हरियाणा लोकसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस कितनी तैयार

कांग्रेस आपसी खींचतान में नहीं बना पाई संगठन

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी जीतोड़ मेहनत कर रही है। चुनाव जीतने के लिए पार्टी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)से लेकर लोकल मुद्दे वाली स्क्रिप्ट लिक रही है। लोकल मुद्दों पर बात करके मतदाताओं को अच्छे से लुभाया जा सकता है।

इसको ध्यान में रखकर भाजपा तैयारी कर रही है। इसके अलावा पन्ना प्रमुख, सर्वे, कॉल सेंटर के लिए जरिए भी भाजपा हर मतदाता तक पहुंचने की रणनीति तैयार कर चुकी है। हरियाणा में भाजपा के डाटा प्रमुख प्रवीण जैन इसका कामकाज देख रहे हैं।

अब पढ़िए भाजपा के जीत के लिए 5 प्लान

1. हर जिले में कॉल सेंटर एक्टिव

भाजपा ने हर लाभार्थी (सरकारी सुविधा प्राप्त व्यक्ति या परिवार) तक पहुंचने के लिए उनके मोबाइल पर फोन करने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए दो शिफ्टों में काम किया जा रहा है। सुबह 7 बजे से दोपहर 3 तीन बजे तक फीमेल स्टाफ काम करता है। इसके बाद दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक मेल स्टाफ काम करता है।

कॉल सेंटर में काम करने वाले सभी लोग प्रोफेशनल हैं। इनको वेतन पर रखा गया है। इनका काम हर लाभार्थी और पार्टी से जुड़े वोटर को फोन कर भाजपा के लिए वोट करने के लिए प्रेरित करना है। सभी लोकसभा क्षेत्रों में यह कॉल सेंटर चल रहे हैं।

इसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग कर मतदाताओं को लुभाएगी। भाजपा ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करेगी कि प्रत्याशी को घर-घर जाकर वोट मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि मोबाइल पर एक लिंक भेजा जाएगा। जिसे खोलते ही वोटर को यह अनुभव होगा कि प्रत्याशी उनके सामने ही बैठा है और वह पार्टी की नीतियों और उनकी प्राथमिकता की जानकारी देगा।

2. पन्ना प्रमुखों के जरिए प्रचार

अकेले हरियाणा की बात करें तो भाजपा के पास इस समय 3,44,902 पन्ना प्रमुख हैं। सबसे ज्यादा पन्ना प्रमुख गुरुग्राम लोकसभा में हैं, जहां इनकी संख्या 42,507 है। इसके बाद फरीदाबाद लोकसभा में 40,910, करनाल में 36291, अंबाला में 35,684, सिरसा में 33,246, भिवानी-महेंद्रगढ़ में 30459, हिसार में 30,763, कुरुक्षेत्र में 31,569, रोहतक में 32723, सिरसा में 33246 और सोनीपत में 30750 पन्ना प्रमुख हैं। इन पन्ना प्रमुखों को सुबह 9 बजे तक अपना व अपने परिवार का मतदान करवाकर बाकी उनके संपर्क में रहे परिवारों के वोट डलवाना है।

3. हर लोकसभा व विधानसभा में विस्तारक कर रहे काम

भाजपा की तरफ से लोकसभा चुनाव को लेकर एक लोकसभा क्षेत्र में हर विस्तारक और हर विधानसभा में सह विस्तारकों की ड्यूटी लगाई गई थी। करीब एक साल से यह विस्तारक क्षेत्र में रहकर काम कर रहे हैं। इनके पास बूथ स्तर की प्लानिंग है। इनको डाटा शेयर किया गया है कि किस विधानसभा में किस बूथ पर कितना मतदान भाजपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियों के लिए हुआ। किन बूथों पर कितना काम करने की जरूरत है।

4. डोर-टू डोर सर्वे

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा तीन से चार बार माइक्रो लेवल पर सर्वे करने जा रही है। यह सर्वे अभी शुरू होने वाला है। इस सर्वे में हर विधानसभा में 1000 से 3000 हजार परिवारों के बीच सर्वे टीम जाएगी और उनसे राय पूछेगी कि आप कौन से पार्टी को वोट देंगे और क्यों देंगे। इसके आधार पर भाजपा फील्ड में वर्क करेगी और पता लगाएगी किस विधानसभा में कितना जोर लगाने की जरूरत है। इस सर्वे को अलग-अलग समय पर करवाया जाएगा।

5. केंद्रीय नेताओं की स्क्रिप्ट भी लिखी जाएगी

इसके अलावा एक टीम केंद्रीय मंत्रियों के भाषणों की भी स्क्रिप्ट लिखेगी कि किस क्षेत्र के लोकल मुद्दे क्या हैं। हरियाणा में किस मुद्दे को उठाना है। यह क्षेत्र के हिसाब से तय किया जाएगा। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री से लेकर तमाम बड़े नेताओं के दौरे और स्क्रिप्ट यह टीम फाइनल करेगी।

हरियाणा लोकसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस कितनी तैयार

जहां एक ओर कांग्रेस बिना किसी संगठन के चुनाव में उतर रही है, वहीं भाजपा के पास पूरा माइक्रो मैनेजमेंट हैं। हरियाणा में तो पहली बार पन्ना प्रमुखों की फौज लेकर भाजपा फील्ड में उतर चुकी है। 2014 में हरियाणा में जहां भाजपा पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई थी, वहीं 2019 में भाजपा का ग्राफ नीचे आ गया था। इसके बाद भाजपा ने 2022 में हरियाणा में बाकी राज्यों की तरह पन्ना प्रमुख तैयार करने का फैसला लिया। हरियाणा में कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी प्रमुख दलों का संगठन है। हालांकि भाजपा के बराबर माइक्रो मैनेजमेंट किसी के पास नहीं है।

कांग्रेस आपसी खींचतान में नहीं बना पाई संगठन

कांग्रेस भी भाजपा की तरह अपना संगठन खड़ा करना चाहती थी, मगर आपसी गुटबाजी के चक्कर में कांग्रेस ऐसा नहीं कर पाई। कांग्रेस ने जिलाध्यक्ष के चुनाव को लेकर आवेदन मांगे थे। जिसमें काफी गुटबाजी देखने को मिली थी। इसके बाद कांग्रेस ने आज तक जिलाध्यक्षों की सूची तक जारी नहीं की। कांग्रेस को डर है कि अगर किसी व्यक्ति विशेष को दायित्व सौंपा जाएगा तो अंदरखाते दूसरे नेता के समर्थित कार्यकर्ता उसका विरोध करने लग जाएंगे। इसको देखते हुए आज तक कांग्रेस अपना संगठन हरियाणा में नहीं खड़ा पाई।

पिछले लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 10 की 10 सीटें जीत चुकी भाजपा 

भाजपा ने अपने संगठन के दम पर पिछले लोकसभा चुनाव में 10 की 10 सीटें जीती थीं। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 10 में से 7 लोकसभा सीटें जीत पाई थी। रोहतक सीट पर कांग्रेस और सिरसा और हिसार सीट इनेलो ने जीती थी। इसके बाद भाजपा ने अपनी खोई 3 सीटें भी जीत ली थी। अब पन्ना प्रमुखों को साथ लेकर भाजपा 2019 वाली स्थिति को दोहराने के लिए रण में उतर चुकी है।

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