इको ग्रीन एनर्जी ने गुरुग्राम में दिया जोर का झटका धीरे से राज बब्बर कूड़े की समस्या को लेकर 14 को मिले निगम कमिश्नर से 15 को राव इंद्रजीत ने खुलासा किया इको ग्रीन कंपनी का टेंडर कैंसिल हाई कोर्ट ने इको ग्रीन एनर्जी के खिलाफ उठाए कदम पर लगाई रोक फतह सिंह उजाला गुरुग्राम । साइबर सिटी, मिलेनियम सिटी, मेडिकल हब जैसे नाम से दुनिया भर में पहचान बनाए हुए गुरुग्राम में सफाई व्यवस्था गंदगी और कूड़ा का पहाड़ मौजूदा लोकसभा चुनाव में एक अलग ही मुद्दा बन गया। गुरुग्राम जिला हरियाणा सरकार के खजाने में सबसे अधिक राजस्व उपलब्ध करवा रहा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान गुरुग्राम के कूड़ा करकट की समस्या को लेकर जो घटनाक्रम सामने आया है, उसे देखकर यह कहना अधिक उचित रहेगा पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज बब्बर की नो बोल रही और भाजपा के कमल पर सांसद बनने की हैट्रिक वाले राव इंद्रजीत रन आउट हो गए । इसका मुख्य कारण है गुड़गांव शहर की सफाई व्यवस्था को देखने वाली इको ग्रीन एनर्जी कंपनी के द्वारा राज बब्बर और राव इंद्रजीत दोनों को ही जोर का झटका धीरे से देने के साथ ही गुरुग्राम नगर निगम प्रशासन और हरियाणा सरकार को भी कहीं ना कहीं बैक फुट पर कर दिया। मोदी मंत्रिमंडल में लगातार तीसरी बार मंत्री बने राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा 15 जून को एक कार्यक्रम में खुलासा किया गया कि इको ग्रीन कंपनी का टेंडर कैंसिल कर दिया गया है। गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था के साथ ही इको ग्रीन कंपनी का टेंडर कैंसिल करने के लिए राज्य सरकार से बात करने का दावा भी उनके द्वारा किया गया । इससे एक दिन पहले ही 14 जून को पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज बब्बर जो की राव इंद्रजीत सिंह के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़े, उन्होंने गुरुग्राम निगम कमिश्नर नरहरि सिंह बांगड़ से मुलाकात कर विभिन्न समस्याओं में विशेष रूप से शहर की सफाई व्यवस्था और कूड़ा करकट को लेकर एक ज्ञापन भी सोपा। इतना ही नहीं निश्चित समय में सकारात्मक परिणाम नहीं दिखाई देने पर और कठोर कदम उठाए जाने का भी इशारा किया गया । इसके बाद अगले ही दिन जब केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा इको ग्रीन एनर्जी कंपनी का टेंडर कैंसिल किया जाने की जानकारी दी गई तो राज बब्बर समर्थ को सहित कांग्रेस नेताओं ने इसका सारा श्रेय लेने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। दूसरी तरफ नगर निगम के द्वारा शहर भर में कूड़ा करकट समेटने के लिए वाहनों का विशेष प्रबंध किया गया । हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव और इसके बाद स्थानीय स्वशासन मंत्री के द्वारा भी गुड़गांव में विशेष रूप से नगर निगम अधिकारियों की क्लास ली गई। उपलब्ध जानकारी के मुताबिक इको एनर्जी कंपनी को 14 जून को ही एग्रीमेंट समाप्त होने अथवा टर्मिनेशन का नोटिस थमाया गया था । इसके बाद में कंपनी ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में न्यायाधीश राजेश भारद्वाज की अदालत के द्वारा गुरुग्राम – फरीदाबाद में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट करने वाली इको ग्रीन एनर्जी कंपनी के खिलाफ टर्मिनेशन जैसे उठाए गए कदम पर रोक लगाती रोक लगा दी। अब इस मामले की सुनवाई आगामी 4 जुलाई को होनी निश्चित की गई है । इको ग्रीन एनर्जी कंपनी के द्वारा अपने खिलाफ जारी किए गए टर्मिनेशन नोटिस को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में एतराज जाहिर करते हुए कथित रूप से मनमानी कार्रवाई ठहराते हुए सवाल भी किए गए । कंपनी के इन्हीं सवालों का जवाब म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के द्वारा दिया जाना भी है। इस प्रकार से देखा जाए तो मिलेनियम सिटी, साइबर सिटी, मेडिकल हब के रूप में स्थापित हो चुके गुरुग्राम के कूड़े के पहाड़ पर राज बब्बर और राव इंद्रजीत दोनों ही अपनी जीत का झंडा फहराने में नाकाम रहे हैं। Post navigation ऑनलाईन हर्बल दवाइयां बेचने के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सैंटर का गुरुग्राम पुलिस ने किया पर्दाफाश बादशाहपुर की जनता ने ताकत दी तो विकास की कोई कमी नहीं रहेगी : राव नरबीर सिंह