‘समृद्ध हरियाणा-विरासत और विकास’ थीम पर बनाई गई है हरियाणा की झांकी

फाइनल रिहर्सल से पहले आरआर कैंप में प्रदर्शित की गई हरियाणा की झांकी

चंडीगढ़, 22 जनवरी- इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में नई दिल्ली कर्त्तव्य पथ पर हरियाणा की झांकी प्रदेश की समृद्धि, विरासत और विकास का अलौकिक दृश्य प्रस्तुत करेगी। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन के माध्यम से मानवता को दिए गए गीता के दिव्य संदेश के रूप में जहां हमारी समृद्ध विरासत को दर्शाया गया है वहीं तकनीकी व नवाचार के क्षेत्र में हरियाणा के निरंतर विकास व खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते स्पोट्स पावर के रूप में बनी हरियाणा की नई झलक भी झांकी के माध्यम से दिखाई देगी।

यह जानकारी सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग, हरियाणा के महानिदेशक के.एम. पांडुरंग ने आज आरआर (राष्ट्रीय रंगशाला) कैंप, नई दिल्ली में हरियाणा की झांकी को मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा की झांकी के अग्र भाग में कुरुक्षेत्र के पवित्र ज्योतिसर तीर्थ पर महाभारत युद्ध से पूर्व भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का उपदेश देने का चित्रण किया गया है। यह वह दिव्य संदेश है जो भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से संपूर्ण मानव जाति को दिया था। यह भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत में हरियाणा के स्थाई योगदान का प्रमाण है।

  झांकी के मध्य भाग में सूरजकुंड मेले से प्रेरित एक शिल्प गाड़ी को दर्शाया गया है जिसके माध्यम से हरियाणा की कला व हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया गया है। शिल्प गाड़ी के पीछे ‘हरियाणवी ताऊ’ को लैपटॉप पर काम करते हुए दिखाया गया है जो इस बात को दर्शाता है कि आज हरियाणा का किसान सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग अपने दैनिक जीवन और खेती को समृद्ध करने के लिए कर रहा है और ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ जैसे पोर्टल के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा है तथा फसलों के भाव भी अपने लैपटॉप पर ऑनलाइन देखता है। ‘हरियाणवी ताऊ’ के पास स्कूल की वर्दी में दो लड़कियों को दिखाया गया है जो हरियाणा की महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे कार्यक्रमों के कारण आई लैंगिक समानता का प्रतीक हैं।

  श्री पांडुरंग ने बताया कि झांकी के पिछले हिस्से में गुरुग्राम की गगनचुंबी इमारतों, आधुनिकीकरण और शहरीकरण का मिश्रण दिखाया गया है। इस खंड में दर्शाया गया है कि हरियाणा किस प्रकार प्रौद्योगिकी, तकनीक व नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बना है। पीपीपी मॉडल पर गुरुग्राम का आधुनिकीकरण और सॉफ्टवेयर निर्यात में अग्रणी होना नए व समृद्ध हरियाणा की पहचान है। टेक्नोलोजी के एडवांसमेंट के साथ-साथ हरियाणा स्टार्टअप व इनोवेशन में भी अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।

  उन्होंने बताया कि झांकी के अंतिम खंड में गगनचुंबी इमारत पर हरियाणा के ओलंपियन खिलाड़ी लाईव खड़े होंगे जिनके माध्यम से हरियाणा की खेल उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है। हरियाणा को व्यापक रूप से एक खेल महाशक्ति के रूप में जाना जाता है। देश की कुल 2 प्रतिशत आबादी और 1.34 प्रतिशत क्षेत्रफल वाला हरियाणा राज्य ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत के 30 प्रतिशत से अधिक पदकों का योगदान देता है। इस वर्ष हरियाणा के एथलीटों ने 16 ओलंपिक और पैरालंपिक पदक जीते जिसके चलते हरियाणा ने स्पोट्स पावर हब के रूप में नई पहचान बनाई है। यह हरियाणा सरकार की उत्कृष्ट खेल नीति, खिलाड़ियों को मिल रहे प्रोत्साहन तथा राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की अथक मेहनत का परिणाम है। यह खंड हरियाणा के एथलीटों की अथक मेहनत, समर्पण और सफलता का सम्मान करता है, जो राज्य और राष्ट्र के लिए गौरव और प्रतिष्ठा का वाहक हैं। इस प्रकार हरियाणा राज्य ने दुनिया को भारत का नया और विकसित स्वरूप दिखाने के लिए 2025 के इस गणतंत्र दिवस पर सच्ची प्रतिबद्धता दिखाई है।

  श्री पांडुरंग ने बताया कि यह लगातार चौथी बार है जब हरियाणा राज्य की झांकी को गणतंत्र दिवस समारोह में नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर चलने का गौरव प्राप्त होगा। इस बार हरियाणा की झांकी ‘समृद्ध हरियाणा-विरासत और विकास’ थीम पर चयनित हुई है जिसका निर्माण कार्य रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय रंगशाला कैंप में पूर्ण हुआ है। वर्ष 2022 में ‘खेलों में नंबर वन-हरियाणा’, वर्ष 2023 में ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’, वर्ष 2024 में ‘मेरा परिवार-मेरी पहचान’ थीम पर हरियाणा की झांकियों का सफल संचालन किया जा चुका है।

  उन्होंने बताया कि हरियाणा भौगोलिक दृष्टि से बहुत छोटा राज्य होने के बावजूद देश के उद्योग, कृषि, खेल और विविध प्रकार के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यवसायों के विकास के लिए सदैव अग्रणी पंक्ति में रहता है। हरियाणा राज्य ने भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने के स्वप्न को साकार करने के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने सहित कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं।

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