माहौल बनाना ही राजनीति है l भाजपा माहौल बनाकर लड़ेगी बरोदा का उपचुनाव !
कुछ नेता इधर-उधर हुए तो नहीं होगा आश्चर्य l

धर्मपाल वर्मा

चंडीगढ़, अगर हम बरोदा के प्रस्तावित उपचुनाव में भाजपा को या उसके उम्मीदवार को लेकर अंदाज और अनुमान लगाएं तो पहले एक बड़े सवाल का जवाब ढूंढना होगा lसवाल यह है कि इस चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल चलेगी या एक बार फिर दिल्ली के पावर सेंटर की मेज की दराज में प्रदेश अध्यक्ष का हस्ताक्षरित नाम रिक्त अथॉरिटी लेटर पहले की तरह फिर पहुंचा दिया जाएगा l
पाठक यह बात समझ ले कि पिछले चुनाव में टिकटों में मुख्यमंत्री की नहीं चल पाई थी lराजनीति का थोड़ा सा भी ज्ञान रखने वाले लोग सोनीपत जिले की चर्चा करते हुए डंके की चोट कहां करते कि मुख्यमंत्री की चलती होती तो निश्चित तौर पर गन्नौर से देवेंद्र कादयान राई से कृष्णा गहलावत खरखोदा से पवन खरखोदा बरोदा से डॉक्टर कपूर नरवाल गोहाना से ठेकेदार जय सिंह या रामचंद्र जांगड़ा को टिकट मिलती l

ऐसे लोग यह जानते हैं कि पिछले चुनाव में गोहाना खरखोदा राई और गन्नौर की टिकटें सांसद रमेश कौशिक ने दिलवाई थी l उनके दो उम्मीदवार जीत गए दो हार गए l इस मामले में एक बात अब भी साफ है कि मुख्यमंत्री अब भी उसी राय के हैं lउनके तीन विश्वासपात्र लोग डॉक्टर कपूर सिंह नरवाल को ही सपोर्ट कर रहे हैं lडॉक्टर कपूर इन नेताओं के माध्यम से ही भाजपा में शामिल हुए थे l बरोदा का उपचुनाव कोई साधारण उपचुनाव नहीं होगा l दिल्ली बैठे लोग एक बात चीख चीख कर कह रहे हैं कि इस उपचुनाव में हर हाल में उम्मीदवार भाजपा का होगा l

चंडीगढ़ के भाजपा नेता जाट की उम्मीदवारी के पक्ष में हैं तो दिल्ली वाले तर्क देते हैं कि उम्मीदवार फिर से गैर जाट ही होना चाहिए l वे कहते हैं कि जे जे पी के उम्मीदवार का मैदान में नहीं आना और उसके वोट बैंक का स्वाभाविक रूप से भाजपा को मिलने की आस ही सरकार की जीत के लिए पर्याप्त संभावना बन जाती है lभाजपा के इन नेताओं का तर्क यह भी है कि बेशक हल्के में 48% जाट मतदाता है परंतु गैर जाट इससे भी ज्यादा 52% हैं उनका मानना है कि 48 परसेंट जाट मतदाता जहां दो जगह बटेगा वही जाट मतदाताओं का ही एक वर्ग किसी न किसी कारण से भाजपा के समर्थन में भी पाया जाएगा lऐसे में यदि गैर जाट उम्मीदवार हुआ तो 52परसेंट गैर जाट बहुमत में भाजपा का समर्थन करेगा l इसलिए यह मानकर चलिए कि बरोदा में एक बार फिर पहलवान योगेश्वर दत्त को अखाड़े में उतारा जा सकता है l

भाजपा के बड़े नेताओं की नजर में बड़ौदा में योगेश्वर दत्त गैर जाट उम्मीदवार के रूप में सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं lउधर मलिक उम्मीदवार के नाम पर विचार हुआ तो उसके पीछे भी शायद रमेश कौशिक जरूर मिलेंगेl परंतु या एक बात सबसे महत्वपूर्ण यह है कि भाजपा नेता अपना उम्मीदवार तय करते समय कांग्रेस की रणनीति का जायजा जरूर लेंगे l क्योंकि पिछले चुनाव में भाजपा नेताओं को पता था की बरोदा से कांग्रेस के सीटिंग एमएलए श्री कृष्ण हुड्डा को ही टिकट दी जा रही है परंतु इस बार उन्हें दिमाग पर ज्यादा जोर देना पड़ेगा l

इस पहेली का जवाब अभी मिलना मुश्किल है l हम यह मानकर चल रहे हैं कि कोई कितने भ्रम में रहे कोई कितना भ्रम फैलाए , कांग्रेसी की टिकट का फैसला तो बहुत पहले से हुआ पड़ा है परंतु इसे सार्वजनिक करने को कोई तैयार नहीं आपको मांगा होगा कि इस तरह के प्रतिष्ठा पूर्ण चुनाव में उम्मीदवार का नाम किसी ऐसे फार्मूले पर तय हुआ करता है जिससे दूसरे उम्मीदवारों को एक ही पंक्ति के जवाब से संतुष्ट कराया जा सके lइस चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल के नेता सबसे बाद में उम्मीदवार तय करने की रणनीति पर काम कर सकते हैं l

एक बात और है कि बरोदा से चुनाव लड़ने के इच्छुक जनाधार वाले कुछ नेता चुनाव की घोषणा के समय पार्टियां भी बदल सकते हैं lभाजपा विभिन्न दलों के प्रथम पंक्ति के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों को अपनी ओर कर माहौल बनाने की कोशिश कर सकते हैं ,क्योंकि वे जानते हैं कि माहौल बनाने का नाम ही राजनीति है l

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