विद्यापीठ के श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में किया पूजन एवं अभिषेक वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 14 दिसम्बर : करीब चार दशकों से चली आ रही परम्परा अनुसार जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में संत महापुरुषों, विद्वानों एवं ब्रह्मचारियों ने गीता जयंती महोत्सव 2023 के लिए भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान का आहवान कर श्री हनुमत ध्वजारोहण किया और विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए गीता जयंती महोत्सव 2023 का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने साथियों के साथ श्री जयराम विद्यापीठ में पहुंचे। उन्होंने परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी से आशीर्वाद लेने के उपरांत विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की एवं अभिषेक किया। इस अवसर पर उनके साथ राज्य के पूर्व मंत्री अशोक कुमार अरोड़ा, कर्ण सिंह दलाल, महेंद्र चोपड़ा, प्रो. वीरेंद्र सिंह, पूर्व विधायक रमेश गुप्ता, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डा. कृष्ण चंद रल्हन सहित कई अन्य लोग भी मौजूद थे। विद्यापीठ के आचार्य मायाराम रतूड़ी, आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार एवं प्राचार्य रणबीर भारद्वाज ने वेदाचार्यों के साथ मंत्रोच्चारण से पूजन सम्पन्न करवाया। श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने कहा कि भारतीय संस्कृति व परम्परा के अनुसार धार्मिक आयोजन संतों महापुरुषों के द्वारा ही होते हैं। उन्होंने कहा कि जहां भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान विराजमान हों, धर्म की भावना और विश्वास होता है। विद्यापीठ में श्री हनुमत पूजन, ध्वजारोहण एवं गीता पाठ के उपरांत परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कुरुक्षेत्र तो भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से उत्पन्न पावन गीता की जन्मस्थली एवं कर्म भूमि है। यहां प्रतिदिन गीता उत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। ब्रह्मचारी ने बताया कि इस सृष्टि में कोई भी मंगल एवं महान कार्य वीर हनुमान के बिना सम्पन्न नहीं किया जा सकता है। महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के रथ का ध्वज भी भगवान श्री राम भक्त वीर हनुमान के हाथ में ही था। रावण पर भगवान श्री राम की विजय में भी वीर हनुमान का श्रेय था। जहां भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान विराजमान हो जाएं तो वह भूमि आस्था, धर्म भावना तथा विश्वास की भूमि होती है। उन्होंने बताया कि वर्षों से विद्यापीठ की परम्परा एवं विश्वास है कि भगवान श्री राम भक्त हनुमान के विद्यमान रहते हुए गीता ज्ञान महायज्ञ के सभी कार्य निर्विघ्न सम्पन्न होते हैं। गीता जयंती महोत्सव के धर्म रथ पर स्वयं वीर हनुमान विराजमान होते हैं। ब्रह्मचारी ने कहा कि वे तो सेवक के रूप में गुरु परम्परा के अनुसार संतों की सेवा कर रहे हैं। गीता जयंती महोत्सव तो पूरे समाज का सांझा अनुष्ठान है। उन्होंने कहा कि यह सेवा संस्कार की भावना गुरुओं की प्रेरणा एवं संत महापुरुषों की सेवा से मिली है। इस अवसर पर षडदर्शन साधुसमाज के संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, आचार्य बलराम, के.के. कौशिक एडवोकेट, आचार्य सोमनाथ गौतम, टेक सिंह लौहार माजरा, श्रवण गुप्ता, कुलवंत सैनी, पवन गर्ग, राजेंद्र सिंघल, ईश्वर गुप्ता, राजेश सिंगला, के.सी. रंगा, हरि सिंह, सुशील कंसल, विवेक भारद्वाज, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अलोक शर्मा, प्रवेश राणा, यशपाल राणा, चंद्रभान कमोदा, सुनीता नेहरा, शमशेर कश्यप, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, विनोद कुमार, सुनील गोरी, जयराम महिला मंडल की संतोष यादव, संगीता शर्मा इत्यादि भी मौजूद इत्यादि मौजूद रहे। Post navigation लुप्त हो रही संस्कृति को संरक्षित कर रहा है अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव गीता स्थली कुरुक्षेत्र पूरे विश्व को दिखा रहा है शांति सदभावना का मार्ग : ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी