1 फरवरी, चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बजट के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की गई है. इससे ना करदाता को कोई राहत मिली, ना इसमें बेतहाशा महंगाई को कम करने का कोई रोडमैप दिखाई दिया. इसमें किसान की एमएसपी व अन्य मांगों को भी पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है. गृहणी, मजदूर, कर्मचारी और व्यापारी वर्ग को भी बजट से सिर्फ निराशा हाथ लगी.

हुड्डा ने कहा कि 10 साल में सरकार का राजकोषीय घाटा लगातार बढ़ता गया. 2014 तक यूपीए सरकार में यह सिर्फ 4.8% था, जो अब बढ़कर 5.8 हो गया है. जबकि जीडीपी की विकास दर में भारी कमी देखने को मिली है. यूपीए सरकार के दौरान औसत विकास दर लगभग 8% रही, जो बीजेपी के 10 साल में 6% तक भी नहीं पहुंच सकी. इस बार के बजट से भी अर्थव्यवस्था में बेहतरी की कोई उम्मीद नजर नहीं आती.

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