कुंडू बोले-राहुल गांधी ने सही कहा था कि उनके कुछ कांग्रेसी नेता भाजपा से मिले हुए हैं, सदन में भी यह बात साबित हुई।. किसानों के वोट के दम पर विधानसभा पहुंचने वाले विधायक ही यदि किसानों के साथ धोखा करेंगे तो गरीब मेहनतकश लोग कहाँ जाएंगे ?. विधानसभा में गरीब किसान की आवाज उठाने की बजाय चोंच से चोंच लड़ाते दिखाई दिए “सत्य और असत्य”।. मांग-प्रदेश सरकार MSP की गारंटी लेकर केंद्र को चौथे अध्यादेश की करे सिफारिश।

चंडीगढ़, 27 अगस्त : जिन नेताओं को प्रदेश के किसानों ने बड़ी उम्मीदों के साथ चुनकर विधानसभा में भेजा हो अगर वे ही किसान-मजदूर और गरीब की आवाज नहीं सुनेंगे तो आखिर ये मेहनतकश लोग कहाँ जाएंगे ? यह गंभीर सवाल उठाया है महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने। आज चंडीगढ़ में मीडिया कर्मियों से मुखातिब कुंडू ने कल सम्पन्न हुए विधानसभा सत्र को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए और सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कल सदन में प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल के नेता का रवैया देखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वह बात भी सच दिखाई दी जिसमें उन्होंने अपनी ही पार्टी के कई नेताओं की भाजपा के साथ मिलीभगत बताई थी।

बलराज कुंडू ने कहा कि जो नेता किसानों की वोट हासिल करके विधायक बने हैं उनकी ड्यूटी बनती है कि वे अन्नदाता के हितों की रक्षा करें लेकिन यहां तो उल्टी गंगा ही बहती दिख रही है। भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जेजेपी के जो नेता जनता के बीच एक दूसरे को सबसे बड़ा किसान हितैषी दिखाते हुए नजर आते हैं वे “सत्य और असत्य” कल सदन में किसानों की आवाज उठाने की बजाय आपस में चोंच से चोंच लड़ाते और मोनी बाबा बने नजर आए। किसानों के लिए मैं अकेला ही चिल्लाता रहा और कोई दूसरा साथ खड़ा नहीं हुआ। देखकर बड़ा दुःख हुआ कि किसानों के दुःख दर्द की परवाह ना सत्ता पक्ष को है और ना विपक्ष को। ये सब लोग एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं जिन्हें किसानों और आम आदमी की भलाई से कोई लेना-देना नहीं है। अगर, इनको जनता जनार्दन की तकलीफों से कोई सरोकार होता तो कल सदन में एक-दूसरे को सहयोग करने की बजाय उनके हकों की आवाज उठाते हुए दिखाई देते लेकिन ऐसा नहीं था।

बलराज कुंडू ने कहा कि हरियाणा कृषि प्रधान प्रदेश है और 70 से 80 प्रतिशत लोग सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर हैं लेकिन केंद्र जो 3 अध्यादेश लाया है उनमें कई ऐसी खामियां हैं जिन्हें सुधारा नहीं गया तो किसान बर्बाद हो जाएगा और आने वाले वक्त में किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर बनकर रह जायेगा। उन खतरनाक अध्यादेशों के बारे में उन्होंने कॉल-इन-मोशन नोटिस दिया था लेकिन सदन में उसे यह कहकर रखने से ही इनकार कर दिया गया कि ये केंद्र का मामला है जबकि एग्रीकल्चर केंद्र का नहीं बल्कि स्टेट का सब्जेक्ट है। कुंडू ने मांग उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार को तुरन्त एक चौथे अध्यादेश की सिफारिश केंद्र को भेजनी चाहिए जिसमें इन तीनों अध्यादेशों की खामियों को ठीक करते हुए किसानों को उनकी फसलों का एमएसपी देना सुनिश्चित हो और यह तय किया जाए कि अगर कोई कम्पनी एमएसपी से नीचे फसलों की खरीद करेगी तो उसके खिलाफ कानूनन केस दर्ज कर सजा का प्रावधान हो। इस चौथे अध्यादेश में यह भी तय किया जाए कि किसानों की फसलों के दाम का 15 दिन में दिए जाएं और इसकी गारंटी सरकार ले तथा किसी भी प्रकार का विवाद उतपन्न होता है तो किसान की तरफ से राज्य सरकार केस लड़े।

बलराज कुंडू ने कहा कि कल एक दिन का विधानसभा सत्र जिस तरह का देखने को मिला वह हैरान करने वाला रहा। जब किसानों की आवाज उठाने का वक्त था तब कांग्रेस, इनेलो समेत तमाम विपक्षी नेता किनारा कर गए जबकि उनको किसानों के हकों की रक्षा में एकजुटता के साथ आवाज बुलंद करनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा कि आदरणीय चौधरी छोटूराम जी ने किसान-मजदूर और मेहनतकश कौमों को अपना-पराए की पहचान करने की सीख दी थी और आज कमेरे वर्ग को इन स्वार्थी नेताओं को पहचान लेना चाहिए जो जनता के बीच तो खुद को सबसे बड़ा किसान हितैषी साबित करने का ढोंग करते हैं और जब जरूरत पड़ती है तो किसानों के हकों की आवाज उठाना भी जरूरी नहीं समझते।

किसानों को साथ लेकर खड़ा करेंगे प्रदेश में बड़ा आंदोलन।

महम के विधायक ने कहा कि वे किसी भी सूरत में किसानों के साथ धोखा या अन्याय नहीं होने देंगे। अगर, इन अध्यादेशों की खामियां ठीक नहीं की गई और एमएसपी से नीचे खरीद को कानूनन अपराध घोषित करते हुए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित नहीं किया गया तो वे प्रदेश के किसानों को साथ लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे और सत्ता पक्ष और स्वार्थी विपक्ष को भी जनता की अदालत में बेनकाब करने का काम करेंगे।

किसान-मजदूर से धोखा करने वालों को बरौदा में सिखाया जाएगा कड़ा सबक।

बलराज कुंडू ने कहा कि आने वाले बरौदा उपचुनाव में किसान विरोधी मनोहर लाल की खट्टर भाजपा सरकार के प्रत्याशी की जमानत जब्त कराई जाएगी और किसानों को धोखा देने वाले विपक्षियों को भी करारा जवाब दिया जाएगा। बरौदा के लोग इस बार ऐसे आदमी को अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजेंगे जो दिन रात उनके हितों के लिए उनका वकील बनकर लड़ाई लड़ने वाला हो।

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