जनता की समस्याओं का जिम्मेदार रावण नही आज के नेता है उनके पुतले फूके लोग – जयहिंद

रौनक शर्मा

रोहतक/ देश में दशहरे का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया वही दशहरे के अवसर पर पर नवीन जयहिंद रावण बनकर तम्बू में भ्रष्टाचारी, अहंकारी, नेताओ का पुतला फूका । जयहिंद ने बताया की रावण तो योद्धा और ज्ञानी व्यतित्व वाले थे लेकिन ये सब नेता तो चरित्रहीन और बेईमान है। रावण को जलाने का हक सिर्फ उसी व्यक्ति को होना चाहिए जिसका राम जैसा चरित्र हो। क्योंकि रावण बुद्धिमान होने के साथ साथ वेदों का ज्ञाता था, शिव जी के सबसे बड़ा भगत थे और सबसे बड़ा तपस्वी थे

जयहिंद ने बताया कि आजकल के नेताओ में अहंकार और घमंड भरा हुआ हैं वही जयहिंद ने नेताओ के चरित्र पर भी सवाल खड़े कर दिए और कहा की नेता अपने अहंकार और घमंड के कारण ही जनता की समस्याओं को नही उठाते । चुनाव से पहले जो नेता जनता के पैरों में बैठे थे अब चुनाव के बाद ये नेता जनता हाल पूछना तो दूर अगले चार साल दिखाई देने वाले भी नहीं हैं।

जयहिंद ने नेताओ को सलाह देते हुए कहा की नेता पहले अपने अंदर फैले हुए घमंड का त्याग कर दे और जनता के मुद्दो की आवाज बने जब तक नेताओ में अहंकार और घमंड भरा रहेगा नेता जनता की दुख तकलीफों को नही समझेंगे इसलिए पहले नेता अपने अंदर की बुराइओ को दूर करे और अपना स्वभाव और अच्छे चरित्र का निर्माण करे

क्योंकि आजकल के नेता तो अंश भर भी राम की बराबरी नहीं कर सकते क्योंकि अधिकतर नेता झूठे और ठग प्रवृति के हैं जो सिर्फ अपने घर भरने तक सीमित हैं

इसी में जयहिंद ने कहा की जनता की समस्याओं का जिम्मेदार रावण नही आज के नेता है उनके पुतले फूके लोग।

जहाँ पिता की आज्ञा पर पुत्र सिंहासन त्याग वन को चल दे वहाँ दशहरा है।

जहाँ भाई भाई के आदर में कुटिया में रहकर खड़ाऊ से शासन करे वहाँ दशहरा है।

जहाँ पत्नी पति के लिए सोलह श्रृंगार त्याग वैराग्य धारण कर वन को चल दे वहाँ दशहरा है।

जहाँ मित्रता में मित्र को उसका खोया वैभव दिलाने के लिए मित्र के लिए अपने प्राण की भी चिन्ता ना करे, वहाँ दशहरा है।

दशहरा केवल विजय ही नहीं , कर्तव्य है, मर्यादा है, त्याग है।

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