अगर बंधवाड़ी साइट से दिसबंर तक गारबेज नहीं हटा तो अपनी ही पार्टी के खिलाफ धरने पर बैठेंगे : राव इद्रजीत

चुनाव से पहले अपनी पार्टी को घेर रहे राव इद्रजीत, कहा अगर बंधवाड़ी साइट से दिसबंर तक गारबेज नहीं हटा तो अपनी ही पार्टी के खिलाफ धरने पर बैठेंगे

बेटी को विधानसभा टिकट नहीं मिलने और खुद को केंद्रीय कैबिनेट मिनिस्टर नहीं बनाए जाने से पार्टी से नाराज चल रहे हैं राव इंद्रजीत

अशोक कुमार कौशिक 

उधर दक्षिणी हरियाणा की राजनीति में खासा प्रभाव रखने वाले भाजपा के कद्दावर नेता व छह बार सांसद रहे राव इंद्रजीत सिंह अपनी अनदेखी का हवाला देते हुए लगातार अपनी ही पार्टी सत्ताधारी भाजपा को निरंतर घेर रहे हैं। अक्टूबर महीने में हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राव इंद्रजीत अपनी ही पार्टी की परेशानियों में इजाफा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अबकी बार उन्होंने बंधवाड़ी लैंडफिल को लेकर अपनी पार्टी को घेरते हुए कहा है कि यदि दिसंबर तक बंधवाड़ी लैंडफिल से कूड़ा गारबेज नहीं हटाया गया तो वह ग्रामीणों के साथ सरकार के खिलाफ धरने पर बैठेंगे।

इससे पहले भी राव इंद्रजीत ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टियां अपना हिसाब देखती हैं। हमको भी अपना हिसाब देखना पड़ेगा कि हमारी पार्टी हमारी बात सुन रही है या नहीं। अगर सुन रही है तो बल्ले-बल्ले और अगर नहीं सुन रही है तो क्यों नहीं सुन रही। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि सरकार को हमने बनाया है। उन्होंने कहा कि जब तक इस तरह की बात राजनीति के अंदर नहीं लाओगे तो बात नहीं बनेगी। क्योंकि अगली पीढ़ी के अंदर हमें दब्बू प्रवृत्ति के नेता नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा कि फिर लोग बोलते हैं कि इंद्रजीत लड़-झगड़ लेता है। अगर मैं नहीं बोलूं तो आपकी कौन सुनेगा। इसलिए कहता हूं संगठित रहो और अपनी आवाज़ उठाओ।

राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया

राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि लैंडफिल के आसपास के क्षेत्र में जलस्रोत, मिट्टी व भूजल प्रदूषित हो रहे हैं और आप पास के लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार बंधवाड़ी लैंडफिल में अप्रैल माह तक करीब 16 लाख मीट्रिक टन कूड़ा था। बंधवाड़ी लैंडफिल मामला लंबे समय से निरंतर चर्चा में है और मामले पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी ) भी संज्ञान ले चुका है। ऐसे में मामले की गंभीरता साफ समझ में आती है, यहां से निकलने वाले कचरे और बार आग लगने की घटनाओं से अरावली क्षेत्र भी निरंतर प्रभावित हो रहा है।

चुनाव से पहले राव इंद्रजीत का दबाव की राजनीति के मायने

साल 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले राव इंद्रजीत ने भाजपा ज्वाइन की थी। बेशक पार्टी ने उनको लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव में टिकट दिया और पद दिया लेकिन पार्टी ने उनकी बेटी आरती राव को विधानसभा चुनाव में टिकट देने से परहेज ही किया जिसके चलते वो लगातार पार्टी से नाराज चल रहे हैं। लेकिन अबकी बार वो कह चुके हैं कि बेशक बेटी आरती को टिकट मिले या नहीं लेकिन उनकी बेटी अबकी बार चुनाव जरुर लड़ेगी।

ऐसे में साफ है कि वो विधानसभा चुनाव से पहले बेटी के राजनीतिक भविष्य के लिए भाजपा के साथ आर पार के मूड में नजर आ रहे हैं, परिणाम में चाहे जो भी हो। हालांकि उनकी बेटी को टिकट देने को लेकर पार्टी के ही बेहद सीनियर नेता ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर उनको बेटी को पार्टी द्वारा टिकट देने में कोई खास परेशानी आड़े नहीं चाहिए। हालांकि भाजपा में एक अघोषित परंपरा आमतौर पर रही है कि एक परिवार से एक समय एक ही कैंडीडेट को टिकट मिले।

