नौ विधायकों को घर पर किया इकट्ठा राव इंद्रजीत सिंह ने

टिकट तो जैसे-तैसे दिला दिया, जीत भी गई, क्या अब बेटी को कैबिनेट में जगह दिला पाएंगे पिता राव इंद्रजीत सिंह

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में कांग्रेस ही नहीं, सत्ता में आने वाली बीजेपी में भी आंतरिक घमासान मचा हुआ है। अनिल विज के बाद राव इंद्रजीत सिंह शक्ति प्रदर्शन करने लगे हैं। पिछले 3 दिनों में 9 विधायकों को अपने घर पर बुलाकर राव ने सीएम पद पर अघोषित रूप से दावेदारी ठोक दी है। हरियाणा में नए मुख्‍यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी चल रही है। हरियाणा का अगला मुख्‍यमंत्री कौन होगा? नायब सिंह सैनी को दुबारा मौका मिलेगा या कोई नया चेहरा मुख्‍यमंत्री बनाया जाएगा?

अब हरियाणा में नई सरकार का गठन 15 अक्तूबर को होगा। नायब सैनी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे। अहम बात है कि इस दौरान मंत्रिमंडल में शामिल विधायकों को भी शपथ दिलाई जाएगी। ऐसे में अब विधायकों की तरफ से कैबिनेट बर्थ के लिए लॉबिंग की जा रही है। गौरतलब है कि सीएम के अलावा 12 मंत्री भी शपथ लेंगे।

कहा जा रहा है कि हरियाणा में इस बार के जो परिणाम आए हैं, उसमें राव को इग्नोर करना आसान नहीं है। यही वजह है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार सरकार गठन में देरी हो रही है। 2014 और 2019 में बीजेपी ने 7 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री और मंत्रियों का शपथ ग्रहण करवा लिया था।

इंद्रजीत के घर पहुंचे 9 बीजेपी विधायक

हरियाणा में चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी के सिंबल पर जीते 9 विधायक राव इंद्रजीत सिंह के घर पहुंच गए। यहां सभी विधायकों ने राव इंद्रजीत सिंह से बधाई संदेश लिया। दिलचस्प बात है कि ये सभी विधायक तब इंद्रजीत के घर पहुंचे, जब सीएम पद को लेकर राव की दावेदारी चर्चा में है।

इंद्रजीत के घर अब तक सोहना से विधायक चुने गए तेजपाल तंवर, महेंद्रगढ़ के विधायक कंवर सिंह यादव, कोसली से विधायक अनिल डहीना, गुरुग्राम से विधायक मुकेश शर्मा समेत 8 विधायक मिलने पहुंच चुके हैं। राव इंद्रजीत की बेटी आरती भी विधायक चुनी गई हैं। ऐसे में इन सभी को मिलाकर कहा जा रहा है कि राव के समर्थन में अब 9 विधायक हो गए हैं। 

अहीरवाल बेल्ट में चला है राव इंद्रजीत सिंह का जादू

हरियाणा विधानसभा की 90 में से 48 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है और यह बंपर बहुमत नहीं कहा जा सकता है। दूसरी ओर राव इंद्रजीत सिंह दक्षिणी हरियाणा के कद्दावर नेता हैं और उनकी अहीरवाल बेल्ट में पार्टी को11 में से 10 सीटों पर जीत मिली है। इन 10 में से सिर्फ बहादुरगढ़ के विधायक राव इंद्रजीत सिंह के खेमे के नहीं है। सिंह की बेटी आरती सिंह भी इस बार चुनाव जीती हैं। ऐसे में हाई कमान के लिए उन्हें इग्नोर करना मुश्किल होगा। माना जा रहा है कि उनके पास 9 विधायकों का खुले तौर पर समर्थन है और इसलिए वह शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।

इंद्रजीत समर्थकों का कहना है कि जिस व्यक्ति के सभी लोग चुनाव जीत गए हों, उसे पार्टी कैसे नजरअंदाज कर सकती है?

हरियाणा विधानसभा की 90 में से 48 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है। यह बहुमत से सिर्फ 2 नंबर ज्यादा है। ऐसे में संख्याबल की दृष्टिकोण से भी इंद्रजीत को नजरअंदाज करना बीजेपी हाईकमान के लिए आसान नहीं है।

शक्ति प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं राव इंद्रजीत?

