मुख्यमंत्री सहित 13 मंत्रीयों को देखने के बाद कोई अंधा भी बता सकता है कि यह मंत्रीमंडल पूर्णतया जातिय धु्रवीकरण की राजनीति का कार्ड है : विद्रोही नायब सिंह सैनी मंत्रीमंडल का होना या न होना आम हरियाणवी के लिए कोई मायने नही रखता और केवल संवैद्यानिक औपचारिकता पूरी करने वाला मंत्रीमंडल मात्र है : विद्रोही 20 मार्च 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजप-नायब सिंह सैनी का मंत्रीमंडल लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनावों में जातिय आधार पर हरियाणा की जनता को मूर्ख बनाकर वोट हडपने का कुप्रयास मात्र है। विद्रोही ने कहा कि लोकसभा चुनावों की घोषणा से ठीक चार दिन पहले 12 मार्च को रातो-रात मनोहरलाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने की मोदी-भाजपा ने चाल चलकर हरियाणा में जातिय धु्रवीकरण करके वोट हडपने का जो जुगाड़ बैठाया था, वह अब सबके सामने बेनकाब हो चुका है। 12 मार्च को मुख्यमंत्री नायब सैनी सहित मंत्रीमंडल में 6 सदस्यों ने शपथ ली और 19 मार्च को 8 मंत्रीयों को और शपथ दिलवाकर नायब सैनी ने अपने मंत्रीमंडल के सभी 14 पदों को भर दिया। मुख्यमंत्री सहित 13 मंत्रीयों को देखने के बाद कोई अंधा भी बता सकता है कि यह मंत्रीमंडल पूर्णतया जातिय धु्रवीकरण की राजनीति का कार्ड है। मोदी-भाजपा ने अपने मंत्रीमंडल में विभिन्न जातियों की 14 कठपुतलियों को सजाधजा कर कुर्सी पर बैठाया है जिसकी डोर मोदी-संघ व अमित शाह के हाथों में है और वे दिल्ली और नागपुर में बैठकर विभिन्न जातियों के इस तथाकथित भाजपा नायब सिंह सैनी सरकार व इन मंत्रीयों को मनमाने ढंग से नचाएंगे। विद्रोही ने कहा कि वैसे भी इन मंत्रीयों के पास सजावटी कठपुतली की तरह सरकार की शोभा बढाने के अलावा और कोई काम नही है क्योंकि 5 जून तक लोकसभा चुनावों के मध्यनजर उक्त मंत्री लगभग ढाई माह कोई काम कर ही नही सकते। वहीं अक्टूबर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मध्यनजर अगस्त-सितम्बर माह में फिर डेढ़ माह के लिए आदर्श चुनाव आचार संहित लग जायेगी। इस तरह लगभग 4 माह तक मुख्यमंत्री सहित सभी 14 मंत्री जनहित व विकास कार्यो के लिए पैसेभर का काम, निर्णय लेने की स्थिति में नही है। नायब सिंह सैनी मंत्रीमंडल के पास मुश्किल से ढाई माह का समय बचा है जिसमें वे मुख्यमंत्री व मंत्री के रूप में कुछ स्वतंत्र निर्णय ले पायेंगे। ऐसी स्थिति में नायब सिंह सैनी मंत्रीमंडल का होना या न होना आम हरियाणवी के लिए कोई मायने नही रखता और केवल संवैद्यानिक औपचारिकता पूरी करने वाला मंत्रीमंडल मात्र है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा भी इस तथ्य को समझती है, तभी उसने हरियाणा भाजपा सरकार के मंत्रीमंडल का गठन इस तरह किया है ताकि वे जातिय धु्रवीकरण की राजनीति का कार्ड लेकर जनता को ठगकर वोट हडपी जा सके। विद्रोही ने कहा कि आम जनता अच्छी तरह से जानती व सझमती है कि हरियाणा भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित सभी मंत्री जातिय धु्रवीकरण की राजनीति की सजावटी कठपुतलियों का जमावडा मात्र है जिसका एक मात्र मकसद लोगों को ठगकर वोट हडपने का है। इस मंत्रीमंडल का लक्ष्य आम हरियाणवी के हित, विकास से दूर-दूर तक कोई वास्ता नही है। Post navigation क्या है, सुभाष बराला को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाने की रणनीति ! मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में गरीब बच्चों को मिलेगा आरटीई प्रवेश 2024.25 के तहत दाखिला