हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन कानून में बदलाव से 54 बड़े बिल्डरों को फायदा।एंबियंस माल के खिलाफ हाईकोर्ट का फैसला भी नहीं ठहरेगा, पांच सौ करोड़ के गड़बड़झाले की आशंका।

चंडीगढ़, 1 सितंबर : हरियाणा सरकार ने करीब 45 साल पुराने नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन कानून में बदलाव कर बड़े बिल्डरों को राहत देने का रास्ता साफ कर दिया है। प्रदेश में ऐसे करीब पांच दर्जन बिल्डर हैं, जिन्हें इस कानून में बदलाव का बड़ा फायदा मिलने वाला है। प्रदेश सरकार हालांकि, दावा कर रही कि इससे अवैध निर्माण पर रोक लगेगी, लेकिन भाजपा से बगावत कर महम से निर्दलीय चुनाव जीते विधायक बलराज कुंडू इस बिल को मंजूरी देने से रोकने के लिए राजभवन पहुंच गए हैं।

हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से फोन पर हुई बातचीत के बाद विधायक बलराज कुंडू ने राज्यपाल के एडीसी मेजर जसदीप सिंह को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन के साथ वह तमाम दस्तावेज जोड़े गए, जिनमें प्रापर्टी के मामले में पंजाब एवं हाई कोर्ट के फैसले आए हुए हैं। इन फैसलों के तहत किसी बड़ी प्रापर्टी के निर्माण को अवैध करार दिया गया है तो कुछ प्रापर्टी को गैर कानूनी बताते हुए ध्वस्त करने की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इनमें से अधिकतर संपत्ति राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद व सोनीपत जिलों में है। गुरुग्राम का एंबिएंस माल इनमें से एक है, जिसकी सीबीआइ जांच भी होनी थी, मगर हरियाणा सरकार द्वारा किए गए कानून में बदलाव के बाद अब न तो अवैध प्रापर्टी ध्वस्त होगी और न ही कोई निर्माण अवैध घोषित हो सकेगा। डेवलेपमेंट चार्ज के भुगतान के बाद अरबों रुपये की यह प्रापर्टी नियमित हो सकेगी।

विधायक बलराज कुंडू ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान दावा किया कि यह कानून विशुद्ध रूप से बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है। इसमें किसी आम आदमी का कोई खास फायदा नहीं है। कुंडू ने आशंका जाहिर की है कि यह करीब पांच सौ करोड़ रुपये का घोटाला हो सकता है। इसलिए राज्यपाल को चाहिए कि वह विधानसभा में पास किए गए हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (द्वितीय संशोधन तथा विधिमान्यकरण) विधेयक 2020 को मंजूरी प्रदान न करें। यदि ऐसा हुआ तो इससे बिल्डरों के हौसले बढ़ेंगे और वह जनहितों का ध्यान रखने की बजाय सरकारी तंत्र को अपने कब्जे में लेकर रखेंगे।

विधायक ने आरोप लगाया चूंकि हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र एक दिन के लिए चला और यह मात्र औपचारिक रहा, इसलिए इसमें बिना किसी चर्चा और बहस से एक दर्जन से ज्यादा बिलों को पारित करा लिया गया, जबकि किसान हित के मुद्दों पर किसी ने चर्चा तक करना उचित नहीं समझा। कुंडू ने कहा कि इस बिल के मंजूर होने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा तथा इस बात की पुष्टि होगी कि गठबंधन सरकार में प्रापर्टी माफिया पूरी तरह से सरकारी सिस्टम पर हावी है।

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