· दूसरे देश के खिलाड़ियों से लड़ने वाले हमारे खिलाड़ियों को सरकार और सिस्टम से न लड़ना पड़े, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए – दीपेन्द्र हुड्डा · बीजेपी सरकार ने ‘पदक लाओ, पद पाओ’, स्पैट नीति, खिलाड़ियों को कैश अवार्ड, एससी समाज की बेटियों को सम्मान राशि से वंचित कर दिया – दीपेन्द्र हुड्डा · जो हरियाणा खेल-खिलाड़ियों में नंबर 1 था वो आज नशे में नंबर 1 बन गया है – दीपेन्द्र हुड्डा · लोकसभा में सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने ‘ओलंपिक खेलों के लिए भारत की तैयारियों पर’ कांग्रेस पार्टी की तरफ से चर्चा की शुरुआत की चंडीगढ़, 22 जुलाई। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आगामी ओलंपिक खेलों के लिए भारत की तैयारियों पर लोकसभा में नियम 193 के तहत कांग्रेस पार्टी की तरफ से चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि ओलंपिक में पदक जीतने हैं तो देश भर में कांग्रेस की हुड्डा सरकार की पदक लाओ पद पाओ नीति को लागू करना होगा। उन्होंने एक कहावत – पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे होगे खराब का जिक्र करते हुए कहा कि हरियाणा की हुड्डा सरकार ने अपनी कारगर खेल नीति के जरिए इस कहावत को … खेलोगे-कूदोगे बनोगे लाजवाब’ में बदल दिया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मेडल तभी आ सकता हे जब खिलाड़ियों को मान-सम्मान, उचित प्रोत्साहन, इंफ्रास्ट्रक्चर, उनके भविष्य की सुरक्षा, प्रतिभा की खोज की नीति लागू होगी। दीपेन्द्र हुड्डा ने जंतर-मंतर पर न्याय मांगने धरने पर बैठी ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ी बेटियों की पीड़ा उठाते हुए कहा दुनियाभर में जाकर दूसरे देश के खिलाड़ियों से लड़ने वाले हमारे खिलाड़ियों को सरकार और सिस्टम से न लड़ना पड़े, ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने ओलंपिक खेलों में शामिल होने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पदक लाने के प्रति ये सरकार कितनी गंभीर है ये इस बात से स्पष्ट है कि 26 जुलाई से ओलंपिक खेल शुरू हो रहे हैं और आज 22 जुलाई को सरकार इसकी तैयारियों पर चर्चा कर रही है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए शुरूआत बचपन में होती है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि जीवन में एक बार ओलंपिक खेलों में वो राष्ट्रगान सुने। हमारा तिरंगा सबसे ऊपर फहराए- वो उस एक पल के लिए जीवन भर मेहनत करता है। हरियाणा के गांव-गाँव के युवाओं के केवल दो ही सपने होते हैं- फौज में जाना कर मातृभूमि की रक्षा करना, दूसरा खेल के मैदान में भारत का तिरंगा लहराना। लेकिन बीजेपी सरकार ने हरियाणा के खिलाडियों के हितों की घोर उपेक्षा की। कांग्रेस सरकार के समय ग्रुप सी, डी में मिलने वाले 3 प्रतिशत खेल कोटे को खत्म कर दिया। खिलाड़ियों को प्रमोशन से वंचित कर दिया, 2021 के बाद से कैश अवार्ड से भी वंचित कर दिया। कांग्रेस सरकार के समय जूनियर, सब-जूनियर खिलाड़ियों, यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को भी कैश अवार्ड दिया जाता था। कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने स्कूल स्तर पर कक्षा 1 से खेल-खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए SPAT नीति बनाई, जिसे भाजपा सरकार ने अंततः समाप्त कर दिया। स्पैट नीति के तहत SC समाज की बेटियों को जिले/राज्य स्तर तक पहुंचने पर 40 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, इसे भी भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया। कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने पूरे प्रदेश में 232 राजीव गांधी खेल स्टेडियम, 6 अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम बनवाए। लेकिन पिछले 10 साल में बीजेपी सरकार ने रोहतक, अंबाला समेत प्रदेश भर के स्टेडियमों और खेल नर्सरियों की दुर्दशा कर डाली, 10 साल में एक भी कोच की नियुक्ति नहीं की। जो हरियाणा खेल-खिलाड़ियों में नंबर 1 था वो आज नशे में नंबर 1 बन गया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस की हुड्डा सरकार की उम्दा खेल नीति का ही परिणाम है कि ओलंपिक में अब तक भारत को मिले 35 में से 23 व्यक्तिगत पदकों में से 10 हरियाणा के खिलाड़ियों ने अर्जित किये हैं। पिछले 4 ओलंपिक में देश को मिले कुल मेडल में से आधे से ज्यादा हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। पिछले ओलंपिक में करीब 25 प्रतिशत इस बार ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहे करीब 21 प्रतिशत खिलाड़ी हरियाणा से हैं। हमें गर्व है कि 2006 के बाद से ओलंपिक समेत जितने भी खेल हुए उनमें 50 प्रतिशत मेडल और 25 प्रतिशत खिलाड़ियों का हिस्सा हरियाणा का है। कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति के तहत योगेश्वर दत्त, बिजेंद्र सिंह, बबिता फोगाट समेत 500 से ज्यादा खिलाड़ियों को डीएसपी से लेकर अन्य सरकारी पदों पर नियुक्ति दी गयी। दुर्भाग्य से पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने इस नीति को रोक दिया। हरियाणा सरकार ने पिछले ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, रवि दहिया, नीरज चोपड़ा को अब तक कोई नियुक्ति नहीं दी। दीपेन्द्र हुड्डा ने 6 ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों को दिल्ली में धरने पर बैठने और सरकार द्वारा अनदेखी का मुद्दा उठाकर कहा कि सरकार ओलंपिक मेडल की तैयारियों की बात कर रही है जब खिलाड़ियों ने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है हम अपने मेडल गंगा में बहा देंगे। सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए थी, न्याय दिलाने का भरोसा देना चाहिए था। सत्तारुढ़ दल के सांसद ने ओलंपिक मेडल की कीमत लगाने जैसा बेतुका बयान दिया। सरकार में से कोई उनसे मिलने तक नहीं गया न उनकी बात सुनी। सुप्रीम कोर्ट के कहने पर एफआईआर लिखी गयी। हरियाणा के खेल मंत्री के महकमे की महिला कोच द्वारा दुर्व्यवहार के आरोप के बावजूद आरोपी मंत्री के पद पर बने रहने की बात कही गयी। Post navigation नॉन स्टॉप नहीं, फुल स्टॉप हरियाणा होना चाहिए बीजेपी का नारा- हुड्डा किरण चौधरी के खिलाफ कांग्रेस की याचिका खारिज ….