-रेहडिय़ों को तोडऩे की कानून में नहीं है इजाजत, सरकार ले संज्ञान -शहर में होटल, अस्पताल सर्विस लेन पर कब्जा किए हुए हैं, उन पर नहीं चलता बुल्डोजर गुरुग्राम। गुरुग्राम में अवैध कब्जों के नाम पर गरीबों के आशियानों, मजदूरों की रेहडिय़ों को तोड़ा जा रहा है। कोई भी कानून रेहडिय़ों को तोडऩे की इजाजत नहीं देता। प्रभावशाली लोगों के कब्जे प्रशासन नहीं तोड़ रहा, जबकि गरीबों को उजाडऩे का काम किया जा रहा है। सरकार को इस कार्यप्रणाली पर भी संज्ञान लेना चाहिए। यह कहना है मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन एडवोकेट का। अवैध निर्माण बताकर बुल्डोजर चलाने की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए अभय जैन एडवोकेट ने कहा कि गुरुग्राम में प्रशासन के द्वारा पिछले कई दिनों से सडक़ों के किनारे से अतिक्रमण हटाने और सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटवाने के लिए कार्यवाही की जा रही है। नियम, कानून को ताक पर रखकर जिला प्रशासन, नगर निगम व जीएमडीए के नोडल अधिकारी डीटीपी आर.एस. बाठ की ओर से कब्जे हटाने की कार्यवाही की जा रही है। अभय जैन एडवोकेट ने कहा कि शहर में कई होटलों, अस्पतालों व अन्य प्रतिष्ठानों की ओर से बरामद व फुटपाथ कब्जा रखे हैं, उन पर डीटीपी की नजर नहीं जा रही।पॉश इलाका सिविल लाइन में होटल ने कब्जा कर रखा है। ओल्ड रेलवे रोड पर अस्पताल ने सडक़ पर पार्किंग बना रखी है। डीटीपी आर.एस. बाठ उधर आंख उठाकर भी नहीं देख रहे। नोडल अधिकारी आर.एस. बाठ कब्जाधारियों को चैलेंस करते हुए कहते हैं कि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार स्वयं मानती है कि गुरुग्राम में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की करीब 663.05 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। जिसमें करीब 466.29 एकड़ जमीन के मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। फिर भी 196.76 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जों को हटवाने के लिए प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। इतना ही नहीं गुरुग्राम नगर निगम की बात की जाए तो जोन-1 में करीब 8.09 एकड़, जोन-2 में 25.10 एकड़, जोन-3 में 57.20 एकड़ और जोन-4 में 66.77 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे हैं। इन कब्जों पर प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े करती है। अभय जैन एडवोकेट ने कहा कि आखिर क्यों गुरुग्राम का प्रशासन इस बेशकीमती जमीन को छुड़ाने के लिए कदम नहीं बढ़ा रहा। क्यों उनका पीला पंजा उस तरफ नहीं जा रहा। सरकारी एक ईंच जमीन पर भी कब्जा बर्दाश्त नहीं करने वाले डीटीपी की नजर उस जमीन पर हुए कब्जों पर नहीं पड़ रही। यही सब अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है। मानव आवाज के संयोजक अभय जैन एडवोकेट का कहना है कि गुरुग्राम में कब्जे हटाने की कार्यवाही जनता को सबक देने के लिए है, या फिर किसी बड़े भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का प्रयास है। Post navigation 25 वर्षीय साथी कर्मचारी की गला घोंटकर हत्या करने वाले 03 आरोपी गिरफ्तार ……. प्रधान मंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की समग्र प्रगति में तेजी