विधानसभा से पहले इंद्रजीत ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी ठोकी थी। चुनाव के बाद भी उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा ने हमेशा बीजेपी को दिया है। अब बारी बीजेपी की है। यहां यह भी बता दे की 2019 में मन मुताबिक खुला हाथ न देने पर भाजपा से नाराज होकर हिमाचल प्रदेश में कोपभवन में चले गए थे। तब भाजपा के सीट्स ने तब तूने बड़ी मुश्किल से उन्हें मनाया था।

राव 2019 में भी सीएम पद के दावेदार थे, लेकिन उस वक्त मनोहर लाल खट्टर से मात खा गए। वर्तमान के राजनीतिक परिदृश्य से उन्हें इस कुर्सी तक पहुंचने की उम्मीद है।

राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम से भाजपा सांसद हैं। ये दक्षिण हरियाणा मतलब अहीरवाल क्षेत्र से आते हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014, 2019 व 2024 में अहीरवाल क्षेत्र ने भाजपा की झोली वोटों से भर दी। शायद यही वजह है कि चार दिन से राव इंद्रजीत सिंह शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। रामपुरा हाउस में कार्यकर्ताओं से मिलकर ताकत दिखाते हुए दक्षिण हरियाणा के लिए नेतृत्व की मांग कर रहे हैं।

ब‍ता दें कि साल 1967 में पंजाब से अलग होकर हरियाणा नया राज्‍य बना। हरियाणा बनने के कुछ माह बाद ही राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव बीरेंद्र सिंह विशाल हरियाणा पार्टी से प्रदेश के मुख्‍यमंत्री बने थे। साल 2023 में इंद्रजीत सिंह राव भाजपा में शामिल हो गए और तब अहीरवाल बेल्‍ट भाजपा का गढ़ बना हुआ है।

हालांकि, राव के राह में नायब सैनी एक बड़ा रोड़ा है। सैनी के नाम की पहले ही बीजेपी हाईकमान ने घोषणा कर रखी है। ऐसे में इस बात की गुंजाइश कम है कि सैनी को हटाकर किसी और मुख्यमंत्री बनाया जाए।

कहा जा रहा है कि राव सीएम अगर नहीं बनते हैं तो मुखर होकर अपनी राजनीतिक बार्गेनिंग पावर बढ़ाएंगे। वर्तमान में राव मोदी कैबिनेट में स्वतंत्र राज्य मंत्री है। 2024 के बाद उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में लिया जाएगा।

इसके अलावा, हरियाणा कैबिनेट में भी राव समर्थकों का दबदबा दिख सकता है। उनके 2-3 समर्थकों को हरियाणा कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। राव की बेटी आरती भी मंत्री पद की दावेदार है।

अनिल विज भी मजबूती से कर रहे दावेदारी

हरियाणा बीजेपी के एक और दिग्गज नेता अनिल विज भी मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं। विज खट्टर सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। विज पार्टी के भीतर पंजाबी चेहरा हैं। हरियाणा में करीब 5-6 प्रतिशत पंजाबी हैं।

विज जिस अंबाला से आते हैं, वहां की 5 में से सिर्फ एक सीट पर ही बीजेपी ने जीत हासिल की है। कहा जा रहा है कि विज अगर बागी होते हैं तो भविष्य में यहां पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

गुरुग्राम से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पर भी सबकी नजरें हैं। कहां जा रहा है कि अगर उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाए तो वह अपनी लड़की के लिए लाबिंग करेंगे। क्योंकि अपनी बेटी को मंत्रीमंडल में महिला कोटे से शामिल करवाने की कोशिश करेंगे। राव इंद्रजीत सिंह के बेटी आरती राव अटेली से चुनाव जीती हैं। ऐसे में महिला कोटे से वह मंत्री बन सकती है। हालांकि, वह पहली बार की विधायक हैं। लेकिन इंद्रजीत सिंह की वजह से उन्हें जगह मिल सकती है। क्योंकि उनके मुकाबले केवल एक ही महिला विधायक हैं। राई से कृष्णा अहलावत दूसरी बार जीतकर पहुंची हैं।

उधर, किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भी मंत्रीपद के लिए दावेदारी जताएंगी। उन्होंने नई दिल्ली में अपनी माता के साथ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की है। ऐसे में माना जा रहा है कि वह मंत्री पद की लॉबिंग केलिए ही खट्टर से मिली हैं। हालांकि, श्रुति चौधरी ने इस बार से इंकार किया और कहा कि वह केवल मुलाकात करने गई थी और पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी, वह उसके अनुसार, काम करेंगी।

पिता ठोकते रहे हैं सीएम पद दावेदारी

दक्षिण हरियाणा के दिग्गज नेता राव इंद्रजीत चुनाव के दौरान सीएम पद के लिए भी दावेदारी ठोकते रहे। टिकट आवंटन में अक्सर भाजपा परिवारवाद को तवज्जो नहीं देती है लेकिन इस बार पार्टी की तरफ से नेताओं के बेटे और बेटियों को भी टिकट दी। राव इंद्रजीत भी अपनी बेटी को जैसे तैसे टिकट दिलाने में कायमाब रहे। हालांकि, दक्षिण हरियाणा से राव नरबीर सिंह की मंत्रिमंडल में शामिल होने की दावेदारी है। ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह की बेटी के लिए मुश्किल हो सकती है।

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