सात साल पहले जारी आदेशों पर अमल नहीं कर रही भाजपा सरकार

हर बार धरना-प्रदर्शन करने पर मिलता नियमित करने का आश्वासन

चंडीगढ़, 12 नवंबर।  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश में स्थित आरोही मॉडल स्कूलों के कर्मचारियों को पक्का करने के अपने ही वायदे से मुकर गई है। लगातार दो विधानसभा चुनाव से पहले इन्हें पक्का करना का आश्वासन दिया गया, लेकिन इस दिशा में कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई। साल 2018 में नियमित करने के आदेश जारी करने के बाद भी आज तक इन स्कूल कर्मियों को किसी तरह का फायदा नहीं हो सका है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि साल 2011 में प्रदेश में 36 आरोही मॉडल स्कूलों की स्थापना की गई। इन स्कूलों में 2232 पदों पर शैक्षणिक स्टाफ व अन्य कर्मियों की नियुक्ति की गई। प्रावधान किया गया कि 5 साल की सेवा पूर्ण होने पर इन्हें नियमित कर दिया जाएगा। नियमित होने पर इन्हें प्रदेश सरकार के अन्य पक्के कर्मियों की तरह ही वेतनमान व भत्ते प्रदान किए जाएंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके बावजूद कर्मचारी आज भी पक्के होने की बाट जोह रहे हैं। पक्के होने के लिए वे लगातार संघर्ष कर रहे हैं। भाजपा सरकार लगातार दो बार से विधानसभा चुनाव से पहले इन्हें पक्का करने की हामी भर लेती है, लेकिन फिर अपने वायदे से मुकर जाती है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि आरोही मॉडल स्कूलों की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। इन स्कूलों में प्राचार्य, प्राध्यापक व लाइब्रेरियन आदि पदों पर 2012 में भर्ती की गई। 5 साल की सेवा पूरी होने पर 5 फरवरी 2018 को शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को नियमित करने के लिए इनके दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए। अक्टूबर 2018 में एक बार फिर से इनके दस्तावेज एकत्रित किए गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पीजीटी पदों पर नई भर्ती में चयन होने पर इन स्कूलों के काफी शैक्षणिक स्टाफ ने यहां से इस्तीफे दे दिए। लेकिन, 04 दिसंबर 2018 को शिक्षा विभाग ने फिर से आदेश जारी कर 05 साल की सेवा पूरी करने वाले सभी कर्मियों को नियमित करने का पत्र जारी कर दिया। इससे काफी शिक्षकों ने अपने इस्तीफे वापस ले लिए। इस आदेश को भी 6 साल बीत चुके, लेकिन आज तक आरोही मॉडल स्कूलों के एक भी स्टाफ सदस्य को पक्का नहीं किया गया है। पक्का न होने के कारण ये कर्मचारी स्थाई वेतनमान व भत्तों से वंचित हैं।

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