कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता एमी याग्निक ने भाजपा को घेरा, कहा, शेयर मार्केट से जुड़े करोड़ों लोगों से हो रहा विश्वासघात

सेबी प्रमुख को पद से हटाकर जेपीएस से करवाएं जांच : एमी याग्निक

चंडीगढ़, 21 अगस्त। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ एमी याग्निक ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी  प्रमुख माधबी पुरी बुच पर हुए खुलासे में कोई कार्रवाई नहीं करने पर  मोदी सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने साफ कहा कि मामला मोदी के दोस्त अडानी से जुड़ा है, इसलिए प्रधानमंत्री चुप हैं। यह शेयर मार्केट से जुड़े करोड़ों लोगों के विश्वास का मामला है। उन्होंने इस पूरे मामले को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीएस) में ले जाने की मांग। डॉ एमी याग्निक चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस कार्यालय में आज पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कोलकाता में महिला डॉक्टर से साथ हुई दरिंदगी और अन्य राज्यों में महिला विरुद्ध जघन्य अपराधों को लेकर भी भाजपा सरकार को घेरा।

एमी याग्निक ने कहा कि सेबी प्रमुख माधबी बुच ने अडानी समूह के शेयरों की जांच में सुप्रीम कोर्ट और जांच समिति से अडानी समुह में उनके शेयर होने की बात को छुपाया था। उनके ऐसा करने से यह जांच प्रभावित हुई है। माधबी बुच को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं, दूसरी ओर मोदी सरकार भी कोई कार्रवाई करने की बजाय चुप्पी साधे हुए है। सरकार व प्रधानमंत्री मोदी दोनों चुप हैं। उन्होंने कहा कि माधबी बुच को बताना चाहिए कि पद पर आने से पहले उनकी कंपनी को अडानी के शेयरों से कितना लाभ हुआ और पति के नाम कंपनी करने के बाद उनसे कितना लाभ हुआ है।

उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ ठीक है तो माधबी बुच को बताना चाहिए कि अडानी समूह के साथ उनका इन्वेस्टमेंट कितना है, कब किया था और जब जांच चल रही तब उन्होंने चुप्पी क्यों साधी ? कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार से जेपीसी की मांग कर रही है, लेकिन मोदी सरकार लगातार हमारी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। भाजपा सरकार को जनता के समक्ष सच्चाई रखनी चाहिए कि वो इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। बीजेपी के अडानी के साथ क्या संबंध हैं। क्या मोदी इसलिए चुप हैं क्योंकि अडानी उनके दोस्त हैं?  प्रधानमंत्री मोदी को इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़कर सेबी प्रमुख को पद से हटाना चाहिए।

एमी याग्निक ने कहा कि मोदी सरकार से देश के इंट्रनल अफेयर नहीं संभल रहे हैं। एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था देश की शेयर मार्केट में होने वाली गड़बड़ियों का ध्यान रख रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी अंतर्राष्ट्रीय एंजेसी बिना किसी डेटा के ऐसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई रिपोर्ट नहीं निकालती है। केंद्र सरकार को इस पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करनी चाहिए। देश का आम नागरिक स्टॉक मार्केट में निवेश करता है। ऐसा करके सरकार उनके साथ विश्वासघात कर रही है।

उन्होंने मोदी सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के अलावा पिछले दस साल में हाथरस, उन्नाव और कटवा में महिलाओं के साथ हुई आपराधिक घटनाएं दर्शाती हैं कि देश में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है। आज के समय महिलाएं देश के किसी भी कोने में सुरक्षित नहीं हैं। चाहे वो अस्पताल हो, घर हो, रोड हो या फिर अन्य कार्यस्थल हो। बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली बीजेपी सरकार बेटियों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। प्रधानमंत्री मोदी इन मामलों पर कभी नहीं बोले हैं।

एमी याग्निक ने कहा कि देश के नार्थ के राज्यों में हर साल भूस्खलन जैसी घटनाएं होती हैं, लेकिन मोदी सरकार इनसे बचने के लिए मानव प्रयत्न के हिसाब से जो संभव है उसको भी नहीं कर पा रही है। यह बीजेपी सरकार की विफलता को दर्शाता है। सरकार ने पहाड़ों में निर्माण के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए कोई रोडमैप तैयार नहीं किया है। मोदी सरकार पहाड़ों में होने वाली जान व माल हानि को नहीं रोक पा रही है। वहीं, वायनाड में आपदा से सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, इसके बावजूद भी प्रधानमंत्री मोदी वहां पर केवल हेलीकॉप्टर से चक्कर लगाकर आ जाते है। वायनाड आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित न करना ये मोदी सरकार के गर्वनेंस मॉडल का सबसे बड़ा फेलियर है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दौरान देश में लगातार पेपर लीक हो रहे हैं। सरकार व एनटीए इन पर रोक लगाने को लेकर कुछ कर नहीं पा रही है। शिक्षामंत्री आते हैं और बोल कर चले जाते हैं, लेकिन सिस्टम में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं।

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