जनवरी, 2016 से पहले के पूर्व  विधायक ले रहे और भी अधिक पेंशन राशि

वर्ष 2022 से पंजाब के हर पूर्व  विधायक को मिल रही एक ही कार्यकाल की पेंशन बेशक उसके कितने ही कार्यकाल रहे हों 

चंडीगढ़ — हाल ही में 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए सम्पन्न  हुए आम चुनाव में 29 ऐसे विधायक निर्वाचित हुए हैं  जो पिछली 14वीं हरियाणा विधानसभा के भी  सदस्य  थे जबकि 39 व्यक्ति  पहली बार ताज़ा वि.स. चुनाव में पहली बार  विधायक बने हैं. वहीं 22 ऐसे भी  हैं जो 13वीं या उससे पूर्व की प्रदेश विधानसभाओं के सदस्य रहे थे. 

 हालांकि  हरियाणा में हर लोकसभा सांसद का चुनावी हलका  प्रदेश के   विधानसभा सदस्य (विधायक ) के निर्वाचन क्षेत्र से  9 गुना बड़ा  होता है अर्थात प्रदेश के हर  निर्वाचित लोकसभा सांसद के क्षेत्र  के अंतर्गत  9 विधानसभा हलके पड़ते   हैं परंतु जहाँ तक पूर्व सांसदों को मिलने वाली पेंशन राशि का विषय है, वह हरियाणा के पूर्व विधायकों की पेंशन के एक-तिहाई ही  है. 

इस विषय पर जानकारी देते हुए  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और विधायी मामलों के जानकार  हेमंत कुमार  (9416887788) ने  बताया कि मौजूदा तौर पर हरियाणा के हर पूर्व विधायक, जिसने वर्ष 1 जनवरी 2016 के बाद अपना  एक या एक से अधिक  कार्यकाल पूरा किया है,  उसके  एवज में हर माह 50 हजार रूपये मूल (बेसिक) पेंशन देने का कानूनी प्रावधान है जबकि पूर्व सांसदों के लिए उनके एक कार्यकाल के संबंध में मूल  पेंशन  धनराशि उससे आधी अर्थात  प्रतिमाह 25 हजार रुपये ही है. हालांकि एक कार्यकाल से अधिक होने पर प्रतिवर्ष दो हजार रुपये की दर से बेसिक पेंशन राशि में अतिरिक्त  वृद्धि की व्यवस्था दोनों अर्थात पूर्व विधायकों और सांसदों  के लिए एक समान  है. 

यही नहीं कि 1 जनवरी 2016 के बाद   हरियाणा के हर पूर्व बने  विधायक को  उपरोक्त 50 हज़ार रुपये की बेसिक  पेंशन  राशि अथवा एक कार्यकाल से ऊपर होने पर  निर्धारित होने वाली अतिरिक्त  पेंशन राशि पर हर माह उस दर से  महंगाई राहत — डियरनेस रिलीफ (डी.आर.) मिलता है जिस दर पर हरियाणा  सरकार के पेंशनरों को मिलता है.   1 जनवरी 2024 से उक्त  डीआर की दर   50 %  है जो आगामी कुछ दिनों में  3% बढ़कर 53 % होने वाली  है जिससे   हरियाणा में हर पूर्व विधायक  की पेंशन जो आज   न्यूनतम 75 हज़ार रूपये प्रतिमाह  बनती है, वह जल्द ही  मासिक  76 हज़ार 500 हो  जायेगी. यही नहीं अगर किसी पूर्व विधायक की  पेंशन राशि एक लाख रुपये से कम बनती है, तो उसे प्रतिमाह 10 हजार रुपये विशेष यात्रा भत्ता भी मिलता है. इस प्रकार हरियाणा में एक पूर्व विधायक की पेंशन प्रदेश से  लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य रहे चुके अर्थात भूतपूर्व सांसद की पेंशन से 3 गुना अधिक होती है. वहीं दूसरी और जहाँ तक पूर्व सांसदों का विषय है, उन्हें प्रतिमाह न्यूनतम 25 हज़ार रुपये की पेंशन राशि पर कोई डी.आर.  नहीं मिलता जैसे केंद्र सरकार के पेंशनरों को मिलता है.   

एक उदाहरण देते हुए  हेमंत ने बताया कि पिछली 14वीं हरियाणा विधानसभा के स्पीकर रहे भाजपा के ज्ञान चंद गुप्ता, जो हालांकि इस बार पंचकूला वि.स. हलके से  कांग्रेस के चन्द्रमोहन से विधायक का चुनाव हार गये है, वह  वर्ष 2014 और 2019 में लगातार  दो बार पंचकूला से विधायक बने थे. इस प्रकार उन्हें 50 हज़ार रुपये पहले कार्यकाल की बेसिक पेंशन के तौर पर और दूसरे कार्यकाल के तौर पर पांच वर्ष के लिए प्रतिवर्ष 2 हज़ार की दर से कुल 10 हज़ार रुपये अतिरिक्त पेंशन अर्थात उनकी कुल पेंशन राशि 60 हजार रूपये बनेगी, उस पर मोजूदा 50 प्रतिशत की दर से डी.आर. मिलेगा जो 30 हज़ार रूपये बनेगा जिससे उनकी कुल पेंशन  90 हजार होगी. चूँकि वह एक लाख रुपये से कम बनती  है, इसलिए उन्हें दस हज़ार रुपये प्रतिमाह विशेष यात्रा भत्ता भी  मिलेगा जिससे उनकी पेंशन और बढ़कर एक लाख रुपये प्रतिमाह बन होगी.

हेमंत ने आगे बताया कि 1 जनवरी 2016 से पहले हरियाणा के जिन पूर्व विधायकों ने  अपना एक या अधिक  कार्यकाल पूरा किया, उन्हें पेंशन राशि कहीं अधिक मिलती है क्योंकि वर्ष 2018 में विधानसभा द्वारा इस सम्बन्ध में किये गए कानूनी संशोधन द्वारा उन सभी   विधायकों को  पहले से मिल रही पेंशन राशि को बरकरार रखा गया  जिस हेतु उन्हें यह विकल्प दिया गया कि प्रतिमाह पेंशन पर उसी दर से डीआर प्राप्त कर सकते हैं जिससे उन्हें फायदा हो. संशोधन से पहले उन्हें प्राप्त होने वाली पेंशन राशि को बरक़रार रखने के लिए उन्हें  एक  फिक्स्ड (निर्धारित) धनराशि का  डीआर देने का भी प्रावधान किया गया. इस प्रकार वर्ष 2016 से पूर्व के विधायकों पर धन-लक्ष्मी पूर्ण रूप से मेहरबान है.

हेमंत ने बताया कि दो वर्ष पूर्व 2022  में पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप )  सरकार ने सम्बंधित  कानून में विधानसभा द्वारा संशोधन कर यह  प्रावधान कर दिया था कि बेशक पंजाब के पूर्व विधायक का  एक या उससे अधिक कार्यकाल बनते  हो, परन्तु उसे एक ही कार्यकाल की पेंशन प्राप्त होगी. इसी कानूनी संशोधन को हालांकि हाई कोर्ट में कुछ पूर्व विधायकों द्वारा चुनौती दी गई परन्तु अदालत ने  कोई स्टे नहीं दिया. मामला आज भी हाई कोर्ट के डिविजन बेंच के समक्ष लंबित है. हरियाणा में भी समय समय पर यह  मांग उठती रही है कि प्रदेश  के पूर्व विधायकों को भी एक ही कार्यकाल की पेंशन दी जानी चाहिए बेशक वह कितनी बार ही विधायक बने हो.

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