वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में विक्रमी संवत 2081 का स्वागत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया। चैत्र प्रतिपदा और नवरात्र के उपलक्ष्य में हवन का आयोजन किया गया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने मुख्य यजमान के रूप में हवन में आहुति डाली और सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज से विक्रम संवत 2081 का प्रारंभ हो रहा है। हमारे त्यौहार और संस्कृति अद्भुत है। उनमें लालित्य है और वैशिष्ट्य है। आज ही के दिन कश्मीरी नव वर्ष नवरेह भी है, देश के कुछ हिस्सों में गुड़ी पड़वा भी है, चैत्र नवरात्र भी है। इसलिए यह अवसर हमारे लिए और विशेष हो जाता है। प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि हमारे स्वदेशी कैलेंडर की गणना इतनी सटीक है कि जब खगोल के उपकरण नहीं बने थे, तभी से हमारे विद्वान अपनी गणना से सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाओं के हजारों वर्ष का शुद्ध आंकलन करने में सक्षम थे।

उन्होंने विद्यार्थियों को इस नव वर्ष में और अधिक उन्नति करने के लिए प्रेरित किया। कैलाश भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य छात्रपाल प्रोफेसर ऋषिपाल ने विद्यार्थियों को वैदिक रीति और हवन के महत्व के विषय में बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी मूल संस्कृति से जुड़ने और संस्कारी बनने का आह्वान किया। दोनों अधिकारियों ने कार्यक्रम के संयोजक होस्टल सुपरवाइजर सतीश बुधवार के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम का आयोजन करने वाले छात्रों हिमांशु, नितिन, प्रवेश, अतुल, मयंक, दिव्यांशु और जयदीप पुनिया की पीठ थपथपाई।

इस अवसर पर डॉ. संजय राठौर, डॉ. प्रीति, छत्रपाल डॉ. मोहित श्रीवास्तव, महिला वार्डन डॉ. भावना रूपराई, डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. जितेंद्र दुबे, हिंदी अधिकारी भूपेंद्र प्रताप सिंह, वेब एडमिनिस्ट्रेटर प्रवीण आर्य, सहायक उप निदेशक विनोद भारद्वाज, दीपक दूहन, डॉ. सोहन लाल, डॉ. हिमानी, सोनिया शर्मा, निकिता, स्टाफ नर्स ज्योति और हरिओम सहित काफी संख्या में कर्मचारी और विद्यार्थियों ने हवन में आहुति डाल कर नव वर्ष का स्वागत किया।

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