सोनमर्ग टनल और चिनाब रेल ब्रिज की अद्भुत इंजीनियरिंग पर दुनिया ने किया सलाम – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र को अक्सर पृथ्वी पर स्वर्ग कहा जाता है, और इस क्षेत्र की भौतिक सुंदरता के साथ-साथ, अब यहां हो रही अद्भुत इंजीनियरिंग परियोजनाओं ने इसे एक नया आयाम दिया है। विशेष रूप से सोनमर्ग टनल और चिनाब रेल ब्रिज, ये दोनों परियोजनाएँ ना केवल इंजीनियरिंग के चमत्कार के रूप में सामने आई हैं, बल्कि इनसे इस क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक और वाणिज्यिक विकास को भी नई दिशा मिलेगी। सोनमर्ग टनल और चिनाब रेल ब्रिज का महत्व 13 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनमर्ग टनल का शिलान्यास किया, जो इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह टनल गगनगीर से सोनमर्ग तक निर्बाध यातायात सुनिश्चित करेगी, जिससे यात्रा की दूरी 49 किमी से घटकर 43 किमी हो जाएगी। इसके साथ ही वाहनों की गति 30 किमी/घंटा से बढ़कर 70 किमी/घंटा हो जाएगी। यह परियोजना लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सोनमर्ग टनल के साथ-साथ चिनाब रेल ब्रिज, जो विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, भी जम्मू-कश्मीर को नई पहचान दिलाने जा रहा है। यह ब्रिज 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। इसके निर्माण से न केवल इस क्षेत्र में यात्रियों की यात्रा सुगम होगी, बल्कि यह सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कश्मीर के अखनूर क्षेत्र को जोड़ने वाला प्रमुख कनेक्शन बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन प्रधानमंत्री मोदी ने 13 जनवरी 2025 को इस अवसर पर अपने 27 मिनट के संबोधन में इस परियोजना के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सोनमर्ग टनल से लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के लोगों की जिंदगी में सुधार होगा, साथ ही यह क्षेत्र पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने उन श्रमिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में काम करके इस परियोजना को संभव बनाया। भविष्य में सोनमर्ग टनल और चिनाब रेल ब्रिज का प्रभाव 2028 तक सोनमर्ग टनल और जोजिला टनल का काम पूरा होने पर यह क्षेत्र एशिया की सबसे लंबी टनल से जुड़ जाएगा। यह टनल न केवल यातायात के लिए, बल्कि सुरक्षा और रक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगी। इसके अलावा, चिनाब रेल ब्रिज के बनने से भारतीय सेना के लिए रणनीतिक आपूर्ति मार्गों में भी सुधार होगा, जिससे सीमा पर स्थिति को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगा। पाकिस्तान और चीन की चिंता चिनाब रेल ब्रिज के निर्माण ने पाकिस्तान और चीन को चिंता में डाल दिया है, क्योंकि यह पुल जम्मू-कश्मीर के अखनूर इलाके में स्थित है, जो सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह पुल भारत को अपने सामरिक दृष्टिकोण से एक मजबूत कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे दोनों देशों के सीमा विवाद में भारत को रणनीतिक लाभ मिलेगा। निष्कर्ष सोनमर्ग टनल और चिनाब रेल ब्रिज की अद्भुत इंजीनियरिंग न केवल जम्मू-कश्मीर में बल्कि पूरे भारत में एक नई दिशा का प्रतीक है। इन परियोजनाओं से इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा, पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी मजबूत होगा। लेखक:- क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र Post navigation घटते छात्र, बढ़ते स्कूल ……….. क्या शिक्षा नहीं अनुकूल? आखिर प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा का कारण क्या है?