गुरुकुल में हुई हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के गो सेवा आयोग के अध्यक्षों की बैठक। राज्यपाल आचार्य देवव्रत के गो नस्ल सुधार एवं प्राकृतिक कृषि मिशन की सराहना की। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र 4 जनवरी : हरियाणा गो सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग दोनों साथ मिलकर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के प्राकृतिक कृषि मिशन को नई गति प्रदान करने के लिए किसानों को देशी गाय का गोबर, गोमूत्र उपलब्ध कराएंगे। इतना ही नहीं गोशालाओं में जीवामृत और घनजीवामृत का निर्माण भी किया जाएगा ताकि जो किसान प्राकृतिक खेती करना चाहता है मगर जीवामृत या अन्य घटक बनाने में असमर्थ है, वह भी आसानी से प्राकृतिक खेती से जुड़ सकें। यह फैसला आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र में हुई हरियाणा व उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्षों ने एक सांझा बैठक में लिया। बैठक में हरियाणा गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग, उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्त, गुरुकुल के व्यस्थापक रामनिवास आर्य सहित दोनों प्रदेशों के गो सेवा आयोग के अन्य अधिकारी और सदस्यगण मौजूद रहे। बैठक में दोनों राज्यों में सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गोवंश हेतु गोशालाओं में उचित रख-रखाव के साथ, गोशालाओं में पहले से मौजूद गोवंश के गोबर-गोमूत्र का उपयोग प्राकृतिक खेती हेतु जीवामृत और घनजीवामृत बनाने पर बल दिया गया ताकि हरियाणा व उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक कृषि मिशन को मजबूती से आगे बढ़ाया जा सके। हरियाणा गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग ने कहा कि भावी पीढ़ी को यदि साफ-स्वच्छ वातावरण और रोगमुक्त जीवन देना है तो हम सभी को देशी गाय पर आधारित प्राकृतिक खेती की ओर लौटना होगा, इसमें गोशालाओं की भूमिका अहम हो सकती है क्योंकि गोशालाओं से किसान देशी गाय तो ले ही सकता है इसके अलावा जो किसान गाय नहीं रख सकता उसे गोबर-गोमूत्र उपलब्ध होगा। उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्त ने कहा कि देश में गोवंश की स्थिति में सुधार लाना है तो गोवंश के दूध, घी, गोबर और गोमूत्र की उपयोगिता को बढ़ाना होगा, साथ ही महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को गो सेवा आयोग से जोड़कर भी इस दिशा में महत्त्वपूर्ण कार्य किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं पशुपालन के साथ-साथ खेती का कार्य भी करती है, ऐसे में उनके माध्यम से गोवंश को पुनः लोगांे के खूंटों से बांधा जा सकता है। ये महिलाएं गांव-गांव में प्राकृतिक खेती मिशन का प्रचार करें तो निश्चित ही इस दिशा में सफलता मिलेगी। मिश्र ने कहा कि धरती और धर्म की रक्षा के लिए गो आधारित प्राकृतिक खेती आज की जरूरत है और उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग इसके लिए आने वाले समय में जीवामृत आन्दोलन यात्रा भी निकालेगा। दोनों ही राज्यों के अधिकारियों ने रामनिवास आर्य के साथ गुरुकुल की गोशाला और प्राकृतिक कृषि फार्म का अवलोकन भी किया और आचार्य देवव्रत के प्रयासों की मुक्तकंठ से सराहना की। ज्ञात रहे उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग का 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुक्रवार को गुरुकुल पहुंचा और यहां पर प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग भी ली। विशेष सत्र में आयोग के सदस्यों को पदम्श्री डॉ. हरिओम ने प्राकृतिक खेती से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान की। Post navigation मुख्यमंत्री ने कुरूक्षेत्र में श्री देवीकूप भद्रकाली मंदिर में सेवा संकल्प दिवस पर मां शब्द के 51 फुट विराट व अद्भुत स्वरूप की रखी आधारशिला महाभारतकालीन कुलोत्तारण तीर्थ में स्नान से होता है 21 कुलों का उद्धार