रकार से एमएसपी भी था, है और रहेगा आने वाले समय में भी हम हर बार किसानों के एमएसपी को बढ़ाएंगे हमने किसानों के लिए 16.38 लाख करोड रुपए के ऋण का प्रबंध किया है, कृषि बजट में हमने यूपीए के 8.5ः की बजाए 28.8ः बजट में वृद्धि की है किसानों को मजबूत बनाना मोदी सरकार की प्राथमिकता है। Post navigation पुलिस बर्बरता के बावजूद संघर्ष जारी रहेगा: किसानों का संकल्प खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने की शहर में खाद्य पदार्थ की दुकानो पर छापामारी