अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखती मुख्यमंत्री की घोषणाएं : लाल बहादुर खोवाल

सरकारी मेडिकल कॉलेज निर्माण में सीएम को जानकारी नहीं : लाल बहादुर खोवाल

हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने मुख्यमंत्री की गुमराह करने वाली घोषणाओं पर की तीखी प्रतिक्रिया

विकास के नाम पर भाजपा सरकार ने केवल घोषणाओं का पिटारा खोला : लाला बहादुर खोवाल

हिसार : मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने पिछले कुछ वर्षों में घोषणाओं का पिटारा खोल दिया है लेकिन किसी ने यह जहमत नहीं उठाई कि कितनी घोषणाएं पूरी हुई या उनका क्या हश्र हुआ है। इन घोषणाओं को लेकर हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपने कार्यकाल में जो भी घोषणाएं की हंै या तो उन्हें इनकी जानकारी नहीं है या जानबूझकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।

एडवोकेट खोवाल ने कहा कि वर्ष 2020 से 2023 के बीच 2246 घोषणाएं हुई जिनमें से मात्र 462 ही पूरी हुई है। 742 पर कार्य प्रगति पर दिखाया जा रहा है जबकि 19 ऐसी घोषणाएं है जिन्हें पूरी करना संभव ही नहीं है तो फिर ऐसी घोषणाओं का क्या औचित्य बनता है। उन्होंने कहा कि सरकार झूठी घोषणाएं करके जनता को गुमराह करती रही है। अधिकतर को पेंडिंग खाते में डाल दिया जाता है। इस स्थिति में फिर कैसे सरकार विकास के दावे कर रही है। हर जिले में सरकारी मेडिकल कॉलेज निर्माण का दावा किया जा रहा है। यदि सरकार की हिम्मत है तो श्वेत पत्र जारी करके इनकी मौजूदा स्थिति से जनता को अवगत करवाए। इससे सरकार का सारा झूठ जनता के सामने आ जाएगा।

खोवाल ने कहा कि जनता को सब्जबाग दिखाकर सत्ता हासिल करने वाली भाजपा-जजपा सरकार ने जनता के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनवाने का दावा कर रही है। वास्तविकता तो यह है कि कहीं जमीन तक का चयन नहीं किया गया और कहीं जमीन लेकर मेडिकल कॉलेज का बोर्ड लगाकर छोड़ दिया है। यह किसी को नहीं पता कि काम कब शुरू होगा। कुछ का बजट तक घोषित कर दिया लेकिन धनराशि आज तक जारी नहीं हुई। कुछ जिलों में मेडिकल कॉलेज के नाम पर केवल उनका नामकरण ही फाइलों में दिख रहा है। हर 20 किलोमीटर की दूर पर एक राजकीय महाविद्यालय बनाने की घोषणा की गई थी लेकिन हकीकत से हर नागरिक वाकिफ है।

हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020 में 199 घोषणाएं की थी। सरकार के खुद के आंकड़ों से पता चलता है कि इनमें से 112 पूरी हो चुकी हैं और 58 का कार्य प्रगति पर है, दो संभव नहीं हैं और 27 पेडिंग बताई गई हैं यानी घोषणाओं को पूरा होने का प्रतिशत 56.85 है। इसी प्रकार वर्ष 2021 में 277 घोषणाएं की गई, 88 पूरी बताई गई, 70 पर कार्य प्रगति पर है, तीन पूरी नहीं हो सकती, 116 पेडिंग दिखाई गई है यानी अभी तक 32.12 प्रतिशत घोषणाएं पूरी हुई हैं। वर्ष 2022 में 1471 सीएम घोषणाएं की गई, 215 पूरी हुई, 621 पर कार्य जारी है, 14 संभव नहीं हैं यानी इस वर्ष की गई घोषणाओं में से केवल 14.76 प्रतिशत ही पूरी हुई। वर्ष 2023 में 299 घोषणाएं हुई जिनमें से 47 पूरी बताई जा रही हैं और 13 पर काम प्रगति पर है, 239 पेंडिंग हैं यानी गत वर्ष मात्र 15.52 प्रतिशत घोषणाएं पूरी हुई। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े सरकार द्वारा दिसंबर 2023 में विधानसभा सत्र में पेश किए गए। उन्होंने कहा कि जितनी घोषणाएं पूरी होने का दावा किया जा रहा है, वह भी आंकड़ों का खेल हो सकता है और वास्तविकता कुछ और हो सकती है।

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