कैबिनेट मिनिस्टर नहीं बनाए जाने से भी नाराज हैं राव इंद्रजीत सिंह

इसके बाद से वो पार्टी के टिकट पर लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन अब तक पार्टी ने उनको तीन बार केंद्रीय राज्य मंत्री जरुर बनाया है लेकिन भाजपा हाईकमान ने उनको केंद्रीय राज्य मंत्री बनाने से परहेज ही किया। अबकी बार उनका रोष सार्वजनिक रूप से बाहर आ ही गया जब उन्होंने कहा है कि जो उनसे राजनीतिक अनुभव में कम हैं या छोटे हैं, उन लोगों को केंद्रीय मंत्री बनाया गया लेकिन उनको राज्य मंत्री ही बनाकर रखा गया।

उनके इस बयान को पूर्व मुख्यमंत्री और अबकी बार कैबिनेट मिनिस्टर बनाए गए मनोहर लाल के संदर्भ में माना गया। माना जा रहा है कि राव इंद्रजीत को एक बार भी केंद्रीय मंत्री का पद न दिए जाने व अपनी बेटी को दो बार विधानसभा का टिकट न दिए जाने से वो भाजपा से नाराज हैं। उपरोक्त बातों के क्रम में माना जा रहा है कि पार्टी के खिलाफ उनका यह नया बयान अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले दबाव की राजनीति का हिस्सा है।

करीब दर्जन भर सीटों पर राव इंद्रजीत का प्रभाव

इस कड़ी में यह बताना उल्लेखनीय है कि राव इंद्रजीत की दक्षिणी हरियाणा की एक दर्जन से अधिक सीटों पर उनका ठीक ठाक प्रभाव है। ऐसे में भाजपा ने दक्षिणी हरियाणा के वोटर्स को अपने पाले में लाने में और राव इंद्रजीत के गढ़ में पार्टी के लिए अधिक से अधिक सीटें हासिल करने के लिए हाल ही में हुए संसदीय चुनावों से पहले इस क्षेत्र में कई रैलियां की हैं।

इन विधानसभा सीटों में महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगल चौधरी, गुरुग्राम, सोहना, बादशाहपुर, पटौदी, रेवाड़ी, बावल, कोसली, नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुनहाना शामिल हैं। अहीरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत का अच्छा चुनावी समर्थन होने के कारण कोई भी गुट उन्हें नजरअंदाज करने में सक्षम नहीं दिख रहा है। हाल के लोकसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम में राव इंद्रजीत को अपना मित्र बताया और भाजपा ने उन्हें तीसरी बार गुरुग्राम सीट से मैदान में उतारा।

भाजपा ने राव इंद्रजीत के विरोधियों को भी तवज्जो दी, राव इंद्रजीत नाराज हुए

मार्च 2024 में जब हरियाणा में नई कैबिनेट का गठन हुआ तो राव इंद्रजीत के विरोधियों को कैबिनेट में जगह दी गई, जबकि उनके एक समर्थक और पूर्व कैबिनेट मंत्री को कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं दी गई। नई कैबिनेट के गठन में दक्षिण हरियाणा में खासा राजनीतिक प्रभाव रखने वाले भाजपा के दिग्गज राव इंद्रजीत को एक तरह से झटका दिया गया। उनके विश्वासपात्र एवं पूर्व मंत्री ओपी यादव को मंत्रिमंडल में जगह न मिलना राव इंद्रजीत के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था,

वहीं दूसरी ओर उनके धुर विरोधी अभय सिंह यादव को मंत्रिमंडल में जगह देना राव इंद्रजीत को दोहरा झटका दे गया, जिससे साफ संकेत मिल गया कि पार्टी नहीं चाहती कि दक्षिण हरियाणा में उनकी एकतरफा पकड़ रहे। भाजपा पिछली बार भी अभय सिंह यादव को मंत्री बनाने को इच्छुक थी, लेकिन राव इंद्रजीत की असहमति के कारण अभय सिंह यादव को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई थी। इसके अलावा उनके धुर विरोधियों संतोष यादव, सुधा यादव, भूपेंद्र यादव, रणधीर कापड़ीवास और अरविंद यादव को तवज्जो दी है।

राज्य सरकार बंधवाड़ी साइट से कचरा हटाने के लिए प्रतिबद्ध : सुभाष सुधा

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री और थानेसर से विधायक सुभाष सुधा ने कहा राज्य सरकार बंधवाड़ी साइट से कचरा हटाने के लिए प्रतिबद्ध है। करीब 19 लाख टन कचरे में से 9 लाख टन का निपटान किया जा चुका है, जबकि शेष 10 लाख टन को जल्द ही हटा दिया जाएगा। राव इंद्रजीत पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और मुद्दे को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। सरकार द्वारा समस्या के समाधान के लिए निरंतर कदम उठाए भी गए हैं और मामले को लेकर बेहद गंभीरता से काम हुआ है।

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