आम जनता क्या करे, घर में रहे तो घर डूब जाए, सड़क पर चले तो सड़क डूब जाए,

बारिश होने पर पूरी रात अंधेरे में बिताए

सवाल यह है कि 3 लोगों की दर्दनाक मौत पर सरकार क्या कार्रवाई कर रही है

गुड़गांव, 1 अगस्त – बीती रात गुड़गांव में हुई बारिश के दौरान करंट लगने से तीन लोगों की जिंदगी काल के ग्रास में समा गई। बारिश के दौरान हुए जल भराव में करंट आने से क्वालिटी इंजीनियर, कोरियाई कंपनी के ड्राइवर व एक कंपनी के युवा कर्मचारी की मौत हुई। इन मौतों के पीछे किसकी लापरवाही है, यह सवाल कांग्रेसी नेता पंकज डावर ने भाजपा सरकार से किया है। पंकज डावर ने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि बारिश के दौरान रात 9 बजे घटना घटती है, तीन लोगों का शव 4 घंटे तक पानी में तैरते रहते है। सूचना मिलते के 4 घंटे बाद पुलिस शव को बाहर निकालने की कार्रवाई करती है।

पंकज डावर ने बताया कि स्ट्रीट लाइट के बगल में नंगी तारे पड़ी थी, जब जलभराव हुआ तो उधर से गुजरने वाले ये तीनों व्यक्ति उसकी चपेट में आए। शहर में जितने भी बिजली के खंबे हैं सबके पास इसी तरह की लापरवाही देखी जा सकती है। हर महीनों हजारों करोड़ बिजली विभाग राजस्व वसूलता है, जिसमें सैकड़ों करोड़ तो सुरक्षा व्यवस्थाओं पर खर्च करता है, बावजूद शहर के ये हालात है कि बीती रात जब से बारिश शुरू हुई आधे शहर में पूरी रात बिजली गुल रही, पूरी पूरी रात बिजली कट क्यों होता है, जो भी खराबी होती है उससे आम जनता को कितना सफर करना होता है, इसका अंदाजा विभाग क्यों नहीं लगाता। मौजूदा सरकार को इन तीनों मौतों पर अपना जवाब देना चाहिए। उनकी मांग है कि जिन लोगों ने जान गवाई है उनके परिवारों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए।

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