गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद व पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने किया डा. कुमार विश्वास के कवि सम्मेलन और सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ।

पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा व उपायुक्त नेहा सिंह ने कलाकारों व कवियों को किया सम्मानित।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 9 दिसंबर : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में प्रसिद्घ कवि कुमार विश्वास ने पवित्र ग्रंथ गीता को सबसे महान, पवित्र और सभी धर्मों का ग्रंथ बताते हुए कहा कि 100 पीएचडी से भी ज्यादा शोध का विषय पवित्र ग्रंथ गीता में समाहित है। इस ग्रंथ में ही पूरे संसार की समस्याओं का समाधान है और हर मानव के लिए उपयुक्त ग्रंथ है। इसके साथ ही प्रसिद्घ कवि कुमार विश्वास ने अपने चिर-परिचित अंदाज में दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस पांडाल में हर व्यक्ति कुमार विश्वास की कविताओं और विचारों को सुनने के लिए पहुंचा।

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में सोमवार को देर सायं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और हरियाणा कला परिषद की तरफ से आयोजित सांस्कृतिक संध्या में प्रसिद्घ कलाकार मनीषा की महाभारत पर आधारित रेत की कलाकृति और कवि सम्मेलन में डा. कुमार विश्वास और उनके साथ आए कवियों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। इस सांस्कृतिक संध्या का गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, बाबा भूपेंद्र सिंह, अयोध्या श्रीराम मन्दिर के चंपत राय, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, उपायुक्त नेहा सिंह, केडीबी सीईओ पंकज सेतिया, मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चौधरी, केडीबी के सदस्य ऋषिपाल मथाना, एमके मोदगिल, कैप्टन परमजीत सिंह, युद्घिष्ठïर बहल, अशोक रोशा, विजय नरुला सहित अन्य संत जनों ने विधिवत रुप से शुभारंभ किया। इस दौरान केडीबी की तरफ से कवि डा. कुमार विश्वास, रमेश मुस्कान, कविता तिवारी, सुदीप भोला, दिनेश बावरा सहित अन्य कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

प्रसिद्घ कवि डा. कुमार विश्वास ने जैसे ही मंच पर अपनी प्रस्तुती दी तो, हजारों दर्शकों ने खड़े होकर डा. कुमार विश्वास का स्वागत किया। इसके उपरांत डा. कुमार विश्वास ने पवित्र ग्रंथ गीता के बारे में विस्तार से अपने विचार रखे। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को पवित्र गं्रथ गीता के उपदेशों को अपने जीवन में धारण करने का संदेश भी दिया। डा. कुमार विश्वास के साथ-साथ कवि रमेश मुस्कान, कविता तिवारी, सुदीप भोला और दिनेश बावरा ने भी वर्तमान दौर और समय पर व्यंग्य कसते हुए देश के इतिहास, शिक्षा और संस्कारों और वीर जवानों की गाथाओं को सबके समक्ष रखा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!