बुढ़ापे में देखभाल करने वाले बेटे का तबादला किया जाखल मंडी, अब संभालने वाला भी कोई नहीं : प्रेमचन्द

हर्षित सैनी

महम, 18 जून। महम कस्बे के वार्ड नं. 10 निवासी भूतपूर्व सैनिक प्रेमचन्द का दर्द झलका जब उन्होंने अपनी आपबीति बताई। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1962 की चीन की लड़ाई में राष्ट्रीय आपातकालीन अवधि-1962 के तहत अपनी वीरता का जौहर दिखाया था। जिसके लिए उन्हें पश्चिम स्टार अवार्ड से नवाजा गया था।       

उनके अनुसार चीन-भारत की लड़ाई 1962 में लड़ी थी तो हरियाणा से एकमात्र सैनिक का नाम उनका था। भारत-चीन लड़ाई में ओ.पी. कैक्टस लीली में वो शामिल थे जिसमें उनकी बटालियन ने चीन को मुंह तोड़ जवाब दिया था।  उनके अनुसार फौज से सेवानिवृत्त होने के बाद फौजियों की कोई नहीं सुनता। उन्होंने बताया कि उनके दो लडक़े हैं जिनमें से एक अधिकतर अपने काम से बाहर रहता है तथा दूसरा लडक़ा कुलदीप सिंह जूनियर लैक्चरार है। जिसका एनिवेयर में ट्रांसफर पेनवाड जीएसएसएस से राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल शक्करपुरा जाखल मंडी कर दिया गया है।     

उन्होंने बताया कि उनकी धर्मपत्नी अलजाईमर लास्ट स्टेज बीमारी की शिकार है एवं लगभग कोमा की स्थिति में है। घर में उसकी देखभाल करने वाला बड़ा लडक़ा ही है। ऐसे में उसका इतनी दूर तबादला होने से उन्हें व परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।  परिवार की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए एवं धर्मपत्नी की बिगड़ती सेहत को देखते हुए उनका सब्र टूटा और उन्होंने महम के विधायक बलराज कुंडू व सांसद सुनीता दुग्गल से मौखिक मुलाकात की व अपना दर्द बताया। सांसद सुनीता दुग्गल के कार्यालय से कुलदीप 257052 उनके बेटे के तबादले को लेकर एक पत्र भी जारी कर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर को भेजा गया किन्तु वहां से कोई जवाब नहीं आया। जवाब न आने से आहत होकर उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी पत्र लिखकर अपनी पड़ा से अवगत करवाया किन्तु वहां से भी सिवाए निराशा के उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। अन्त में उन्होंने सैनिक व अद्र्ध सैनिक मुख्यालय व सैनिकबोर्ड में अपनी आवाज उठाई एवं एक सैनिक का दर्द बताया।

इस पर कार्यवाही करते हुए तुरन्त सैनिक बोर्ड ने प्रिंसिपल सैक्रेटी महाबीर सिंह को इस विषय पर संज्ञान लेने का पत्र जारी किया किन्तु वहां से भी उन्हें सिर्फ निराशा के कुछ हासिल नहीं हुआ।  उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि सरकारें सिर्फ हवा में बातें करती हैं कि भारतीय सैनिकों का पूर्ण ख्याल रखा जायेगा किन्तु जमीनी स्तर पर इसका उल्टा है। एक भूतपूर्व सैनिक द्वारा इतनी गुहार लगाने के बाद भी उसको न्याय नहीं मिल पा रहा है तो आम जनता का क्या हाल होगा। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि यदि उनको या उनकी धर्मपत्नी को कुछ हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने बताया कि वो खुद एक पैर से अपंग हैं तथा उनका बड़ा लडक़ा ही उनकी देखभाल करता है। 

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