भारत सारथी/ कौशिक

लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। 2014 में बीरेंद्र सिंह ने बीजेपी ज्वाइन की थी। पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में वह इस्पात और ग्रामीण विकास-पंचायती राज मंत्री रहे थे।

बीरेंद्र सिंह की पत्नी भी कांग्रेस में शामिल हुई हैं। इस मौके पर हरियाणा कांग्रेस के सभी बड़े चेहरे यानी भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा आदि नेता एक साथ मौजूद रहे। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाथ मिलाकर चौधरी वीरेंद्र सिंह का स्वागत किया। इससे पहले बीरेंद्र सिंह के बेटे और हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।

कांग्रेस में वापसी की बताई यह वजह

कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद बीरेंद्र सिंह ने कहा, ”आप हमसे पूछेंगे कि बीरेंद्र सिंह कांग्रेस में क्यों हैं तो मैं दो बात कहूंगा कि एक तो बहुत से साथियों ने मेरे कार पर घर वापसी के स्टार लगाए हुए हैं। घर वापसी तो हुई ही है बल्कि यह विचारधारा की वापसी भी है। मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैंने मान्यताओं को निभाया है।”

जयराम रमेश ने कराई वापसी

चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा, ” जब मैंने कहा कि मैं कांग्रेस में जाकर अपनी बात कहूं तो जयराम रमेश से पहली बार संपर्क हुआ। जब मैंने जिक्र किया तो उनके शब्द थे, जिसकी जरूरत इस देश की पॉलिटिक्स में है। उन्होंने कहा कि आप बेशक विपक्ष में रहे हैं, लेकिन आपकी मौजूदगी बीजेपी में मर्यादित रही। आपने किसी पार्टी के बारे में छोटी बात नहीं की। प्रजातंत्र से जुड़े लोग अपने आप को बड़े नेता की संज्ञा देते हैं। उन्हें कुछ मान्यताएं गरिमाएं उन्हें निभानी चाहिए। अगर हम इन मान्यताओं को बनाएंगे तो हमारा देश मजबूत होगा। इसलिए मेरी घर वापसी तो है ही विचारधारा की वापसी है।”
परिवारवाद को लेकर बीजेपी पर कही यह बात

बीरेंद्र सिंह ने इस दौरान परिवारवाद को लेकर बीजेपी को घेरा। उन्होंने कहा कि बीजेपी का परिवारवाद 140 करोड़ का परिवारवाद है और अगर हम भाई-बहन हैं तो हम पर परिवारवाद का हमला करते हैं। हमने हरियाणा के लोगों का साथ दिया। बीजेपी ने 10 साल में हरियाणा में किसी को अपना नहीं बनाया है।

बीजेपी के कार्यकाल में दो साल रहे मंत्री

बीरेंद्र सिंह ने अगस्त 2014 में बीजेपी ज्वाइन की थी। उन्होंने तब राज्यसभा से इस्तीफा दिया था। इसके बाद वह बीजेपी की ओऱ से राज्यसभा से निर्वाचित हुए। 2014-2016 के बीच वह मंत्री रहे। 2016 में वह एकबार फिर राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

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