जनता से किया आह्वान, पानी का सदुपयोग करें, दुरुपयोग नहीं, पानी के रि-यूज और रि-साईकिल पर जोर दें

प्रदेश में भूजल रिचार्जिंग के लिए 1000 और रिचार्ज-वेल किए जाएंगे स्थापित

मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत 1,74,000 एकड़ क्षेत्र में किसानों ने धान के स्थान पर अन्य फसलों को अपनाया

चंडीगढ़, 24 जनवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेश के नागरिकों का आह्वान किया कि पानी का सदुपयोग करें, दुरुपयोग नहीं। पानी बेशकीमती है, इसलिए उपलब्ध पानी का उपयोग कर उसे पुनः उपयोग करने की आदत बनायें।

  मुख्यमंत्री आज जिला फतेहाबाद में टोहाना विधानसभा क्षेत्र के डुल्ट गांव में वर्चुअल माध्यम से प्रदेशभर में 60 अमृत प्लस सरोवरों का उद्घाटन करने उपरांत जनता को संबोधित कर रहे थे। आज उद्घाटन किए गए 60 अमृत सरोवरों में जिला फतेहाबाद के 31 अमृत सरोवर हैं।       

 श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के तालाबों की कायाकल्प करने के लिए वर्ष 2022 में अमृत सरोवर मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन के तहत हरियाणा में 1 मई, 2002 से हर जिले में 75 तालाब के अनुसार कुल 1650 तालाबों का जीर्णोद्धार कर अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। राज्य सरकार व स्थानीय स्तर पर किए गए प्रयासों के फलस्वरूप हरियाणा 2078 अमृत सरोवर बनाने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी 1 माह में 200 और अमृत सरोवर बनाए जाएंगे।

तालाबों के कायाकल्प के लिए बनाया हरियाणा तालाब प्राधिकरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में तालाबों के कायाकल्प के उद्देश्य से हमने हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया है और प्राधिकरण को प्रदेश में उपलब्ध तालाबों का सर्वे करने के निर्देश दिए थे। सर्वे के अनुसार प्रदेश में 19,649 तालाब पाए गए, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 18 हजार तालाब तथा शहरों में 900 तालाब शामिल हैं। इन तालाबों में लगभग 11,000 प्रदूषित तालाब हैं, इनके कायाकल्प के लिए कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार राज्य में पानी की मांग लगभग 35 लाख करोड़ लीटर पानी की है, जबकि हमारे पास लगभग 21 लाख करोड़ लीटर पानी उपलब्ध है। इस प्रकार लगभग 14 लाख करोड़ लीटर पानी की कमी है। भूजल के अलावा पानी की उपलब्धता बरसात व पहाड़ों से आने वाले पानी से होती है।       

 उन्होंने कहा कि एसवाईएल नहर के माध्यम से समझौते के अनुसार हरियाणा को पंजाब से पानी मिलना था, लेकिन यह अभी नहीं मिल रहा है। यह अंतरराज्यीय विवाद है। इस विवाद को हल करने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट तक गए है। यह विवाद अभी हल नहीं भी हो रहा है तो भी हरियाणा सरकार ने पानी का बेहतर प्रबंधन किया है। दक्षिण हरियाणा में लगभग 300 टेलों तक हमने पानी पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल प्रदूषण बोर्ड ने प्रदेश में प्रदूषित जल को संशोधित करने, जल संरक्षण, जल प्रबंधन के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की है और अन्य राज्यों के लिए हरियाणा को मॉडल बताया है।

वर्तमान सरकार ने तालाबों के कायाकल्प व सौंदर्यीकरण की राशि को बढ़ाकर किया 7 लाख रुपये

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आने से पूर्व तालाबों की सफाई व सौंदर्यीकरण के लिए केवल 50,000 रुपये प्रति तालाब निर्धारित थे। लेकिन हमारी सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपये प्रति तालाब किया है, जिसके फलस्वरूप आज प्रदेश में तालाबों का कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तालाबों में पानी को साफ करके डालने से उसका उपयोग सिंचाई, पशुओं के पीने के लिए व अन्य आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है।

