-दुकानें ही बनानी थी तो फिर पार्किंग नाम की जगह शॉपिंग कॉम्पलेक्स रखते

-सदर बाजार में पुराना रेलवे रोड पर मल्टीलेवल पार्किंग में 56 दुकानों बनाना सही नहीं

-सुबह से रात तक वहां के दुकानदारों की कारों, बाइक से घिरी रहेगी जगह

-गाडिय़ां खड़ी करने के नाम पर अवैध कब्जा करने जैसे होंगे हालात

गुरुग्राम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने सदर बाजार में पुराना रेलवे रोड पर मल्टीलेवल पार्किंग में 56 दुकानें बनाए जाने को लेकर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि पार्किंग में इस तरह से दुकानें बनाना सही नहीं है। अगर दुकानें ही बनानी थी तो फिर शॉपिंग कॉम्पलेक्स नाम रखते।

पंकज डावर ने कहा कि इस मल्टीलेवल पार्किंग में 56 दुकानें बनाई जा रही हैं। इसमें 230 कारों और 100 से टू-व्हीलर की पार्किंग होगी। बाजार क्षेत्र में पार्किंग की इतनी अधिक समस्या है, ऐसे में दुकानें बनाना सही नहीं था। चारों तरफ दुकानें से ही यह मल्टीलेवल पार्किंग की बिल्डिंग घिरी हुई है। ऐसे में इसके भीतर दुकानें बनाकर पार्किंग का हिस्सा ही कम किया जा रहा है। उन्होंने हका कि यह सीधे तौर पर सदर बाजार के दुकानदारों की दुकानदारी खराब करने का भी प्रयास होगा। अगर ग्राहकों को पार्किंग में ही सब सामान मिल जाएगा तो वे वहां से उतरकर बाजार में क्यों जाएंगे। पंकज डावर ने कहा कि सरकार और नगर निगम को इस निर्णय पर फिर से सोचना चाहिए। सदर बाजार में बहुत से दुकानदार ऐसे हैं, जो कि किराये पर दुकानें लिए हुए हैं। पार्किंग में बनने वाली दुकानों के कारण यहां बहुत से दुकानदारों का काम प्रभावित होना लाजिमी है। इसलिए इस निर्णय को वापस लेकर पूरी बिल्डिंग पार्किंग की ही होनी चाहिए। यह तो पार्किंग के नाम पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स बना दिया गया है।

प्रभावशाली लोगों के कब्जे हटाने में नाकाम डीटीपी

पंकज डावर ने कहा कि सदर बाजार के भीतर गाडिय़ों के प्रवेश को लेकर निगम कमिश्नर ने कार्यवाही करने के तो आदेश दे दिए, लेकिन कार्यवाही कभी नहीं हो पाती। लोग त्योहारों के समय में भी गाडिय़ों को भीड़ के बीच बाजार में फंसाकर रखते हैं, लेकिन ना तो वहां नगर निगम की टीम दिखाई देती है और ना ही पुलिसकर्मी। कब्जे हटाने के नाम पर दुकानदारों को परेशान करने की बजाय नगर निगम को सुविधाएं देने पर काम करना चाहिए। नगर निगम के द्वारा लोगों को दी जाने वाली सुविधाओं के दावों में कहीं दम नजर नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि सब्जी मंडी के दुकानदारों को भी डीटीपी द्वारा परेशान किया जा रहा है। अगर मंडी में सब्जी बेचने वाले नहीं रहेंगे, उनकी भीड़ नहीं रहेगी तो मंडी किस काम की। मंडी का नाम ही भीड़ से होता है। डीटीपी को प्रभावशाली लोगों द्वारा किए गए कब्जे नजर नहीं आते। सिविल लाइन क्षेत्र, रेलवे रोड पर विभिन्न प्रतिष्ठानों द्वारा किए गए कब्जों को वे देखते तक नहीं। पंकज डावर ने कहा कि अगर डीटीपी ईमानदारी से काम करना चाहते हैं तो वे प्रभावशाली लोगों द्वारा किए गए कब्जे भी हटवाएं।

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