भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। लोकसभा चुनावों के परिणामों से भाजपा में संशय हो गया है कि आगामी सरकार भाजपा की बन पाएगी या नहीं और यह बात भाजपा हाईकमान तक भी पहुंची तथा उसी को देखते हुए शायद बीजेपी के चाणक्य अमित शाह कल से हरियाणा की कमान संभाल लेंगे।

2019 चुनाव में भाजपा ने दस की दस लोकसभा सीट जीती थीं और 75+ का नारा देकर चुनाव लड़े थे किंतु तब भी सीटें 40 ही आई थीं। गठबंधन के सहारे से सरकार बनी थी। वर्तमान में तो भाजपा लोकसभा की 5 सीटें हार चुकी है और दो सीटों पर तो मार्जिन 3 लाख से भी अधिक रहा है। ऐसे में जीत पर संदेह तो हो ही जाता है।

इतना ही नहीं भाजपा के दिग्गज भी अपने क्षेत्र में भाजपा को जिता नहीं पाए। बात करें हरियाणा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ की तो वह अपने बादली विधानसभा क्षेत्र में कितने वोट उन्हें मिले, उससे लगभग डेढ़ गुणा वोट से भाजपा को उनके क्षेत्र में हार का वरण करना पड़ा।

इसी प्रकार लोकसभा चुनाव के पश्चात भाजपा की ओर से ही कहा गया था कि 5 जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे। उन्होंने चुनाव में उचित काम नहीं किया। उसके पश्चात अनेक लोकसभा के हारे हुए उम्मीदवारों ने भाजपा के दिग्गज नेताओं के भी नाम लिए चुनाव में सहयोग न करने के लिए। इसके पश्चात भाजपा बैकफुट पर चली गई और किसी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। ऐसी स्थितियों को भांपकर ही शायद अमित शाह कमान संभाल रहे हैं। देखना यह है कि कितना सफल होंगे?

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