चंडीगढ़,13 जून। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की अगुवाई में 11 हजार स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों की छंटनी के खिलाफ 3 जून से प्रदेश में चल रहा आंदोलन रंग लाया।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने शनिवार को 3200 सिक्योरिटी गार्ड को पहली जुलाई से नौकरी से हटाकर होमगार्ड को लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करते हुए तीन महीने (30 सितंबर) तक इस फैसले को स्थगित कर दिया है। इतना ही नहीं मंत्री ने नए टेंडरों के अनुसार पुराने ठेका कर्मचारियों को हटाकर नए कर्मचारियों को लगाने के फैसले को भी तीन महीने यानी 30 सितंबर तक स्थगित कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा शनिवार को लिए गए निर्णय के बाद 3200 सिक्योरिटी गार्ड और करीब 8 हजार सफाई कर्मचारी,वार्ड सर्वेंट,चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी,माली, लिफ्ट मैन, कंप्युटर आपरेटर, प्लंबर,इलैक्ट्रीशियन आदि पदों पर ठेके पर लगे कर्मचारी तीन महीने निरंतर सेवाएं रहेगी। शनिवार को लिए फैसले अनुसार  विभाग में जिन कर्मचारियों एवं अधिकारियों की प्रतिनियुक्तियां की हुई है,वह भी 30 सितंबर तक निरंतर जारी रहेगी।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने सरकार के इस निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे स्वास्थ्य विभाग के ठेका कर्मचारियों की आशिक जीत बताया है। उन्होंने इस निर्णय को देर से उठाया गया अधूरा कदम बताया है। प्रदेशाध्यक्ष लांबा, महासचिव सतीश सेठी व सीटू की अध्यक्ष सुरेखा ने कहा कि जिन कोरोना योद्वाओं की हौसला अफजाई में तालियां व तालियां बजाने और लाईट बंद कर दीये जलाने और हैलीकॉप्टर से फूल बरसाने का काम सरकार कर रही है,उन योद्वाओं की नौकरी को केवल तीन महीने का जीवनदान दिया गया है। इसका मतलब तीन महीने बाद फिर 11 हजार ठेका कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटका दी है।

उन्होंने कहा कि जब तक ठेका प्रथा समाप्त कर इन ठेका कर्मचारियों को सीधे विभाग के पे रोल पर करते हुए सेवा सुरक्षा प्रदान करने और 24 हजार रुपए न्यूनतम मासिक वेतन देने और इन्हें सुरक्षित करते हुए 50 लाख रुपए एक्स ग्रेसिया राशि स्कीम में लाने आदि मांगों का समाधान नहीं होगा, आंदोलन खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अब नए सिरे से आंदोलन का निर्णय किया जाएगा।

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