एक नवम्बर हरियाणा दिवस पर लम्बे-चौडे जुमले उछालने सत्ता मद में कांग्रेस को कोसने के साथ-साथ जलेबी तलने व खाने की भी मीडिया इवेंट नौटंकी की : विद्रोही हरियाणा के स्थापना दिवस के अहम दिन भी हरियाणा वासियों से चुनाव पूर्व किये वादों व चुनाव दौरान भाजपा घोषणा पत्र के वादों पर मुंह से एक शब्द भी नही बोला : विद्रोही मुख्यमंत्री चुनाव से पूर्व घोषणा मंत्री बनकर लम्बी-चौडी घोषणाएं करके जनता को ठग रहे थे, अब चुनाव बाद मुख्यमंत्री ही अपनी ही की गई घोषणाओं में से किसी भी घोषणा को हरियाणा के दिवस पर अमलीजामा पहनाने से क्यों भाग गए ? विद्रोही 02 नवम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा विधानसभा चुनावों से 53 दिन पूर्व ताबडतोड 126 जनसभाएं करके जनता को ठगकर वोट हडपने वाले नायब सिंह सैनी ने चुनाव बाद मुख्यमंत्री बनने पर जीतने के बाद उनके कार्यकाल में आने वाले पहले हरियाणा दिवस पर जनता को राहत देने के नाम पर अपना मुंह सील लिया। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा दिवस के एक दिन पूर्व 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपना चेहरा चमकाने एकता दौड़ की मीडिया इवेंट की। एक नवम्बर हरियाणा दिवस पर लम्बे-चौडे जुमले उछालने सत्ता मद में कांग्रेस को कोसने के साथ-साथ जलेबी तलने व खाने की भी मीडिया इवेंट नौटंकी की, लेकिन हरियाणा के स्थापना दिवस के अहम दिन भी हरियाणा वासियों से चुनाव पूर्व किये वादों व चुनाव दौरान भाजपा घोषणा पत्र के वादों पर मुंह से एक शब्द भी नही बोला। हरियाणा दिवस जैसे महत्वपूर्ण दिन मुख्यमंत्री के जनहित में कोई नई योजना लागू न करने या घोषणा न करने से साफ संकेत मिल रहा है कि चुनावों व चुनावों से पूर्व भाजपा के उछाले गए वादे भविष्य में जुमले बनने वाले है। विद्रोही ने कहा कि वर्ष 2024-25 का विधानसभा बजट प्रस्तुत करते समय उस समय के मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने घोषणा की थी कि एक नवम्बर से हरियाणा में बुजुर्ग, विकलांग, विधवा पैंशन 250 रूपये मासिक बढ जायेगी। लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री की भाजपा सरकार द्वारा की गई बजट सैशन की घोषणा को भी ऐसे भूल गए मानो भाजपा सरकार ने कभी ऐसी घोषणा की ही नही थी। सत्ता मिलते ही महिलाओं को प्रतिमाह 2 हजार रूपये की सहायता राशी देने के वादे को भी हरियाणा दिवस से लागू किया जा सकता था, लेकिन मुख्यमंत्री ने वह भीे नही किया। मुख्यमंत्री चुनाव से पूर्व घोषणा मंत्री बनकर लम्बी-चौडी घोषणाएं करके जनता को ठग रहे थे, अब चुनाव बाद मुख्यमंत्री ही अपनी ही की गई घोषणाओं में से किसी भी घोषणा को हरियाणा के दिवस पर अमलीजामा पहनाने से क्यों भाग गए, यह समझ से परे है। Post navigation अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर 2024 – व्हाइट हाउस की रेस, कौन होगा विनिंग फेस ………… ट्रंप या हैरिस बीजेपी डूबी जश्न में, किसानों को डीएपी के लिए खानी पड़ रही दर-दर की ठोकरें: कुमारी सैलजा