-कमलेश भारतीय चाटुकारिता करने वाले पत्रकार बड़ी आसानी से पहचाने जाते हैं । किसी का पक्ष धर कर आप अच्छे पत्रकार नहीं बन सकते । यदि आपके सवाल तीखे नहीं तो काहे के सवाल और कैसे सवाल ? यह कहना है चैनल खबरें अभी तक के एडिटर इन चीफ और इस चैनल के सबसे लोकप्रिय प्रोग्राम बिग शो के प्रस्तोता मुकेश राजपूत का । मैंने इन्हें अभी पिछले वर्ष नवम्बर माह में हरियाणा साहित्य अकादमी के सभागार में देखा जब उर्दू साहित्य अकादमी की ओर से पत्रकारिता दिवस के अवसर पर पत्रकारों का सम्मान समारोह डाॅ चंद्र त्रिखा द्वारा आयोजित किया गया । मुकेश राजपूत भी उनमें से एक थे । मूल रूप से राजस्थान के निवासी मुकेश राजपूत का जन्म हिमाचल की राजधानी शिमला में हुआ क्योंकि इनके पिता नगर निगम में जाॅब करते थे । वहीं गवर्नमेंट काॅलेज से ग्रेजुएशन और हिमाचल विश्विद्यालय से जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री के साथ साथ टूरिज्म में भी मास्टर्स डिग्री । -पत्रकारिता से कैसे जुड़े?-छह साल का था जब आकाशवाणी पर बच्चों के कार्यक्रम में भाग लेने लगा । फिर युववाणी । दूरदर्शन शिमला में सन् 1995 से लेकर 2005 तक दस वर्ष तक । इसी प्रकार आकाशवाणी में भी । अनेक कार्यक्रमों का संचालन । शिमला के सिटी चैनल और चैनल 9 को लांच किया । -इलेक्ट्रानिक मीडिया में कहां कहां ?-शिमला दूरदर्शन केंद्र के बाद चंडीगढ़ के सहारा समय नेशनल के ब्यूरो चीफ के तौर पर लगभग छह साल , वाॅयस ऑफ इंडिया में दो साल , फिर पी 7 चैनल में ब्यूरो चीफ । फिर ईटीवी हरियाणा / न्यूज 18 का चंडीगढ़ स्थित पंजाब , हिमाचल व हरियाणा का न्यूज एडीटर, ईटीवी में छह साल एडिटर । पिछले वर्ष सितम्बर से खबरें अभी तक के एडिटर इन चीफ की जिम्मेदारी जिसमें चक्रव्यूह में नेताओं से तीखे सवाल के लिए चर्चित । -कोरोना की इस संकट की घड़ी में क्या योगदान दे रहे हैं ?-एक दिन भी छुट्टी नहीं की । पुलिस या सैनिक की तरह हम मोर्चे पर डटी है । आम दिनों से तिगुना काम कर रहे हैं । -मीडिया के लिए नया नाम प्रचलित हुआ है -गोदी मीडिया । कितने सहमत हैं ?-दो तरह के पत्रकार हैं आजकल । पहले राष्ट्रवादी पत्रकार जो सरकार की तारीफ को ही परम धर्म मानते हैं । दूसरे पत्रकार जो विरोध में ही रहते हैं जबकि पत्रकार जज की भूमिका निभायें । -पुरस्कार ?-हिमोत्कर्ष साहित्य, संस्कृति एवं जन कल्याण संस्था , ऊना । पत्रकार एकता मंच, पंचकूला व कुल्लू की संस्था सहित अनेक सम्मान/पुरस्कार । हमारी शुभकामनाएं मुकेश राजपूत को Post navigation सबसे खतरनाक -मैं तुम्हें देख लूंगा ओ मां , प्यारी मां