हरियाणा में बेरोजगारों का सवाल — कौन हैं भर्ती रोको गैंग का सरदार

बेरोजगारों के हक पर कौन डाका डाल रहा हैं

नवीन जयहिंद कब तक बेरोजगारों की आवाज उठाता रहेगा ?

हरियाणा में कौन सुनेगा बेरोजगारों के मन की बात

रौनक शर्मा

रोहतक / हरियाणा में बेरोजगारों के साथ अजीब भद्दा मजाक किया जा रहा हैं पिछले कई सालों से देखने में आ रहा हैं की सरकारी नौकरी के लिए भर्ती निकाली जा रही हैं और भर्ती पूरी होने से पहले ही भर्ती पर भर्ती रोको गैंग द्वारा तरह तरह से हथकंडे अपनाकर भर्ती पर कोर्ट के माध्यम से रोक लगवा दी जाती हैं और बेरोजगारों का सरकारी नौकरी के नाम पर मजाक बनाकर रख दिया जाता हैं

हरियाणा में बेरोजगारों के सामने सरकारी नौकरी के मामले को लेकर प्रश्न चिह्न उठ जाता हैं की हरियाणा में बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक कौन कर रहा हैं आखिर कौन हैं भर्ती रोको गैंग का सरदार जो जानबूझकर हरियाणा में बेरोजगारों के साथ ऐसा कर रहा हैं बीजेपी की मंशा ही सरकारी भर्तियों को पूरा करने की नही हैं या फिर कांग्रेस के चंद लोग बीजेपी द्वारा की जा रही सरकारी भर्तियों में रोड़े अटका रहे हैं

हरियाणा में बीजेपी कांग्रेस पर आरोप लगा रही हैं वही कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगाकर अपनी राजनीति चमका रही हैं लेकिन बेरोजगारों के दर्द को समझने वाला कोई नहीं हैं जो इस समस्या का निदान करवा सके

जयहिंद सेना प्रमुख नवीन जयहिंद भी बार बार सोशल मीडिया के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री को भर्तियों को पूरा करने बारे अपील करता रहता हैं और साथ ही सीएम को बेरोजगारों के लिए सड़को पर उतरने की चेतावनी देता हैं ताकि सरकार सरकारी नौकरियों की पेंडिंग पड़ी भर्तियों को पूरा कर सके जयहिंद पहले भी हरियाणा में बेरोजगारों के लिए सड़को पर उतरकर बेरोजगारों की बारात निकाल चुका हैं लेकिन सवाल ये हैं की जयहिंद भी कब तक बेरोजगारों की आवाज उठाता रहेगा जयहिंद ने तो गत दिनों बेरोजगारों के लिए हरियाणा सीएम से भर्ती रोको गैंग का एनकाउंटर करने बारे विवादित बयान भी दे दिया था

हरियाणा में जनता को फैसला करना हैं की कौन हैं वे लोग जो भर्ती रोको गैंग के सरदार हैं और भर्ती को पूरा नहीं होने दे रहे अब पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आए एक आदेश जिसमे गरीबों के लिए 5 न मामले को लेकर भी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं की हरियाणा सरकार जानबूझकर सरकारी नौकरियां नही देना चाहती हैं लेकिन इन बीजेपी कांग्रेस पार्टियों के विवाद में बेरोजगारों की मन की बता कोई नही सुन रहा हैं क्योंकि एक भर्ती पूरी होने की बाट देखते देखते बेरोजगार की उम्र निकल जाती हैं लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी नही होती वही कोर्ट केस में मामला फसने के बाद भर्ती पर रद्द होने तक का खतरा मंडराया रहता हैं

सरकारी भर्तियों के कोर्ट में जाने पर सवाल हरियाणा सरकार पर भी उठता हैं क्या हरियाणा सरकार की नीतियां ही ऐसी हैं या फिर हरियाणा सरकार की भर्तियों को पूरा करने की नियत ही नही हैं वही लगभग 80 दिनो के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होने जा रहे हैं और विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी एक बहुत बड़ा मुद्दा बनने जा रहा हैं

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