4 साल में खराब फसल के 422 करोड़ रुपये किसानों को बीमा कंपनियों से दिलवाने बाकी अब फिर सवा चार लाख किसानों ने मांगा है खराबे का मुआवजा चंडीगढ़, 12 मार्च। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव, उत्तराखंडी की प्रभारी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार भी केंद्र की भाजपा सरकार की तरह जुमलेबाज है। किसानों को फसल खराब होने पर मुआवजा देने का ऐलान तो सरकार कर देती है, लेकिन अपनी घोषणा को सिरे नहीं चढ़ाती। इसी वजह से 4 साल का फसल खराब होने का करीब 422 करोड़ रुपए मुआवजा अब भी बकाया है, जिसे दिलाने के लिए बीमा कंपनियों पर कोई सख्ती नहीं की जा रही है। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि जब भी बारिश, बाढ़ या ओलावृष्टि से फसल खराब होती है तो वाहवाही लूटने के लिए हरियाणा सरकार मुआवजा देने का ऐलान कर देती है। लेकिन, बाद में मुआवजा देना ही भूल जाती है। कभी फिजिकल वेरिफिकेशन न होने का बहाना बनाती है तो कभी मंडी में आई फसल के डेटा का मिलान करने की बात कहती है। बहाने बनाकर मुआवजे को सिर्फ इसलिए लटकाती है, ताकि किसान भूल जाएं और उसे मुआवजा न देना पड़े। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बार भी बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित 4.25 लाख किसान खराबे की रिपोर्ट ईक्षतिपूर्ति पोर्टल पर कर चुके हैं। लेकिन, इन्हें मुआवजा कब दिया जाएगा, इसको लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। देखा जाए तो फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश के किसानों को साल 2020 से लेकर 2023 तक का भी मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। मुआवजे की आस में वे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। किसानों को पोर्टलबाजी में उलझाने के सिवाय सरकार कुछ नहीं कर रही, जिससे किसानों में निराशा देखी जा रही है। कुमारी सैलजा ने कहा कि फसल बीमा कराने के लिए सरकार किसानों पर दबाव बनाती है। उनके बैंक खातों से स्वत: ही राशि काटकर बीमा कंपनियों को दे दी जाती है। इसके बावजूद एक बार भी बीमा कंपनियों पर सरकार दबाव नहीं बनाती कि वे किसानों के नुकसान की भरपाई करें। इसके चलते ही भिवानी जिले के किसानों के साल 2023 के फसल बीमा क्लेम के 100 करोड़ रुपए बकाया हैं। हिसार जिले में बीमा कंपनियों की ओर किसानों के साल 2020 और 2022 के 88 करोड़ रुपए मुआवजे के लंबित हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फतेहाबाद जिले के किसानों को साल 2021 में खराब हुई फसल के 15 करोड़ रुपए आज तक नहीं मिले हैं। सोनीपत में साल 2023 की फसलों के 2 करोड़ रुपए मिलने का इंतजार किसान कर रहे हैं। इनके अलावा प्रदेश के 15 जिलों के किसानों की खरीफ 2023 की फसल के पीएम फसल बीमा योजना के तहत 258 करोड़ रुपए की राशि लंबित पड़ी है। कुमारी सैलजा ने कहा कि इसमें से अकेले भिवानी जिले के 147 करोड़, फतेहाबाद के 33 करोड़, दादरी के 18 करोड़, सिरसा के 49 करोड़ रुपए बकाया हैं। इससे पता चलता है कि हरियाणा सरकार बीमा कंपनियों पर पूरी मेहरबान है। बीमा कराते समय कमीशनखोरी के चक्कर में खातों से राशि तो काट लेती है, लेकिन बीमा कंपनियों पर किसी तरह का कोई भी दबाव क्लेम देने के लिए नहीं बनाती। Post navigation हरियाणा के नये मुख्यमंत्री नायब सैनी को 11 सितम्बर 2024 से पहले विधायक बनना आवश्यक — एडवोकेट हेमंत रामभक्त का श्राप मनोहर लाल को ले डूबा ……. एनआईटी विधायक नीरज शर्मा