जलभराव की समस्या के समाधान के लिए प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हों किसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों ने रासायनिक खादों का अत्यधिक उपयोग कर फसल की पैदावार तो बढ़ा ली, परंतु जमीन की गुणवत्ता खराब हो गई। रसायनों के कारण जमीन में एक पक्की लेयर बनने के कारण बरसात का पानी जमीन के नीचे नहीं जा रहा, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव व दलदल की समस्या बन चुकी है। इतना ही नहीं, रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग के कारण आज कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो रही है। इस समस्या से निजात पाने के लिए हमें प्राकृतिक खेती की ओर जाना होगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि जल संरक्षण व जलभराव की समस्या से बचने के लिए धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करें। इसके लिए सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना चलाई है, जिसके तहत धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। अब तक 1,74,000 एकड़ जमीन पर किसानों ने धान लगाना छोड़ दिया है।

प्रदेश में भूजल रिचार्जिंग के लिए 1000 और रिचार्ज-वेल किए जाएंगे स्थापित        

श्री मनोहर लाल ने कहा कि भूजल रिचार्जिंग पर फोकस करते हुए प्रदेश में 1000 रिचार्ज-वेल बनाये जा चुके हैं। अगले वर्ष के लिए भी 1000 रिचार्ज-वेल बनाने का लक्ष्य रखा है। इन वेल के बनने से हर वर्ष लगभग 8000 एकड़ अतिरिक्त जमीन पर सिंचाई संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कुल 95 लाख एकड़ जमीन कृषि योग्य है, इसमें से 45 लाख  एकड़ में नहरी पानी से  सिंचाई हो पाती है। शेष भूमि पर बरसात के पानी से या ट्यूबवेल के माध्यम से सिंचाई होती है।        

मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी को शुद्ध करने के लिए प्रदेश में 200 ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं, जिनसे 700 क्यूसेक पानी उपलब्ध हो रहा है। इस पानी का उपयोग बागवानी, सिंचाई,पावर प्लांटों व उद्योगों में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांवों में बरसात व भूजल स्तर की स्थिति का पता लगाने के लिए जल प्रवाह मीटर, मैनुअल वर्षा मा‌प यंत्र तथा पीजोमीटर का उपयोग करें। वर्षा जल संचयन पर जोर दें। उन्होंने आह्वान किया कि पानी अमूल्य है, इसलिए इसे व्यर्थ नष्ट न करें और रि-साइकल व रि-यूज करें।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में टोहाना क्षेत्र निरंतर विकास की ओर अग्रसर- देवेंद्र बबली        

इस अवसर पर विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि टोहाना क्षेत्र नहरों की नगरी के साथ-साथ धार्मिक नगरी व योद्धाओं की धरती भी है और इस क्षेत्र में आज जो विकास हुआ है, वह पहले कभी नहीं हुआ। टोहाना क्षेत्र की अनदेखी पहले होती रही, लोग सत्ता सुख व वोट बटोरने की राजनीति करते रहे। लेकिन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस क्षेत्र में आज निरंतर विकास हो रहा है।        

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की सोच है कि हमारे गांव शहरीकरण की ओर बढ़े, इस सोच को वास्तव में हमने धरातल पर लागू किया है। उन्होंने कहा कि टोहाना बाईपास बनाने, फतेहाबाद में मेडिकल कॉलेज की सौगात देने तथा आज 31 अमृत सरोवरों का उद्घाटन करने के लिए मुख्यमंत्री का विशेष आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश के हर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास हो रहा है।        

इस अवसर पर सांसद श्रीमती सुनीता दुग्गल, विधायक श्री दुड़ाराम, जिला उपायुक्त श्री अजय तौमर, गांव की सरपंच श्रीमती हरप्रीत कौर ढिल्लों सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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