पूर्व सीएम मनोहर लाल, इंद्रजीत व धर्मबीर को मिल सकती है जगह सुभाष बराला की संभावना से भी नहीं किया जा सकता इंकार अशोक कुमार कौशिक हरियाणा में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद लोगों के मन में एक बड़ा सवाल है कि एनडीए की सरकार बनने के बाद भाजपा के किस सांसद को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। 2019 में हरियाणा के दो सांसद केंद्र की सरकार में मंत्री थे। इनमें गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह और फरीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर शामिल थे। दोनों ही इस बार भी जीते हैं। मगर नवनिर्वाचित दोनों सांसदों की मंत्री बनने की दौड़ इतनी आसान नहीं होने वाली है। राव, गुर्जर के अलावा पूर्व सीएम मनोहर लाल और धर्मबीर सिंह भी केंद्रीय मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं। हालांकि हरियाणा के दो सांसदों को जब मंत्री बनाया गया था, तो उस दौरान भाजपा अकेले ही बहुमत में थी। गठबंधन के दलों का दबाव नहीं होता था। इस बार स्थितियां बदली हुई हैं। केंद्र में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। भाजपा पर एनडीए में शामिल घटक दलों के सदस्यों को भी मंत्री बनाने का दबाव होगा। उधर, चार महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में संभव है कि इस बार केंद्र में दो के बजाय किसी एक सांसद को मंत्री पद से नवाजा जाए। लोकसभा चुनावों के बाद हरियाणा में भाजपा की पिछली बार के मुकाबले इस बार आधी सीटें कम हो गई हैं। 2019 के चुनावों में मोदी लहर में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था। मगर इस बार कांग्रेस पांच सीटें जीतने में कामयाब हो गई। भाजपा के पांच सांसदों में से तीन धर्मबीर, राव इंद्रजीत व कृष्णपाल हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। पूर्व सीएम मनोहर लाल व देश के प्रमुख उद्योगपति नवीन जिंदल भाजपा से पहली बार लोकसभा में पहुंचे हैं। एक नजर डालते हैं कि उन सांसदों पर जो मंत्री बनने की दौड़ में क्यों शामिल हैं। उनके पक्ष-विपक्ष में क्या फैक्टर हैं। तीसरे कार्यकाल में नामों को लेकर चर्चाएं तेज मोदी के पहले व दूसरे कार्यकाल में हरियाणा से राव इंद्रजीत सिंह व कृष्णपाल दोनों मंत्री थे, लिहाजा तीसरे कार्यकाल में नामों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर इस बार अधिक प्रतिनिधित्व प्रदेश को मिल सकता है। लिहाजा हरियाणा में मिली पांच सीटों पर जीत के बाद अब चर्चा तेज है कि मोदी मंत्रिमंडल में किस नेता को जगह मिलेगी? राव इंद्रजीत सिंह ने भी कड़ी जीत हासिल की राव इंद्रजीत सिंह इस बार भी गुरुग्राम की सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की है, हालांकि इस बार वह उस मार्जिन से चुनाव नहीं जीत पाए जितने से वे 2014 व 2019 में जीते थे। वहीं, कृष्णपाल गुर्जर ने भी फरीदाबाद से लगातार दूसरी बार भाजपा को जीत दिलाई। जानकारों की मानें तो इस बार दोनों में से एक को ही मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी क्योकि भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से बड़ी संख्या में मंत्री पद दूसरे दलों के पास भी जाएंगे। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इन दोनों सांसदों में से राव इंद्रजीत सिंह की मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने की सबसे ज्यादा संभावनाएं दिखाई दे रही है। इसके पिछे यह भी कारण माना जा रहा है कि इंद्रजीत के सहारे उत्तर प्रदेश में हरियाणा के अहीर वोटों को साधा जा सके। इसके साथ साथ दक्षिण हरियाणा में राव इंद्रजीत का अपना प्रभाव है व उनकी साफ छवि भी उनके दावे को मजबूत करती है। पूर्व सीएम मनोहर लाल इसके अलावा पूर्व सीएम मनोहर लाल को भी महत्वपूर्ण विभाग मिल सकता है। मनोहर लाल दस वर्ष तक प्रदेश के सीएम रहे व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी नजदीकियां किसी से छिपी हुई नहीं हैं। खुद प्रधानमंत्री अनेकों बार मंचों से मनोहर लाल व अपनी दोस्ती के किस्से बयान कर चुके हैं। धर्मबीर सिंह अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में जाट वोटों को साधने के लिए भिवानी महेंद्रगढ़ से तीसरी बार सांसद बने धर्मबीर सिंह का भी नंबर लगने के पूरे कयास लगाए जा रहे हैं। धर्मबीर सिंह का तीन बार सांसद बनना और राजनीति का लंबा अनुभव उनकी संभावनाओं को प्रबल बना रहा है। इसके अलावा में प्रदेश में भी कांग्रेस सरकार के दौरान महत्वपूर्ण विभाग देख चुके हैं। कृष्णपाल गुर्जर लगातार तीन जीत हासिल करने वाले कृष्णपाल गुर्जर 2014 और 2019 की केंद्र की सरकार में मंत्री रहे हैं। पीएम मोदी के साथ उनकी अच्छी दोस्ती है। मोदी के साथ उन्होंने संगठन में काम भी किया है। इस बार उनका काफी विरोध था, इसके बावजूद वह अपनी सीट जीतने पर कामयाब रहे। ऐसे में इस बार भी वह मंत्री बनने के दौड़ में शामिल हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव में जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को देखते हुए मंत्री बनना उनका मुश्किल हो सकता है। Post navigation गठबंधन सरकार से पूर्व नीतीश ने चलाया तीर, अग्निवीर योजना में हो बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साढ़े 9 वर्षों में 25 करोड़ गरीब व्यक्ति गरीबी रेखा से ऊपर आये – मुख्यमंत्री