आखिर क्यों रोकना पड़ा सुनीता केजरीवाल को अपना भाषण? भीड़ ढ़ोने हेतु शहर के अधिकांश आटो किए गए हायर सोनू सैनी व सुरेश सैनी को रोका नेताओं के एंट्री द्वार पर अशोक कुमार कौशिक देश में प्रदेश की राजनीति में ‘बदलाव’ की बात करने वाली आम आदमी पार्टी नारनौल में अपने ‘लक्ष्य’ और ‘सिद्धांतों’ से भटकती दिखाई दी। पार्टी में नारनौल से अनेक टिकटार्थी होने के बावजूद नारनौल की बदलाव रैली भीड़ की दृष्टि से सफल नहीं मानी गई। फ्री झाड़ू, फ्री शराब व फ्री खाना के इंतजाम के बावजूद भीड़ मुख्य अतिथि के भाषण के बीच में ही ‘उखड़’ गई। शनिवार को आम आदमी पार्टी द्वारा नारनौल में आयोजित बदलाव रैली में पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों के खिलाफ एक स्थानीय ‘पूंजीपति’ नेता के चलते बदलाव स्पष्ट दिखाई दिया। भीड़ में अनेक महिलाएं मिली जिन्होंने बताया कि उन्हें झूग्गियों से पैसा, फ्री झाड़ू व फ्री खाना का लालच देकर आटो में बिठा बदलाव रैली में लाया गया है। रैली के बाहर कुछ लोग एक नेता के टी-शर्ट पहने हुए थे और कांग्रेस के नारे लगा रहे थे। यह नारे लगाने वाले लोग शराब पीए हुए थे। उन्होंने बताया कि यह शराब शहर के एक नामी उद्योगपति द्वारा उन्हें रैली में ‘भीड़ बढ़ाने’ के उद्देश्य से ‘मुहैया’ करवाई गई है। महिलाओं और लोगों ने बताया कि उन्हे निशुल्क पर्चे लगे आटो में बिठाकर लाया गया। पता चला है कि इस उद्योगपति नेता ने शहर के अनेक ऑटो ड्राइवरों को पैसा देकर आज के दिन के लिए हायर किया था। भीड़ आए लोगों के लिए रैली स्थल के साथ खाने का भी इंतजाम किया गया था। खाने खाने में कहीं एकाएक भीड़ न टूट पड़े और खाना न खत्म हो जाए इसलिए, जब सुनीता केजरीवाल बोल रही थी तो बीच में से ही जनता उठ खड़ी हुई। भीड़ के चलने के साथ ही सुनीता केजरीवाल को भी अपना भाषण बीच में रोकना पड़ा। भीड़ उठने के साथ ही उनका जो फीक पड़ गया। सुनीता केजरीवाल के आगमन से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता के समक्ष शहर के एक क्रांतिकारी नेता गिरीश खेड़ा जब बोल रहे थे तब उन्हें बीच में ही रोक दिया गया क्योंकि उन्होंने कहा कि यह भीड़ अकेले एक व्यक्ति की नहीं है। इसे आम आदमी की पार्टी के सभी टिकटार्थियों द्वारा जुटाया गया है। उनके इतना बोलने की महज देर थी कि उन्हें बीच में ही बोलने से रोक दिया गया। उन्होंने अपरोक्ष रूप से इस नेता द्वारा ‘धनबल’ के सहारे बदलाव रैली को कैप्चर करने की बात जो कर दी। रैली में एक घटना यह भी देखने को मिली की नगर परिषद नारनौल के चेयरपर्सन चुनाव लड़ चुकी प्रत्याशी सोनू सैनी व उनके पति सुरेश सैनी को नेताओं के एंट्री द्वार पर रोक लिया गया। काफी बहस और जद्दोजहद के बाद उन्हें मंच तक आने दिया गया। अब यहां यह सवाल खड़ा होता है गलत व्यवस्था के खिलाफ लड़ने वाली सिद्धांत वादी और लीक से हटकर चलने वाली आम आदमी पार्टी को एक स्थानीय नेता क्यों उसकी मिट्टी पलीत करने पर उतारू है। इस नेता पर शुरू से यह आरोप लगाते रहे हैं कि उसने अन्य स्थानीय नेताओं को बौना कर दिया है। अगर समय रहते आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो उसकी शाख को बड़ा धक्का लग सकता है। Post navigation राजनीति, खेल और विनेश ……. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल कौशिक ने की चुनाव संचालन और चुनाव प्रबंधन समिति की घोषणा