लोकसभा स्पीकर और भाजपा की ऐसी क्या मजबूरी सीसीटीवी फुटेज छिपा रहे

भाजपा वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटका कर देश और दुनिया को गुमराह कर रही

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर मामला दर्ज करवाना भाजपा का उद्देश्य

वरिष्ठ सांसद पप्पू यादव प्रत्यक्षदर्शी का दावा घटना के समय राहुल मौके पर नहीं

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम । बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर जो कुछ भी सत्ता पक्ष की तरफ से केंद्रीय मंत्री अमित शाह के द्वारा कहा गया। उसे लेकर जनता और जनता के चुने जनप्रतिनिधियों में नाराजगी और रोष देखने के लिए मिल रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और घटक दलों के द्वारा विरोध प्रदर्शन को दबाने सहित देश और दुनिया का ध्यान भटकने के लिए भाजपा के द्वारा संवैधानिक मूल्यों को एक बार फिर से मजाक बना दिया गया। 1 दिन पहले संसद भवन परिसर में जो कुछ भी हुआ, उस घटना का सबसे विश्वसनीय गवाह केवल और केवल सीसीटीवी फुटेज ही है। लोक सभा स्पीकर, केंद्र सरकार तथा भाजपा को घटना के समय का सीसीटीवी फुटेज लोकतंत्र की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए जारी कर देना चाहिए। यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि देश की सबसे बड़ी पंचायत अथवा लोकसभा में आम जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि ही जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं । यह बात हरियाणा प्रदेश कांग्रेस एससी सेल की प्रदेश महासचिव और पटौदी से चुनाव लड़ी कांग्रेस नेत्री श्रीमती पर्ल चौधरी के द्वारा कही गई ।

कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा आखिरकार केंद्र सरकार लोकसभा स्पीकर और भाजपा की ऐसी क्या मजबूरी है ? जो अभी तक घटना के समय का सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक नहीं किया गया। दूसरी तरफ किसी भी राज्य की विधानसभा हो या फिर लोकसभा। मामूली सा विवाद हाउस के अंदर होते ही उसकी फुटेज आम जनता के सामने आ जाती है । लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई के दौरान भी लाइव कवरेज आम जनता के लिए उपलब्ध रहती है। फिर आखिर ऐसा सीसीटीवी फुटेज में क्या कुछ है ? जो सत्ता पक्ष और लोकसभा स्पीकर के द्वारा छुपाया जा रहा है। उन्होंने कहा नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने में भी सत्ता पक्ष के तरफ से कोई देर नहीं की गई। यह बात भी ध्यान देने लायक है कि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अधीन ही आती है। उन्होंने कहा अब नहीं तो, यदि यह मामला कोर्ट में भी गया, तो सीसीटीवी फुटेज को तो सामने लाना ही होगा।

वरिष्ठ सांसद पप्पू यादव के द्वारा बार-बार यह कहा जा रहा है की घटना के समय नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी संसद भवन के अंदर थे। उनको वह स्वयं बुलाकर के लेकर के आए । इतना ही नहीं संसद भवन के बाहर प्रदर्शन के दौरान शक्ति प्रदर्शन में जिन भी संसद सदस्यों को चोट लगी, राहुल गांधी ने उनके पास जाकर देखा भी। कांग्रेस नेत्री ने कहा जिस प्रकार से घटना के पीड़ित भाजपा सांसदों के फोटो और चित्र बाहर निकाल कर आ रहे हैं, वह अपने आप में भाजपा और भाजपा सांसदों सहित सरकार के लिए भी बड़ा सवाल बनते जा रहे हैं। हकीकत यह है कि भाजपा और भाजपा नेताओं के पास अब विपक्ष के सवालों के जवाब ही नहीं है। जब कभी भी किसी भी मामले में सत्ता पक्ष से सवाल किया जाता है, तो जवाब नहीं होने पर वह ध्यान भटकने के लिए कोई न कोई नया प्रोपेगेंडा बनाता आ रहा है । संसद परिसर में रोष प्रदर्शन के दौरान देखा जाए तो सत्ता पक्ष के संसद सदस्यों के हाथों में डंडे लगे बैनर और झंडे थे। दूसरी तरफ कांग्रेस संसद सदस्यों के हाथ में केवल और केवल कागज या फिर गत्ते के पोस्टर इत्यादि ही थे। उन्होंने पुन दोहराया सीसीटीवी फुटेज ही कौन  दोषी है और कौन दोषी नहीं ? इसके लिए पर्याप्त है। इसके अलावा लोकसभा स्पीकर के पास भी इस प्रकार के मामले में दोषी संसद सदस्यों को सजा देने के लिए पर्याप्त अधिकार भी मौजूद हैं।

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