भरोसा करना या नहीं करना, यह आपकी है मर्जी

एमएलए और एमपी की पेंशन बंद करने के लिए मंथन

समाप्त होंगे टोल बैरियर रेलवे जंक्शन पर लगेगा जंक्शन टैक्स

देश में हवाई यात्रा के लिए किराया किया गया आधा

एफएसयू होली न्यूज़

नई दिल्ली / गुरुग्राम । अबकी बार, हो जाएंगे पार, होंगे पार, हो जाएंगे पार । विभिन्न एजेंसियों का आउटपुट मिलते ही अप्रैल फूल के महोत्सव को ध्यान में रखते हुए आपात बैठक कर पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम तुरंत प्रभाव से घटा दिए गए हैं । कम किए गए यह रेट कब से लागू किए जाएंगे ? इस मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन सकी। इस समाचार या बात पर भरोसा करना या नहीं करना, यह आपकी अपनी मर्जी है। जिस महत्वपूर्ण बैठक में यह फैसला लिया गया, उसे बैठक से बाहर आए खबरी ने बताया, बेड़ा पार होने पर मोहर लगती देख पेट्रोल और डीजल के दाम में 50 की घटोती कर दी गई । इसके साथ-साथ रसोई गैस के दाम में भी 500 घाटा उठाने पर सहमति बनाई गई है। रेट घटने अथवा कम होने पर पेट्रोल, डीजल और गैस विक्रेताओं को यह छूट रहेगी की वह रेट कम करें या नहीं करें।

इसी बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक देशभर में टोल टैक्स बैरियर भी मंगलवार से हटाए जा सकते हैं। इन हालात में राजस्व के होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए फैसला किया गया कि देशभर के विभिन्न रेलवे जंक्शनों पर ट्रेन में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों से टोल के बदले अब जंक्शन टैक्स वसूल किया जाए। ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों को यह सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा सकती है कि वह चाहे तो यात्रा वाले स्टेशन से खरीदी गई टिकट या मासिक सीजन टिकट के साथ ही जंक्शन टैक्स का भुगतान भी कर सकेंगे। इसी कड़ी में एक और महत्वपूर्ण फैसले पर सहमति बनाई गई की देशभर में आवागमन करने के लिए हवाई यात्रा का किराया भी तुरंत प्रभाव से आधा किया जाए । ऐसा किया जाने से विभिन्न एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और साधारण ट्रेन में यात्रियों की भीड़ में कमी आएगी । हवाई चप्पल पहनने वाले लोगों का भी हवाई यात्रा का सपना साकार हो सकेगा।

खबरी लाल के मुताबिक एमएलए और एमपी की पेंशन बंद करने के लिए विचार विमर्श के दौरान तापमान न्यूनतम स्तर पर लुढ़क गया। बैठक में मौजूद सभी लोगों की कपकपी छूटने लगी। आखिरकार इस बात पर सहमति बनी की एक बार से अधिक चुनाव जीतने वाले एमएलए और एमपी अपनी एक बार की ही पेंशन छोड़ेंगे। इन सभी मुद्दों के अलावा बैठक में चिंता और मंथन किया गया कि ऐसे मुद्दों पर फोकस किया जाए, जिन मुद्दों पर आम जनता मतदान करने के बाद आगामी चुनाव तक उन्हीं मुद्दों पर आपस में एक दूसरे का ध्यान आकर्षित करते हुए बहस करती रहे । इस प्रकार से होने वाली बहस पर भी टैक्स लागू किया जाए, जिससे कि सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती रहे।

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