जून,2016 के बहुचर्चित स्याही कांड के बाद आयोग ने 3 चुनावों में नांदल को नहीं बनाया था आर.ओ. — एडवोकेट हेमंत चंडीगढ़ – आगामी 2 अप्रैल 2024 को हरियाणा से भाजपा सांसद डॉ. डी.पी. वत्स का 6 वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने के फलस्वरूप रिक्त होने वाली एक राज्यसभा सीट पर चुनाव हेतु नोटिफिकेशन बीती 8 फरवरी को जारी कर दी गयी है. 15 फरवरी तक नामांकन भरे जाएंगे, 16 फरवरी को नामांकन की जांच होगी, 20 फरवरी तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे, अगर आवश्यक हुआ, तो 27 फरवरी को मतदान करवाया जाएगा. इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि चूँकि इस बार हरियाणा से राज्यसभा की एक ही सीट के लिए निर्वाचन होना है, इसलिए निर्वाचन संचालन नियमानुसार जीतने वाले उम्मीदवार को निर्धारित 46 वोट चाहिए जो केवल सत्तारूढ़ भाजपा- जजपा गठबंधन के पास ही है. कांग्रेस के पास अपने केवल 30 वोट है. इसलिए अबकी बार केवल भाजपा- जजपा गठबंधन का ही उम्मीदवार नामांकन भरेगा और मतदान की आवश्यकता ही नहीं होगी एवं नामांकन वापसी के दिन अर्थात 20 फरवरी को ही रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) द्वारा उस उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित कर इलेक्शन सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा. इस बीच हेमंत ने एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि गत 8 फरवरी को भारतीय चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व (आर.पी.) कानून, 1951 की धारा 21 में एक अलग नोटिफिकेशन जारी कर मौजूदा विधानसभा सचिव आर.के. नांदल के स्थान पर प्रदेश कैडर के 2005 बैच के आईएएस साकेत कुमार, जो वर्तमान में उत्तर हरियाणा वितरण निगम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर तैनात है, उन्हें उक्त एक सीट के चुनाव के लिए आर.ओ. पदांकित किया है. हालांकि असिस्टेंट आर.ओ. के लिए विधानसभा सचिवालय में उपसचिव गौरव गोयल को पदांकित किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व जुलाई,2022 में देश के राष्ट्रपति के चुनाव दौरान हरियाणा विधानसभा के लिए विधानसभा सचिव नांदल और विष्णु देव, अंडर सेक्रेट्री दोनों को असिस्टेंट आर.ओ. पदांकित किया गया था. राष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल आर.ओ. थे. उसी वर्ष जून,2022 हरियाणा से दो राज्यसभा सीटों के द्विवार्षिक चुनावों में भी नांदल और विष्णु देव को दोनों को क्रमशः आर.ओ. और असिस्टेंट आर.ओ. बनाया गया था. हालांकि मार्च, 2020 में हरियाणा से दो राज्य सभा सीट के द्विवार्षिक चुनावो में भी नांदल की बजाए आयोग ने प्रदेश कैडर के 2003 बैच के आईएएस अजीत बालाजी जोशी ( अब पंजाब कैडर में स्थानांतरित) को आर.ओ. की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. उससे पूर्व भी मार्च, 2018 में भी हरियाणा से एक राज्य सभा सीट के द्विवार्षिक चुनाव में आयोग ने नांदल के स्थान पर 2001 बैच के आईएएस विजय सिंह दहिया को आर.ओ. बनाया था. साढ़े 6 वर्ष पूर्व जून-जुलाई 2017 में भी चुनाव आयोग ने भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति चुनावों के हरियाणा विधानसभा के सम्बन्ध में सहायक आर.ओ. के तौर पर जिम्मेदारी नांदल को न देकर प्रदेश के 2000 बैच के आईएएस अधिकारी पंकज अग्रवाल को दी थी. बहरहाल, हेमंत ने वर्ष 2017 में नांदल को तत्कालीन राष्ट्रपति चुनाव में असिस्टेंट आर.ओ. न पदांकित किये जाने पर चुनाव आयोग में एक आर.टी.आई. याचिका दायर की थी जिसके जवाब में उन्हें बताया गया कि चूँकि चुनाव आयोग ने हरियाणा सरकार को सितम्बर, 2016 में एक पत्र लिखकर हरियाणा में जून, 2016 में संपन्न हुए राज्यसभा द्विवार्षिक चुनाव ( जिसमें बहुचचित स्याही कांड हुआ जब दो दर्जन कांग्रेस विधायकों के वोट गलत पेन से वोट डालने कारण रद्द कर दिए गये थे ) में विधानसभा सचिव एवं तत्कालीन आर.ओ. नांदल की चुनाव अधिकारी के तौर पर भूमिका में पर्यवेक्षी नियंत्रण में कमी एवं चूक बरतने की वजह से उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने को कहा था अत: उन्हें वर्ष 2017 राष्ट्रपति चुनाव दौरान असिस्टेंट आर.ओ. की जिम्मेदारी नहीं दी गयी थी हालांकि उसके बाद भी यह सिलसिला वर्ष 2020 राज्यसभा चुनावो तक जारी रहा. हेमंत ने बताया कि विधानसभा सचिव आर.के.नांदल की नियुक्ति नवम्बर, 2006 में हुड्डा सरकार के दौरान सीधे डिप्टी सेक्रेटरी के तौर पर हुई थी जहाँ से प्रमोट होकर वह पहले जॉइंट सेक्रेटरी, फिर एडिशनल सेक्रेटरी और वर्ष 2014 में विधानसभा सेक्रेटरी (सचिव) बने जहाँ से उनकी सेवानिवृत्ति अगले माह 31 मार्च, 2024 को होगी. Post navigation नकारात्मक हो चुका कांग्रेस नेताओं का व्यवहार: नायब सैनी किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च : सड़क पर कीलें…….. हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट बंद