CJI ने रिटर्निंग ऑफिसर से 8 बैलेट पेपर मांगते हुए कहा कि वह 8 अमान्य बैलेट पेपर देखना चाहते हैं, जिसके बाद बैलेट पेपर कोर्ट को दिए गए. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि  8 बैलेट पेपर में AAP के कुलदीप कुमार को वोट दिए गए.

दिल्ली/चंडीगढ़, 20 फ़रवरी, 2024 – चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने बीजेपी और आप के बीच विवाद में आठ “अमान्य” वोटों की जांच की. अदालत ने कहा कि इन वोटों को फिर से गिना जाएगा… वैध माना जाएगा” और इसके आधार पर ही परिणाम  घोषित किए जाएंगे.

बता दें कि CJI ने रिटर्निंग ऑफिसर से 8 बैलेट पेपर मांगते हुए कहा कि वह 8 अमान्य बैलेट पेपर देखना चाहते हैं, जिसके बाद बैलेट पेपर कोर्ट को दिए गए. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि  8 बैलेट पेपर में AAP के कुलदीप कुमार को वोट दिए गए. अदालत ने सभी पक्षों को बैलेट पेपर देखने को दिए, जिसके बाद मसीह और उनके वकील मुकुल रोहतगी ने भी इनको देखा. इस दौरान वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे अदालत की अवमानना कहते हुए इसे जघन्य अपराध बताया. वहीं चीफ जस्टिस ने सुझाव दिया कि 8 अमान्य वोटों को भी मान्य मानकर गिनती दोबारा कराकर नतीजा घोषित किया जाए. 

बैलेट पेपर से छेड़छाड़ का लगा था आरोप

बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर ने 16 वोटों से जीत हासिल की थी. उन्होंने आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शिकस्त दी थी, जिनको 12 वोट मिले थे. जब रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन सहयोगियों के आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया, तब मामले में विवाद खड़ा हो गया. जिसके बाद बैलेट पेपर में छेड़छाड़ का आरोप लगाया जाने लगा. 

चुनाव के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बीजेपी के अल्पसंख्यक सेल के सदस्य मसीह को आप पार्षदों के लिए डाले गए बैलेट पेपर्स पर निशान लगाते हुए दिखाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने, 5 फरवरी की सुनवाई के दौरान इस कार्य की निंदा करते हुए इसे “लोकतंत्र का मजाक” करार दिया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कथित “खरीद-फरोख्त” पर गहरी चिंता जताते हुए बैलेट पेपर्स और मतगणना प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच करने का फैसला किया था.

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