सीएम नायब सैनी अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रदेश के हितों को रख रहे हैं गिरवी चंडीगढ़, 8 जनवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासन में हरियाणा के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति (डेप्युटेशन) की व्यवस्था खत्म करके यूटी काडर के अधिकारियों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की हरियाणा के हितों पर कुठाराघात किया है। प्रदेश सरकार के मौन से साफ हो रहा है कि वह चंडीगढ़ पर अपना दावा छोड़ती जा रही है, सीएम नायब सैनी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रदेश के हितों को गिरवी रख दिया है। भाजपा लगातार हरियाणा की संस्कृति औैर उसकी पहचान पर हमला कर रही है। पर प्रदेश की जनता इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगी। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्व. पंडित जवाहरलाल नेहरू के सपनों का शहर चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब की सांझी विरासत है और इस सांझी विरासत को छीनने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। चंडीगढ़ को हरियाणा और पंजाब ने अपने खून-पसीने से सींचा है पर अब मोदी सरकार हरियाणा से चंडीगढ़ का प्रशासन व अधिकार छीनने में लगी है जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार की चुप्पी से लग रहा है कि केंद्र को खुश करने के लिए वह चंडीगढ़ पर अपना अधिकारी छोड़ती जा रही है जबकि सब जानते है कि चंडीगढ़ पर संसद द्वारा पारित पंजाब रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट 1966 के तहत 40:60 के अनुपात में हरियाणा व पंजाब का हिस्सा व मलकियत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ प्रशासन की हिस्सेदारी की इस व्यवस्था में हस्तक्षेप कर हरियाणा की जनता के साथ विश्वासघात किया है, उनके हितों पर कुठाराघात किया है। जिसे प्रदेश की जनता किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगी। कुमारी सैलजा ने कहा कि मोदी सरकार ने चंडीगढ़ के लिए प्रशासनिक सलाहकार के स्थान पर चीफ सेक्रेटरी का पद मंजूर किया है। केंद्र सरकार की अधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार चीफ सेक्रेटरी पद के साथ सचिव के तौर पर 9 के बजाए 11 अधिकारी काम करेंगे। इस नोटिफिकेशन के अनुसार ये सभी अधिकारी हरियाणा या पंजाब से प्रतिनियुक्ति पर लेने की बजाय यूटी कैडर के होंगे। केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन के बाद अब वित्त, गृह, डीसी, निगम आयुक्त से लेकर विभिन्न पदों पर पंजाब-हरियाणा कोटे की दावेदारी का अंत हो गया है। केंद्र सरकार ने इस नोटिफिकेशन से स्पष्ट हो गया है कि चंडीगढ़ में सभी सचिव के पद यूटी कैडर के लिए आरक्षित होंगे अब इन पर पंजाब और हरियाणा का कोई हक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अब तक हरियाणा चंडीगढ़ पर अपना दावा करता आ रहा है पर अब चंडीगढ़ को इन दोनों ही प्रदेशों से छीनने और चंडीगढ़ पर प्रशासनिक कब्जा जमाने के चक्कर में मोदी इस नई तानाशाही व्यवस्था को लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा के हाथ से फिसलता जा रहा है, प्रदेश सरकार को अपने प्रदेश के हितों की रक्षार्थ आगे आना होगा। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार हरियाणा और पंजाब की विशेष संस्कृति और पहचान पर निरंतर हमले कर रही है। पर केंद्र सरकार को ये कभी नहीं भूलना चाहिए कि इस चंडीगढ़ को बसाने में हमारी जमीन, हमारे संसाधन और हमारी मेहनत लगी है, हम किसी भी सूरत में चंडीगढ़ पर अपना हक छोड़ने वाले नहीं हैं। Post navigation गरीबी के आंकड़ों ने उजागर कर दी बीजेपी की नाकामी- हुड्डा विधान सभा कर्मचारियों का स्किल बढ़ाने को तैयार होगा पाठ्यक्रम : विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण