कोरोना के समय दूसरों के लिए खुद की जान जोखिम में डालने वालों को बैठाया घर जुलाई 2020 में 2212 मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ लगाया था ठेके पर प्रदेश भर में स्वीकृत पदों के मुकाबले स्वास्थ्य विभाग में 36 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं चंडीगढ़, 04 अपै्रल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य कुमारी सैलजा ने कहा कि कोरोना की भयावह स्थिति के दौरान जिन कर्मियों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर प्रदेश के लोगों की जान बचाने की हिम्मत जुटाई, उन्हें भाजपा सरकार सम्मानित करने की बजाए घर बैठा रही है। स्वास्थ्य विभाग में ठेके पर लगाए गए इन कर्मियों में से अधिकतर की सेवा समाप्त कर दी गई हैं। अपनी आवाज सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए इन्हें 4 अप्रैल को सीएम आवास के घेराव तक का फैसला लेना पड़ रहा है। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि कोरोना की वजह से प्रदेश में हालात बिगडने लगे तो स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई 2020 में 2212 कर्मियों की ठेके पर भर्ती की थी। इनमें मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ शामिल था। कोरोना पीड़ितों के पास जब हर कोई जाने से बच रहा था तो इन्होंने अपनी जान को जोखिम में डाला। इनमें से किसी ने कोरोना के सैंपल एकत्रित किए तो किसी ने उन सैंपल की जांच की। किसी ने कोरोना मरीजों को समय पर दवाएं दी तो किसी ने उन तक खाना पहुंचाया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनकी मेहनत की बदौलत लाखों लोगों की जान बच गई, वरना मौतों का आंकड़ा प्रदेश में और भी भयावह हो सकता था। संसाधनों की कमी के बीच इनकी कड़ी मेहनत और सेवा भाव को देखते हुए प्रदेश सरकार को इन्हें सम्मानित करना चाहिए था, लेकिन तत्कालीन भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार इनके ही पीछे पड़ गई है और समय-समय पर इनमें से अधिकतर की सेवाओं को भी समाप्त कर दिया गया। कुमारी सैलजा ने कहा कि इनके संघर्ष और बार-बार धरना-प्रदर्शन के कारण सरकार ने इनमें से 826 कर्मियों को फिर से लगा लिया था लेकिन अक्टूबर 2023 में बजट जारी करने के बावजूद 22 जिलों में 190 कर्मचारियों को ज्वाइनिंग ही नहीं दी गई। इससे पता चलता है कि प्रदेश सरकार युवाओं के लिए नए रोजगार सृजित करने की बजाए ठेके पर कार्यरत कर्मियों को भी हटाकर घर बैठा रही है, जो कि सरासर गलत है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश भर में स्वीकृत पदों के मुकाबले स्वास्थ्य विभाग में 36 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। जिला अस्पतालों से लेकर स्वास्थ्य केंद्रों तक में मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर्स से लेकर स्टाफ नर्स तक के पद खाली हैं। लेबोरेट्रियों में जांच करने वाले विशेषज्ञों का अभाव है। कुमारी सैलजा ने लचर स्वास्थ्य सेवाओं को देखते हुए हटाए गए सभी कोविड कर्मियों को तुरंत काम पर लेने के आदेश जारी करने की मांग प्रदेश सरकार से की। Post navigation आज से सोनिया गाँधी की राज्यसभा सदस्यता का 6 वर्ष कार्यकाल आरम्भ अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में आप कार्यकर्ता सात अप्रैल को कुरुक्षेत्र में रखेंगे उपवास : अनुराग ढांडा