गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज: गुरुग्राम पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने उद्योग विहार क्षेत्र में एक गुप्त सूचना के आधार पर ऑनलाइन यौन हर्बल दवाई बेचने वाली कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है जिसमें चार महिलाओं सहित 11 आरोपियों को दबोचने में सफलता प्राप्त की है।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार बताया गया है कि प्रबंधक थाना साईबर पश्चिम, गुरूग्राम के नेतृत्व में उप-निरीक्षक सचिन व पुलिस टीम ने अपने विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से प्राप्त सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुए उद्योग विहार क्षेत्र के गांव डुंडाहेडा से अवैध/फर्जी तरीके से कॉल सेंटर का संचालन करके ऑनलाईन हर्बल सेक्सुअल दवाईयां बेचने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करते हुए ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस टीम द्वारा कॉल सेंटर से 04 लड़कियों सहित कुल 11 आरोपियों को काबू किया है, जिनकी पहचान 1. अमनदीप निवासी मुलुंड कालोनी मालबार हिल रोड, मुंबई (महाराष्ट्र) वर्तमान निवासी U ब्लॉक DLF फेज-3, गुरुग्राम, 2. रंजीत कुमार निवासी नजदीक गत्ता फैक्ट्री महिपालपुर (दिल्ली), 3. मोहम्मद कासिम निवासी गाँव छोटी कजरा जिला कटिहार (बिहार) वर्तमान निवासी गाँव डुंडाहेडा (गुरुग्राम), 4. प्रतुष कुमार मिश्रा निवासी गाँव नौआ जिला श्रावस्ती (उत्तर-प्रदेश), 5. सुशील कुमार निवासी गाँव राधोली जिला प्रतापगढ़ (उत्तर-प्रदेश), 6. बृजेश शर्मा निवासी गाँव खासमऊ जिला फतेहपुर (उत्तर-प्रदेश), 7. अनूप कुमार निवासी गाँव कुतकपुर जिला फिरोजाबाद (उत्तर-प्रदेश), 8. राशिका राणा निवासी सूर्या विहार कापसहेड़ा (दिल्ली), 9. ईशा निवासी ब्लॉक-बी कुतुबविहार फेज-2 (दिल्ली), 10. सोनाली कनोजिया निवासी बिजवासन फ्लाईओवर के पास नजदीक बस स्टैन्ड (दिल्ली), 11. मेघा निवासी श्याम विहार, नजफगढ़ (दिल्ली)* के रुप मे हुई है। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के खिलाफ आगामी कार्यवाही करते हुए थाना साईबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में धारा 318, 319, 612BNS & 66D IT ACT के तहत नियमानुसार मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपी अमनदीप व आरोपी रणजीत इस कॉल सेंटर के संचालक हैं तथा अन्य आरोपियों को इन्होंने ही काम पर रखा हुआ है। उपरोक्त आरोपियों ने स्व. डॉ श्री राजीव दीक्षित के नाम से हर्बल सेक्सुअल दवाईयां ऑनलाईन बेचने के लिए फेसबुक पर दी-वैदिक आयुर्वेदिक के नाम से पेज बनाया हुआ है जिस पर ये लोग दवाइयों की इस्तेहार/एडवर्टीजमेंट डालते थे। जब लोग इनके द्वारा डाले गए इस्तेहार/एडवर्टीजमेंट में दिए हुए नंबरों पर संपर्क करते थे या फेसबुक पेज पर डिटेल डालते थे तो ये उन लोगों से ऑर्डर लेकर पैसे अलग-अलग बैंक खातों में डलवा लेते थे तथा लोगों के पास नकली सामान भेज देते थे। इसके अलावा ये उन लोगों से अलग-अलग चार्ज के नाम पर क्यूआर कोड/यूपीआइ आईडी के माध्यम से पैसे डलवाकर धोखाधड़ी से ठगी करने की वारदातों को अंजाम देते थे।

वहीं पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि आरोपी यह ठगी का धंधा पिछले करीब 9-10 महीनों से चला रहे थे, तथा ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए आरोपियों को 18-20 हजार रुपए की सैलरी तथा ज्यादा सेल करने पर बोनस का भी लालच देते थे।

पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से ठगी में प्रयोग किए जा रहे 02 लैपटॉप, 04 मोबाईल फोन व दवाइयां भी इनके कब्जा से बरामद की है।

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