भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। वर्तमान में लोकसभा चुनाव का जादू सिर चढक़र बोल रहा है। भाजपा कांग्रेस पर बारं बार कटाक्ष कर रही है कि उन्होंने उम्मीदवार घोषित नहीं किए परंतु अपनी ओर देख नहीं रही कि उन्होंने उम्मीदवार तो घोषित कर दिए लेकिन चर्चाओं का बाजार गर्म है कि उम्मीदवार बदले जाएंगे। सिरसा से सांसद उम्मीदवार अशोक तंवर और हिसार से उम्मीदवार रणजीत चौटाला की जनसभाओं में विरोध के स्वर सुने जाने के समाचार लगातार आ रहे हैं। उम्मीदवार बदले जाने की चर्चाओं में कितनी सच्चाई है, यह तो हम कह नहीं सकते। आपको याद दिला दें हमारे देश में मुहावरे बन जाते हैं कि अमुक के लिए भगवान है और अमुक अनिष्टकर्ता। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में मुहावरे हैं कि हरियाणा मोदी जी के लिए बहुत भाग्योदय का सूचक है, क्योंकि जब उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तब भी वह हरियाणा के प्रभारी थे, सीधे जाकर मुख्यमंत्री बन गए थे और जब प्रधानमंत्री की बारी आई तो प्रधानमंत्री का नाम तय होने के पश्चात हरियाणा के ही रेवाड़ी में की थी। इस दृष्टि से देखें तो मोदी के 400 पार के नारे का निर्णय शायद हरियाणा ही करेगा। वर्तमान में हरियाणा में मोदी की लोकप्रियता कम ही नजर आ रही है, जिसके प्रमाण हैं माजरा में एम्स रैली और गुरुग्राम द्वारका एक्सप्रेस वे की रैली, जनसमुदाय की दृष्टि से असफल रही। शायद इसी का परिणाम था कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपने पद से हाथ धोना पड़ा। वर्तमान में यदि मोदी के नाम पर ही भाजपाईयों को विश्वास था तो किसी को भी उम्मीदवार बना सकते थे, क्योंकि वोट तो मोदी के नाम से मिलने थे परंतु उन्होंने भाजपा में नए आए अशोक तंवर और तत्काल भाजपा में आए रणजीत चौटाला, नवीन जिंदल को टिकट दिए और तीनों ही का जनता में विरोध देखा जा रहा है। अब इसमें क्या समझें कि मोदी की लोकप्रियता है या समाप्त है पर यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि भाजपाईयों की दृष्टि में तो है नहीं। Post navigation किडनी ट्रांसप्लांट कराने के गिरोह के खिलाफ अभियोग अंकित की जा रही है नियमानुसार कार्यवाही जमीन के फर्जी दस्तावेज बना धोखाधड़ी करने वाले आरोपी पुलिस पकड़ से दूर …….