डबल इंजन सरकार में पेपर लीक के बाद अब गोपनीय दस्तावेज लीक – पर्ल चौधरी

भ्रष्ट पटवारियो की लिस्ट की बाहर आने के बाद पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान

क्या भाजपा सरकार का काम अब कर्मचारियों की जाति की तहकीकात रह गया

संबंधित जिलाधिकारी की नाक के नीचे होता रहा भ्रष्टाचार बड़ा सवाल बना

सरकार लिक लिस्ट की जांच करवाएगी या फिर एक्शन लिया जाएगा

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम । डबल इंजन सरकार के द्वारा विभिन्न विभागों में नौकरियां के लिए आवेदक से आवश्यक शुल्क लेकर पेपर लिए जाते आ रहे हैं । लेकिन यह बात भी किसी से छिपी हुई नहीं रह सकी है कि भाजपा शासन काल के दौरान सबसे अधिक पेपर लीक भी हुए हैं । अब सवाल यह है कि ऐसा क्या कारण है, जो पेपर लीक होने के अगली कड़ी में अब सरकारी गोपनीय दस्तावेज भी लिक की श्रेणी में शामिल  होने लगे हैं । हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोपी राजस्व विभाग के कर्मचारियों की लिस्ट सार्वजनिक होने के बाद इसके गोपनीय बताए जाने को ध्यान में रखते हुए सिस्टम पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है । क्या भाजपा सरकार का यही काम रह गया है ? सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की जाति की पहचान करते हुए उसकी कर्मचारी के नाम के साथ में लिस्ट बना करके रखी जाए। यह बात हरियाणा प्रदेश कांग्रेस एससी सेल की प्रदेश महासचिव और सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट श्रीमती पर्ल चौधरी के द्वारा कही गई है।

उन्होंने कहा पटवारी की लिस्ट जारी होने के बाद भाजपा की हैट्रिक सरकार के सीएम नायब सिंह सैनी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इस बात की जांच करवाई जाएगी, यह लिस्ट किसके द्वारा बनाई गई और किस प्रकार से यह है लीक होकर सार्वजनिक हो गई । कांग्रेस नेत्री ने सवाल उठाया जब युवाओं को रोजगार देने के परीक्षा वाले पेपर लीक हो सकते हैं , तो फिर भ्रष्ट पटवारी की लिस्ट लीक होना अथवा करवाया जाना कोई नया काम नहीं है । सबसे बड़ा सवाल और जिज्ञासा यही है कि भ्रष्टाचार में शामिल बताए जाने वाले पटवारी की लिस्ट सार्वजनिक होना सरकार की कार्यप्रणाली के साथ-साथ पूरे सिस्टम पर भी बड़ा सवाल बन गया है। जब भ्रष्टाचार आरोपी ठहराए जा रहे राजस्व कर्मचारी की लिस्ट जारी हो सकती है। तो फिर क्या अन्य विभागों के भ्रष्ट कर्मचारियों की लिस्ट जारी नहीं की जा सकती।

कांग्रेस नेत्री श्रीमती पर्ल चौधरी ने जिला के मुखिया अथवा जिला उपायुक्त के अधीन ही राजस्व विभाग के कर्मचारी पटवारी कार्य करते हैं। तो क्या ऐसे में संबंधित जिला अधिकारी जिसकी नाक के नीचे जमीन के खाते तक्सीम करवाने , जमीनों की पैमाइश, इंतकाल, जमीनों के रिकार्ड दुरुस्त करवाने, नक्शा बनवाने जैसे कामों के बदले में रिश्वत वह भी कार्य के रेट के मुताबिक वसूली जा रही है। इसकी भी जवाब देही सीधे-सीधे जिला अधिकारी की सबसे पहले बनती है । विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की समय-समय पर जिलाधिकारी के द्वारा बैठक भी ली जाती रही है । क्या ऐसा संभव है संबंधित विभाग के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी राजस्व विभाग में पटवारी के द्वारा भ्रष्टाचार से अनजान रह सकते हैं ? कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी ने कहा है कि सरकार रोजगार के अवसर अथवा विकल्प उपलब्ध करवाने की तरफ गंभीरता से काम करें । ना कि सरकार का काम जाति बढ़कर कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोपी ठहराते हुए सार्वजनिक किया जाना होना चाहिए।

कांग्रेस एससी सेल की प्रदेश महासचिव पर्ल चौधरी ने सवाल उठाया सरकार किस-किस विभाग में और किस-किस कर्मचारियों की जाती को लिस्ट बनाकर सार्वजनिक करेगी ? उन्होंने कहा उपरोक्त काम के विपरीत हरियाणा की हैट्रिक भाजपा सरकार को रोजगार के विकल्प तथा रोजगार उपलब्ध करवाने की तरफ अपना फोकस रखना चाहिए । जब उचित और पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और लोगों को रोजगार भी मिलेगा । तो निश्चित रूप से भ्रष्टाचार पर अंकुश भी लगेगा। हरियाणा की भाजपा सरकार रोजगार की विभिन्न योजनाएं को लेकर प्रचार तो करती है । लेकिन जब युवा वर्ग एग्जाम देने के लिए निकलता है , तो उससे पहले ही पेपर लीक होते हैं अथया करवा दिए जाते हैं ।

उन्होंने कहा सरकार को विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पड़े कर्मचारी और अधिकारियों के पदों को लेकर जल्द से जल्द श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। राजस्व विभाग के कर्मचारी पटवारी को भी उनके असिस्टेंट या सहायक के लिए सरकार के द्वारा सरकारी रोजगार अथवा नौकरी उपलब्ध करवानी चाहिए । सबसे बड़ी हैरानी और सवाल यही है कि भाजपा की पहली दो योजना वाली सरकार में इस प्रकार के भ्रष्टाचार में शामिल लोगों की नाम सहित जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की जा सकी। या फिर अब सार्वजनिक की गई लिस्ट के मामले में भी कोई राजनीतिक एजेंडा भी तो छिपा हुआ नहीं है ? क्या ऐसा संभव है जब कभी भी किसी मंत्री, सरकारी अधिकारी, वरिष्ठ अधिकारी या सिस्टम को चलाने वाले अधिकारियों की जाति को भी सार्वजनिक किया जा सकेगा ? सरकार अपने वायदे के मुताबिक रोजगार के अवसर अथवा विकल्प उपलब्ध करवाएं भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और कंट्रोल का यह सबसे अधिक प्रभावशाली कार्य साबित होगा।

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